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पलामू: आदिवासियों ने पेड़ों को बांधी राखी, ली सुरक्षा की शपथ - पलामू में आदिवासी ग्रामीण

वनों की सुरक्षा को लेकर पलामू में आदिवासियों ने पेड़ों को राखी बांधी और उनकी सुरक्षा की शपथ ली. इसके साथ ही आदिवासियों ने वन विभाग से जंगल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की.

tribals tied rakhi to trees in palamu
आदिवासियों ने राखी बांध पेड़ों की सुरक्षा कर ली शपथ
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Published : Feb 1, 2021, 3:40 PM IST

पलामू: बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए दुनिया भर में वनों की कटाई हो रही है. पर्यावरण के क्षेत्र में प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने और पूरे मानव समुदाय के लिए वन बहुत आवश्यक है. इसी कड़ी में जिले के छतरपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित केरकी खुर्द के आदिवासी ग्रामीणों ने "जंगल हमारा घर है, काटना विनाश का डर है,"जंगल बचाओ, भविष्य बचाओ" नारों के साथ प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने जंगल में हरे भरे पौधों पर लाल कपड़ा राखी के प्रतीक के तौर पर बांधा और पेड़ों को बचाने की शपथ ली.

इसे भी पढ़ें- रामेश्वर उरांव के बयान को लेकर बैकफुट पर कांग्रेस, सार्वजनिक मंच पर माफी मांगने को तैयार


अवैध कटाई पर वन विभाग मौन
आदिवासियों का कहना है कि आज से कुछ वर्ष पूर्व यह जंगल हरा भरा होता रहता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से अंधाधुन कटाई जारी है, जो विनाश का संकेत है. वनों की कटाई की वजह से कई खतरनाक प्रभाव देखने को मिले हैं, जबकि अवैध कटाई पर वन विभाग भी मौन है. लोगों ने वन विभाग से जंगल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. इसके साथ ही पहले से वीरान हो चुके स्थानों पर पौधारोपण की भी मांग की.

आदिवासियों का कहना है कि जंगल ही हमारा घर है इसकी सुरक्षा हमारा दायित्व बनता है, अगर वन विभाग इसकी सुरक्षा नहीं कर सकता तो हम सामाजिक तौर पर इसकी कटाई करने वालों को दंडित कर वन क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.

पलामू: बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए दुनिया भर में वनों की कटाई हो रही है. पर्यावरण के क्षेत्र में प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने और पूरे मानव समुदाय के लिए वन बहुत आवश्यक है. इसी कड़ी में जिले के छतरपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित केरकी खुर्द के आदिवासी ग्रामीणों ने "जंगल हमारा घर है, काटना विनाश का डर है,"जंगल बचाओ, भविष्य बचाओ" नारों के साथ प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने जंगल में हरे भरे पौधों पर लाल कपड़ा राखी के प्रतीक के तौर पर बांधा और पेड़ों को बचाने की शपथ ली.

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अवैध कटाई पर वन विभाग मौन
आदिवासियों का कहना है कि आज से कुछ वर्ष पूर्व यह जंगल हरा भरा होता रहता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से अंधाधुन कटाई जारी है, जो विनाश का संकेत है. वनों की कटाई की वजह से कई खतरनाक प्रभाव देखने को मिले हैं, जबकि अवैध कटाई पर वन विभाग भी मौन है. लोगों ने वन विभाग से जंगल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. इसके साथ ही पहले से वीरान हो चुके स्थानों पर पौधारोपण की भी मांग की.

आदिवासियों का कहना है कि जंगल ही हमारा घर है इसकी सुरक्षा हमारा दायित्व बनता है, अगर वन विभाग इसकी सुरक्षा नहीं कर सकता तो हम सामाजिक तौर पर इसकी कटाई करने वालों को दंडित कर वन क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.

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