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शहीद होमगार्ड जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, लोगों की चित्कार से माहौल हुआ गमगीन

लातेहार में हुए नक्सली हमले में शहीद होमगार्ड जवान जमुना प्रसाद का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके गांव पहुंचा, पूरा माहौल गमगीन हो गया. शहीद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजली देने के लिए जवान के घर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.

श्रद्धांजली देते लोग
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Published : Nov 23, 2019, 6:22 PM IST

पलामू: लातेहार में शुक्रवार को हुए नक्सली हमले में 4 जवान शहीद हो गए थे. इन शहीद जवानों में एक जवान पलामू के लेस्लीगंज से नावाडीह तेनार निवासी जमुना प्रसाद भी हैं. जवान जमुना प्रसाद होमगार्ड का चालक था. हमले में जवान के शहीद होने की जैसे ही खबर गांव तक पहुंची पूरा माहौल गमगीन हो गया. शहीद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजली देने के लिए जवान के घर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.

देखें पूरी खबर

2005 में होमगार्ड में हुई थी बहाली
शहीद जवान जमुना प्रसाद की 2005 में होमगार्ड में चालक के पद पर बहाली हुई थी. वे काफी दिनों तक लातेहार डीएसपी का चालक थे. वहीं लगभग 4 माह पहले ही चंदवा थाना में उनका ट्रांसफर हुआ था.

ये भी पढ़ें: शहीद सिकंदर के पार्थिव शरीर को देख रो पड़ा पूरा गांव, पिता ने दी मुखाग्नि

पत्नी की हो चुकी है मौत
शहीद जवान के परिजनों के मुताबिक एक वर्ष पहले ही जमुना प्रसाद की पत्नी की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. पत्नी की मौत के बाद जमुना प्रसाद ही घर के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे. जवान के शहीद होने के बाद अब परिवार वालों के सामने दुखों का पहाड़ पड़ा है. उनके घर में अब बूढ़े माता-पिता, दो बेटा और एक बेटी है.

कब घटी थी घटना
बता दें कि नक्सली घटना शुक्रवार की संध्या लगभग 7:30 बजे घटी थी जब लातेहार के चंदवा थाना से गस्ती के लिए पीसीआर वैन लुकुईया मोड़ के तरफ निकली थी. इसी दौरान उग्रवादियों ने पीसीआर वैन पर हमला कर दिया और जवानों पर ताबड़तोड़ गोली दाग दी. इस घटना में जिला पुलिस के एसआई सुकरा उरांव समेत होमगार्ड के जवान जमुना प्रसाद, शंभू प्रसाद और सिकंदर सिंह शहीद हो गए.

पलामू: लातेहार में शुक्रवार को हुए नक्सली हमले में 4 जवान शहीद हो गए थे. इन शहीद जवानों में एक जवान पलामू के लेस्लीगंज से नावाडीह तेनार निवासी जमुना प्रसाद भी हैं. जवान जमुना प्रसाद होमगार्ड का चालक था. हमले में जवान के शहीद होने की जैसे ही खबर गांव तक पहुंची पूरा माहौल गमगीन हो गया. शहीद के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजली देने के लिए जवान के घर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा.

देखें पूरी खबर

2005 में होमगार्ड में हुई थी बहाली
शहीद जवान जमुना प्रसाद की 2005 में होमगार्ड में चालक के पद पर बहाली हुई थी. वे काफी दिनों तक लातेहार डीएसपी का चालक थे. वहीं लगभग 4 माह पहले ही चंदवा थाना में उनका ट्रांसफर हुआ था.

ये भी पढ़ें: शहीद सिकंदर के पार्थिव शरीर को देख रो पड़ा पूरा गांव, पिता ने दी मुखाग्नि

पत्नी की हो चुकी है मौत
शहीद जवान के परिजनों के मुताबिक एक वर्ष पहले ही जमुना प्रसाद की पत्नी की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. पत्नी की मौत के बाद जमुना प्रसाद ही घर के एकमात्र कमाऊ सदस्य थे. जवान के शहीद होने के बाद अब परिवार वालों के सामने दुखों का पहाड़ पड़ा है. उनके घर में अब बूढ़े माता-पिता, दो बेटा और एक बेटी है.

कब घटी थी घटना
बता दें कि नक्सली घटना शुक्रवार की संध्या लगभग 7:30 बजे घटी थी जब लातेहार के चंदवा थाना से गस्ती के लिए पीसीआर वैन लुकुईया मोड़ के तरफ निकली थी. इसी दौरान उग्रवादियों ने पीसीआर वैन पर हमला कर दिया और जवानों पर ताबड़तोड़ गोली दाग दी. इस घटना में जिला पुलिस के एसआई सुकरा उरांव समेत होमगार्ड के जवान जमुना प्रसाद, शंभू प्रसाद और सिकंदर सिंह शहीद हो गए.

