पलामू: झारखंड पुलिस का स्लोगन है सेवा ही लक्ष्य. इस स्लोगन के अनुरूप पुलिस के कई ऐसे मानवीय चेहरा नजर आता है, जो विषम परिस्थिति में भी ड्यूटी पर तैनात रहते हैं. एक तरफ नक्सल के खिलाफ पुलिस अभियान चला रही है. वहीं दूसरी ओर शहरों में शांति व्यवस्था कायम करना भी पुलिस के जिम्मे है. इस कार्य में पुरुषों के साथ महिला बल भी कदम से कदम मिलाकर चल रही है. कुछ ऐसा ही नजारा पलामू में देखने को मिला है, जहां एक महिला पुलिसकर्मी छह महीने के बच्चे को गोद में लेकर नेशनल हाइवे पर खड़ा होकर लोगों की सुरक्षा में लगी हैं. वह भी उस दौरान जब नक्सलियों ने बंद की घोषणा की थी.
बच्चे को लेकर ड्यूटी करती हैं आशा
पलामू में महिला पुलिसकर्मी आशा कुमारी पीसीआर में तैनात हैं, जो नेशनल हाइवे पर पेट्रोलिंग करती हैं. हाल ही में उनकी तैनाती पुलिस लाइन से पीसीआर में हुई है. आशा बताती हैं कि वह दो बच्चो की मां हैं. बड़े बच्चे को वह घर में छोड़कर आती हैं. छोटे बच्चे को वह साथ में लेकर ड्यूटी करती हैं. पति जब घर में रहते हैं तो बच्चे को लेकर वह ड्यूटी पर नहीं जाती हैं.
अधिकारी करते हैं मदद
आशा जब बच्चे के साथ ड्यूटी पर आती हैं, तो साथ में मौजूद अधिकारी उनकी मदद करते हैं. हाइवे पेट्रोलिंग में तैनात रामानंद पासवान बताते हैं कि थोड़ी परेशानी होती है, एक और महिला बल की मांग की गई है, ड्यूटी के दौरान वह हर संभव मदद करने की कोशिश करते हैं.
2017-18 में सहायक पुलिस की हुई थी भर्ती
झारखंड पुलिस ने नक्सल इलाके के युवाओं को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सहायक पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई है. पलामू में करीब 250 युवाओं की भर्ती हुई है. इसी में आशा भी पुलिस बल में भर्ती हुई हैं. वह मूल रूप से पाटन थाना क्षेत्र के बनासो की रहने वाली हैं. सहायक पुलिस जवान रामनाथ बताते हैं कि वे उनका जज्बा है और हर पर परिस्थिति में वह काम करने को तैयार हैं.