पलामूः एशिया का प्रसिद्ध पलामू टाइगर रिजर्व(Palamu Tiger Reserve) के इलाके में बाघ देखा गया है. पीटीआर के बारेसाढ़ रेंजर तरुण कुमार ने बाघ को काफी नजदीक से देखा है. इसकी पुष्टि रेंज ऑफिसर ने की है. पीटीआर के डायरेक्टर कुमार आशुतोष ने बताया कि रेंज ऑफिसर ने काफी नजदीक से बाघ को देखा है. पीटीआर में बाघों की जनगणना जारी है. 2018 की जनगणना में पीटीआर के इलाके में बाघों की संख्या शून्य हो गई थी. उन्होंने बताया कि मार्च 2020 के बाद पहली बार बाघ होने के सबूत मिले हैं. यह बाघ बारेसाढ़ रेंज में देखा गया है.
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पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि बाघ देखा गया है, इलाके में ट्रैपिंग कैमरा लगाया गया है. पीटीआर के इलाके में बाघ देखा जाना है सुखद है. टाइगर का स्कैट का कलेक्शन किया जा रहा है, स्कैट को वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को भेजा जा रहा है. पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके फरवरी 2020 के बाद पहली बार बाघ देखा गया है. फरवरी 2020 में पीटीआर के बेतला नेशनल पार्क के इलाके में एक बाघिन मृत मिली थी.
पूरे देश भर में बाघों का हो रही है गिनती
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के निगरानी में पूरे देश भर में बाघों की गिनती जारी है. 2018 में बाघों की गिनती हुई थी, इस दौरान NTCA ने बाघों की संख्या शून्य बताया था. एक लंबे अरसे के बाद पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में बाघों के होने के सबूत मिले हैं. सुरक्षा दृष्टिकोण से बाघ के बारे में विस्तृत जानकारी और फोटो जारी नहीं किया जा रहा है. पीटीआर की स्पेशल टीम बाघ के गतिविधि पर नजर रखे हुए है.
पलामू टाइगर रिजर्व 1029 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. भारत में पहली बार इसी इलाके से बाघों की गिनती शुरू हुई है. वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के रिपोर्ट में पीटीआर के इलाके के हैबिटेट पूरे देश भर में सबसे अच्छा है.
इसी बीच पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) के बाघ की खोज लातेहार और लोहरदगा सीमा पर भी की जा रही है. बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले लातेहार के रिचुघुटा इलाके में भी एक व्यक्ति को बाघ दिखा था. इसके बाद लातेहार वन विभाग और पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारी सक्रिय हो गए. इसको लेकर रिचुघुटा इलाके में बड़े पैमाने पर ट्रैकिंग कैमरे लगाए.
लगाया गया है ट्रैकिंग कैमरा
ट्रैकिंग कैमरे के माध्यम से इलाके में बाघों पर निगरानी रखी जा रही है. 100 से अधिक ट्रैकिंग कैमरे इलाके में लगाए गए हैं. अधिकारियों को शक है कि पलामू टाइगर रिजर्व इलाके का ही बाघ लातेहार और लोहरदगा सीमा पर देखा जा रहा है. इस ट्रैकिंग कैमरा के जरिए ही रेंज ऑफिसर को बाघ दिखा है.