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पलामू में कोरोना के 3 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव, देसी नुस्खों से किया गया इलाज

पलामू के तीन कोरोना पॉजिटिव मरीज गोल्डन मिल्क (हल्दी दूध), काढ़ा और जड़ी बूटी से ठीक हुए हैं. हालांकि उन्हें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की भी कुछ गोलियां दी गई हैं. बता दें कि तीनों फिलहाल पलामू के तुंबागाड़ा स्थित नवजीवन हॉस्पिटल सह कोविड हॉस्पिटल में भर्ती हैं. तीनों का फिर से सैंपल लिया गया है, अगला रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद सभी को घर भेज दिया जाएगा.

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कोरोना वॉरियर्स
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Published : May 8, 2020, 7:25 PM IST

पलामू: कोरोना से निपटने में पलामू जिला प्रशासन का प्रयास सफल हुआ है. पलामू के तीन कोरोना पॉजिटिव मरीज गोल्डन मिल्क (हल्दी दूध), काढ़ा और जड़ी बूटी से ठीक हुए हैं. हालांकि उन्हें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की भी कुछ गोलियां दी गई हैं. तीनों मरीजों की पहली जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है.

देखें पूरी खबर

अगला रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद घर भेज दिया जाएगा

बता दें कि तीनों फिलहाल पलामू के तुंबागाड़ा स्थित नवजीवन हॉस्पिटल सह कोविड हॉस्पिटल में भर्ती हैं. तीनों का फिर से सैंपल लिया गया है, अगला रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद सभी को घर भेज दिया जाएगा. सभी 14 दिन तक होम क्वॉरेंटाइन में रहेंगे. तीनों लेस्लीगंज के रहनेवाले हैं.

ये भी पढ़ें- क्वॉरेंटाइन पूरा करने के बाद भी अपने मजदूरों को वापस लेने से बंगाल सरकार का इनकार, वापस भेजा

गोल्डन मिल्क, काढ़ा और जड़ी बूटी से बढ़ा रोग प्रतिरोधक क्षमता

पलामू सिविल सर्जन जो तीनों पॉजिटिव मरीजों के इलाज पर नजर रखे हुए थे. सिविल सर्जन बताते हैं कि तीनों के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना बड़ी चुनौती थी. सबसे पहले तीनों के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए खान पान पर ध्यान दिया गया. गोल्डन मिल्क (हल्दी दूध), काढ़ा और जड़ी बूटी से उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी. आयुष मंत्रालय के गाइडलाइन के अनुसार, सभी को यह दिया गया था. इसके अलावा तीनों को च्यवनप्राश दिया गया और तीनों वक्त के खाने में पौष्टिक आहार दिया गया.

ये भी पढ़ें- वेल्लोर से मरीज और मरीज के परिजनों को लेकर विशेष ट्रेन पहुंची हटिया, लोगों में दिखी खुशी

मरीजों में लक्षण नहीं होना इलाज में थी बड़ी चुनौती

तीनों मरीजों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे, जिस कारण पलामू जिला स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती थी. सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ कैनेडी के अनुसार तीनों में कोई लक्षण नहीं था जिस कारण उन्हें इरिथ्रोमाइसिन नहीं दी गई थी. उन्होंने बताया कि ऐसा देखा गया है कि कोरोना मरीजों के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन फायदेमंद साबित हुआ है, इस लिए जारी गाइडलाइन के अनुसार उन्हें यह भी दिया गया है. तीनों रांची के इलाके से पलामू पंहुचे थे. 25 अप्रैल की जांच में तीनों का कोरोना पॉजिटिव निकला था.

पलामू: कोरोना से निपटने में पलामू जिला प्रशासन का प्रयास सफल हुआ है. पलामू के तीन कोरोना पॉजिटिव मरीज गोल्डन मिल्क (हल्दी दूध), काढ़ा और जड़ी बूटी से ठीक हुए हैं. हालांकि उन्हें हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की भी कुछ गोलियां दी गई हैं. तीनों मरीजों की पहली जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है.

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अगला रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद घर भेज दिया जाएगा

बता दें कि तीनों फिलहाल पलामू के तुंबागाड़ा स्थित नवजीवन हॉस्पिटल सह कोविड हॉस्पिटल में भर्ती हैं. तीनों का फिर से सैंपल लिया गया है, अगला रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद सभी को घर भेज दिया जाएगा. सभी 14 दिन तक होम क्वॉरेंटाइन में रहेंगे. तीनों लेस्लीगंज के रहनेवाले हैं.

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गोल्डन मिल्क, काढ़ा और जड़ी बूटी से बढ़ा रोग प्रतिरोधक क्षमता

पलामू सिविल सर्जन जो तीनों पॉजिटिव मरीजों के इलाज पर नजर रखे हुए थे. सिविल सर्जन बताते हैं कि तीनों के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना बड़ी चुनौती थी. सबसे पहले तीनों के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए खान पान पर ध्यान दिया गया. गोल्डन मिल्क (हल्दी दूध), काढ़ा और जड़ी बूटी से उनकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी. आयुष मंत्रालय के गाइडलाइन के अनुसार, सभी को यह दिया गया था. इसके अलावा तीनों को च्यवनप्राश दिया गया और तीनों वक्त के खाने में पौष्टिक आहार दिया गया.

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मरीजों में लक्षण नहीं होना इलाज में थी बड़ी चुनौती

तीनों मरीजों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं थे, जिस कारण पलामू जिला स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती थी. सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ कैनेडी के अनुसार तीनों में कोई लक्षण नहीं था जिस कारण उन्हें इरिथ्रोमाइसिन नहीं दी गई थी. उन्होंने बताया कि ऐसा देखा गया है कि कोरोना मरीजों के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन फायदेमंद साबित हुआ है, इस लिए जारी गाइडलाइन के अनुसार उन्हें यह भी दिया गया है. तीनों रांची के इलाके से पलामू पंहुचे थे. 25 अप्रैल की जांच में तीनों का कोरोना पॉजिटिव निकला था.

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