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आदिवासी पेंटिंग को देश-दुनिया में पहचान दिलाने के लिए शिविर का आयोजन, नेतहाट में जुटे हैं देशभर के पेंटर

आदिवासी पेंटिंग को दुनिया में पहचान और ऊंचाई देने के लिए इन दिनों डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान की ओर से नेतरहाट में राष्ट्रीय पेंटिंग शिविर का आयोजन किया गया है. जिसमें देभ के 16 राज्यों के 80 आदिवासी पेंटर शामिल हुए हैं, जहां पेंटर अपनी पेटिंग के माध्यम से अपने क्षेत्र की कला और संस्कृति को प्रस्तुत कर रहे हैं.

Painting camp organized in Netarhat
आदिवासी पेंटर
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Published : Feb 14, 2020, 4:56 PM IST

पलामू: आदिवासी पेंटिंग को दुनिया में एक पहचान और नई ऊंचाई दिलाने के लिए देशभर के आदिवासी पेंटर इन दिनों नेतरहाट में जमा हुए हैं. नेचर ऑफ हार्ट नेतरहाट में प्रतिमा आदिवासी लोक चित्रकला शिविर का आयोजन किया गया है. इस शिविर में केरल से लेकर लद्दाख तक के पेंटर जमा हुए हैं. नेतरहाट में आयोजित पेंटिंग शिविर में देशभर के 16 राज्यों के 80 आदिवासी पेंटर शामिल हुए हैं.

देखें पूरी खबर

झारखंड की रानी कही जाने वाली नेतरहाट में आयोजित पेंटिंग शिविर 10 फरवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा. कार्यक्रम समापन्न के मौके पर सीएम हेमंत सोरेन कार्यक्रम में शामिल होंगे. शिविर का आयोजन डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान कर रही है. संस्थान के निदेशक रणेंद्र कुमार ने कहा कि इस तरह के शिविर के आयोजन से आदिवासी पेटिंग को पूरी दुनिया मे पहचान मिलेगी. उनका कहना है इस तरह के आयोजन का उद्देश्य है कि पूरे भारत के आदिवासी पेंटर एक-दूसरे को जाने और समझें. एक-दूसरे को जानने और समझने के लिए यह बेहतर प्लेटफार्म है, ताकि उनके पेटिंग को भी अच्छा बाजार मिल सके.

Painting camp organized in Netarhat
झारखंडी संस्कृति को उकेरती पेंटर

और पढ़ें- पंद्रह घंटे बाद तालाब में डूबे बच्चे का निकाला गया शव, घर में पसरा मातम

पेटिंग के माध्यम से राष्ट्रीय पुरस्कार पा चुके पेंटर आशा राम मेघवाल ने बताया कि इस तरह के आयोजन से प्रतिभा को बल मिलता है. देश के अन्य हिस्सों में क्या चल रहा है, यह पता चल पाता है. ओडिशा के पेंटर ने बताया का इस तरह का आयोजन सकारात्म पहल है. नेतरहाट को नेचर ऑफ हार्ट कहा जाता है. यहां देशभर के पेंटर एक सकारात्मक उर्जा और सोच के साथ पेंटिंग बना रहे हैं. शिविर में कई राष्ट्रीय स्तर के पेंटर भाग ले रहे हैं, जो अपनी पेटिंग के माध्यम से अपने क्षेत्र की कला और संस्कृति को प्रस्तुत कर रहे हैं.

Painting camp organized in Netarhat
झारखंडी चित्रकला

पलामू: आदिवासी पेंटिंग को दुनिया में एक पहचान और नई ऊंचाई दिलाने के लिए देशभर के आदिवासी पेंटर इन दिनों नेतरहाट में जमा हुए हैं. नेचर ऑफ हार्ट नेतरहाट में प्रतिमा आदिवासी लोक चित्रकला शिविर का आयोजन किया गया है. इस शिविर में केरल से लेकर लद्दाख तक के पेंटर जमा हुए हैं. नेतरहाट में आयोजित पेंटिंग शिविर में देशभर के 16 राज्यों के 80 आदिवासी पेंटर शामिल हुए हैं.

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झारखंड की रानी कही जाने वाली नेतरहाट में आयोजित पेंटिंग शिविर 10 फरवरी से शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा. कार्यक्रम समापन्न के मौके पर सीएम हेमंत सोरेन कार्यक्रम में शामिल होंगे. शिविर का आयोजन डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान कर रही है. संस्थान के निदेशक रणेंद्र कुमार ने कहा कि इस तरह के शिविर के आयोजन से आदिवासी पेटिंग को पूरी दुनिया मे पहचान मिलेगी. उनका कहना है इस तरह के आयोजन का उद्देश्य है कि पूरे भारत के आदिवासी पेंटर एक-दूसरे को जाने और समझें. एक-दूसरे को जानने और समझने के लिए यह बेहतर प्लेटफार्म है, ताकि उनके पेटिंग को भी अच्छा बाजार मिल सके.

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पेटिंग के माध्यम से राष्ट्रीय पुरस्कार पा चुके पेंटर आशा राम मेघवाल ने बताया कि इस तरह के आयोजन से प्रतिभा को बल मिलता है. देश के अन्य हिस्सों में क्या चल रहा है, यह पता चल पाता है. ओडिशा के पेंटर ने बताया का इस तरह का आयोजन सकारात्म पहल है. नेतरहाट को नेचर ऑफ हार्ट कहा जाता है. यहां देशभर के पेंटर एक सकारात्मक उर्जा और सोच के साथ पेंटिंग बना रहे हैं. शिविर में कई राष्ट्रीय स्तर के पेंटर भाग ले रहे हैं, जो अपनी पेटिंग के माध्यम से अपने क्षेत्र की कला और संस्कृति को प्रस्तुत कर रहे हैं.

Painting camp organized in Netarhat
झारखंडी चित्रकला
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