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पलामू में ठंड का सितम जारी, लोग बेहाल - Palamu news

पलामू में ठंड (Cold in Palamu) का प्रकोप जारी है. इससे लोग घरों में दुबके हुए हैं. जिला प्रशासन ने बढ़ते ठंड को देखते हुए पांचवीं तक के क्लास को 15 जनवरी तक बंद कर दिया है.

cold in palamu
पलामू में ठंड का सितम जारी
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Published : Jan 12, 2023, 11:54 AM IST

क्या कहते हैं पर्यावरणविद

पलामूः एक ऐसा इलाका जंहा सबसे अधिक गर्मी पड़ती है. लेकिन अब उस इलाके में ठंड (Cold in Palamu) सता रही है. इस इलाके में बारिश भी कम होती है. हम बात कर रहे है रेन शैडो एरिया माने जाने वाले पलामू की. पलामू में मई जून के महीने में राज्य का सबसे गर्म जिला हो बन जाता है. वहीं दिसंबर और जनवरी महीने में कड़ाके की ठंड से लोग परेशान होते हैं.

यह भी पढ़ेंः Jharkhand Weather Update: रांची के एक इलाके में जीरो डिग्री पहुंचा पारा, BAU और IMD के डाटा में अंतर की क्या है वजह, देखें पूरी रिपोर्ट

दिसंबर 2022 के अंतिम सप्ताह में सबसे कम न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया. जनवरी के पहले सप्ताह में लगातार कड़ाके की ठंड सता रही है. पिछले एक सप्ताह के आंकड़ों पर गौर करें तो पलामू में लगातार न्यूनतम तापमान 4 से 6 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है. जिला प्रशासन ने बढ़ते ठंड को देखते हुए पांचवीं तक के क्लास को 15 जनवरी तक बंद कर दिया गया है.



पलामू में हो रहे मौसम के बदलाव को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. पलामू से होकर कर्क रेखा गुजरती है, जिससे यहां सामान्य से कम बारिश होती है. पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल कहते हैं कि पलामू के लिए खतरे की घंटी है. यहां अधिकतम तापमान भी सबसे अधिक रिकॉर्ड किया गया था. अब ठंड भी अधिक पड़ने लगी है. लोगों को सावधान होने के साथ साथ पर्यावरण के प्रति सचेत रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नही जब गर्मी के कारण लोगों को दिन में बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पलामू में अर्थ के लिए अनर्थ किया जा रहा है.


पर्यावरणविद ने कहा कि जिले में बड़े पैमाने पर माइनिंग की जा रही है, जो पर्यावरण में बदलाव का बड़ा कारण है. इससे लगातार जंगल घट रहे हैं. आजादी के बाद से जिले में 30 प्रतिशत तक जंगल कम हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जिले में अभी 1.72 लाख हेक्टेयर में जंगल बचे है, जबकि आजादी के समय 2.20 लाख हेक्टेयर से भी अधिक में जंगल था.

क्या कहते हैं पर्यावरणविद

पलामूः एक ऐसा इलाका जंहा सबसे अधिक गर्मी पड़ती है. लेकिन अब उस इलाके में ठंड (Cold in Palamu) सता रही है. इस इलाके में बारिश भी कम होती है. हम बात कर रहे है रेन शैडो एरिया माने जाने वाले पलामू की. पलामू में मई जून के महीने में राज्य का सबसे गर्म जिला हो बन जाता है. वहीं दिसंबर और जनवरी महीने में कड़ाके की ठंड से लोग परेशान होते हैं.

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दिसंबर 2022 के अंतिम सप्ताह में सबसे कम न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया. जनवरी के पहले सप्ताह में लगातार कड़ाके की ठंड सता रही है. पिछले एक सप्ताह के आंकड़ों पर गौर करें तो पलामू में लगातार न्यूनतम तापमान 4 से 6 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया जा रहा है. जिला प्रशासन ने बढ़ते ठंड को देखते हुए पांचवीं तक के क्लास को 15 जनवरी तक बंद कर दिया गया है.



पलामू में हो रहे मौसम के बदलाव को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. पलामू से होकर कर्क रेखा गुजरती है, जिससे यहां सामान्य से कम बारिश होती है. पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल कहते हैं कि पलामू के लिए खतरे की घंटी है. यहां अधिकतम तापमान भी सबसे अधिक रिकॉर्ड किया गया था. अब ठंड भी अधिक पड़ने लगी है. लोगों को सावधान होने के साथ साथ पर्यावरण के प्रति सचेत रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नही जब गर्मी के कारण लोगों को दिन में बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पलामू में अर्थ के लिए अनर्थ किया जा रहा है.


पर्यावरणविद ने कहा कि जिले में बड़े पैमाने पर माइनिंग की जा रही है, जो पर्यावरण में बदलाव का बड़ा कारण है. इससे लगातार जंगल घट रहे हैं. आजादी के बाद से जिले में 30 प्रतिशत तक जंगल कम हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जिले में अभी 1.72 लाख हेक्टेयर में जंगल बचे है, जबकि आजादी के समय 2.20 लाख हेक्टेयर से भी अधिक में जंगल था.

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