ETV Bharat / state

पलामूः जमीन को लेकर आंदोलन, कागजात की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना - भूमिहीनों को जमीन दिया

जमीन की लड़ाई पलामू में कई दशकों से चली आ रही है. ग्रामीणों का आंदोलन एक बार फिर से जोर पकड़ा है. दस्तावेज की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना दे रहे हैं और अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं.

villagers-movement-over-demand-for-land-documents-in-palamu
ग्रामीणों का धरना
author img

By

Published : Mar 12, 2021, 8:24 AM IST

Updated : Mar 12, 2021, 2:42 PM IST

पलामूः जिला के बिश्रामपुर प्रखंड के अमवा गांव के शीला देवी और लीलावती देवी को सीलिंग एक्ट के बाद जमीन मिली थी. उस जमीन पर इनकी कई पुश्त गुजर गई है. इनके पूर्वज का स्वर्गवास हो गया है लेकिन इन्हें जमीन पर अधिकार अब तक नहीं मिल पाया है.

देखें स्पेशल स्टोरी

इसे भी पढ़ें- जमीन मिली, पर नहीं मिले कागजात, पीढ़ियां गुजर गईं समस्या जस की तस, अब बेचे जा रहे गांव के गांव

आज उनकी जमीन पर जमींदार फिर से कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं. कई जगह जमीनदार कब्जा कर चुके हैं और उन्हें जमीन से बेदखल कर चुके हैं. जमीन को लेकर फिर से आंदोलन की शुरू हो गया है, अभी यह स्वरूप धरना तक ही सीमित है. बिश्रामपुर प्रखंड कार्यालय में दर्जनों लोगों ने धरना दिया जिनके पास जमीन तो है लेकिन कागजात नहीं है. धरना में शामिल होने वाली बलवंती देवी बताती हैं कि उन्हें बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है. उनके पास पूर्वजों की जमीन है लेकिन कागजात नहीं है. जिसके लिए आज वो लड़ाई लड़ रही हैं.

जमीन के कागजात को लेकर कई स्तर पर आवाज उठाई गई थी- पूर्व सांसद
पलामू के पूर्व सांसद कामेश्वर बैठा बताते हैं कि यह सही है कि वामपंथी आंदोलन के दौरान या नक्सल आंदोलन के दौरान लोगों को जमीन दिया गया था. सीलिंग एक्ट, विनोबाभावे आंदोलन से भी भूमिहीनों को जमीन दी गई. उस दौरान लोगों को जमीन तो मिली लेकिन कागजात नहीं मिले. इस वजह से कई जगह ग्रामीणों को मालिकाना हक के तहत कब्जा भी नहीं दिलाई जा सकी. कामेश्वर बैठा बताते हैं कि जमीन के कागजात को लेकर कई जगह पर आवाज उठाई गई थी लेकिन सरकार के स्तर से अभी तक कोई पहल नहीं की गई है.

पलामूः जिला के बिश्रामपुर प्रखंड के अमवा गांव के शीला देवी और लीलावती देवी को सीलिंग एक्ट के बाद जमीन मिली थी. उस जमीन पर इनकी कई पुश्त गुजर गई है. इनके पूर्वज का स्वर्गवास हो गया है लेकिन इन्हें जमीन पर अधिकार अब तक नहीं मिल पाया है.

देखें स्पेशल स्टोरी

इसे भी पढ़ें- जमीन मिली, पर नहीं मिले कागजात, पीढ़ियां गुजर गईं समस्या जस की तस, अब बेचे जा रहे गांव के गांव

आज उनकी जमीन पर जमींदार फिर से कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं. कई जगह जमीनदार कब्जा कर चुके हैं और उन्हें जमीन से बेदखल कर चुके हैं. जमीन को लेकर फिर से आंदोलन की शुरू हो गया है, अभी यह स्वरूप धरना तक ही सीमित है. बिश्रामपुर प्रखंड कार्यालय में दर्जनों लोगों ने धरना दिया जिनके पास जमीन तो है लेकिन कागजात नहीं है. धरना में शामिल होने वाली बलवंती देवी बताती हैं कि उन्हें बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है. उनके पास पूर्वजों की जमीन है लेकिन कागजात नहीं है. जिसके लिए आज वो लड़ाई लड़ रही हैं.

जमीन के कागजात को लेकर कई स्तर पर आवाज उठाई गई थी- पूर्व सांसद
पलामू के पूर्व सांसद कामेश्वर बैठा बताते हैं कि यह सही है कि वामपंथी आंदोलन के दौरान या नक्सल आंदोलन के दौरान लोगों को जमीन दिया गया था. सीलिंग एक्ट, विनोबाभावे आंदोलन से भी भूमिहीनों को जमीन दी गई. उस दौरान लोगों को जमीन तो मिली लेकिन कागजात नहीं मिले. इस वजह से कई जगह ग्रामीणों को मालिकाना हक के तहत कब्जा भी नहीं दिलाई जा सकी. कामेश्वर बैठा बताते हैं कि जमीन के कागजात को लेकर कई जगह पर आवाज उठाई गई थी लेकिन सरकार के स्तर से अभी तक कोई पहल नहीं की गई है.

Last Updated : Mar 12, 2021, 2:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.