Intro:उग्रवादी हमले में होमगार्ड का चालक शहीद।

चंदवा थाना से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर हुए उग्रवादी हमले में लेस्लीगंज से नावाडीह तेनार निवासी जमुना प्रसाद (48) समेत 4 जवान शहीद हो गए। वह होमगार्ड का चालक था। घटना शुक्रवार की संध्या लगभग 7:30 बजे की है। जानकारी के मुताबिक चंदवा थाना से गस्ती के लिए पीसीआर वैन लुकुईया मोड़ के तरफ निकली थी। लुकुईया मोड़ के समीप गाड़ी रोक कर पीसीआर के जवान शौच करने के लिए गया था। इसी दौरान उग्रवादियों ने हमला कर दिया। उग्रवादियों के द्वारा किए गए ताबड़तोड़ गोलीबारी चंदवा थाना के एसआई सुकरा उरांव समेत तीन जवान शहीद हो गए। जबकि गंभीर रूप से जख्मी एक के अन्य जवान की मौत रांची ले जाते रास्ते में ही हो गई। सोशल मीडिया के माध्यम से जैसे ही शहीद होने की सूचना घरवाले को मिली परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे। मृतक के बेटी एवं परिजनों के चित्कार से नावाडीह एवं आसपास का माहौल भी गमगीन हो गया है। बेटी एवं दोनो बेटो विकी कुमार एवं आशीष का भी रो रोकर बुरा हाल हो गया है। इधर घटना की सूचना फैलते ही शहीद जमुना के घर पर पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए परिजनों व ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी है। सुबह से ही घर में आने जाने वाले लोगों का तांंता लगा हुआ था । थाना प्रभारी वीरेन मिंज समेत कई लोगों ने शहीद के घर पहुंच कर पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया।

एक वर्ष पूर्व पत्नी की हो चुकी है मौत - परिजनों के मुताबिक एक वर्ष पूर्व जमुना प्रसाद की पत्नी की भी हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। पत्नी की मौत के बाद जमुना प्रसाद ही घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था। उसे शहीद होने के बाद परिवार वालों के सामने दुखों का पहाड़ पड़ा है।अब उसके घर में बूढ़े माता-पिता एवं पत्नी को छोड़कर कोई नहीं बचा।

2005 में होमगार्ड में हुई थी बहाली - शहीद जवान जमुना प्रसाद की 2005 में होमगार्ड में चालक के पद पर बहाली हुई थी। वह काफी दिनों तक लातेहार डीएसपी का चालक था। लगभग 4 माह पहले उसे चंदवा थाना में ट्रांसफर हुआ था। ग्रामीणों के मुताबिक वह काफी मिलनसार व्यक्ति था।Body:उग्रवादी हमले में होमगार्ड का चालक शहीद।

चंदवा थाना से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर हुए उग्रवादी हमले में लेस्लीगंज से नावाडीह तेनार निवासी जमुना प्रसाद (48) समेत 4 जवान शहीद हो गए। वह होमगार्ड का चालक था। घटना शुक्रवार की संध्या लगभग 7:30 बजे की है। जानकारी के मुताबिक चंदवा थाना से गस्ती के लिए पीसीआर वैन लुकुईया मोड़ के तरफ निकली थी। लुकुईया मोड़ के समीप गाड़ी रोक कर पीसीआर के जवान शौच करने के लिए गया था। इसी दौरान उग्रवादियों ने हमला कर दिया। उग्रवादियों के द्वारा किए गए ताबड़तोड़ गोलीबारी चंदवा थाना के एसआई सुकरा उरांव समेत तीन जवान शहीद हो गए। जबकि गंभीर रूप से जख्मी एक के अन्य जवान की मौत रांची ले जाते रास्ते में ही हो गई। सोशल मीडिया के माध्यम से जैसे ही शहीद होने की सूचना घरवाले को मिली परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे। मृतक के बेटी एवं परिजनों के चित्कार से नावाडीह एवं आसपास का माहौल भी गमगीन हो गया है। बेटी एवं दोनो बेटो विकी कुमार एवं आशीष का भी रो रोकर बुरा हाल हो गया है। इधर घटना की सूचना फैलते ही शहीद जमुना के घर पर पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए परिजनों व ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी है। सुबह से ही घर में आने जाने वाले लोगों का तांंता लगा हुआ था । थाना प्रभारी वीरेन मिंज समेत कई लोगों ने शहीद के घर पहुंच कर पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया।

एक वर्ष पूर्व पत्नी की हो चुकी है मौत - परिजनों के मुताबिक एक वर्ष पूर्व जमुना प्रसाद की पत्नी की भी हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। पत्नी की मौत के बाद जमुना प्रसाद ही घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था। उसे शहीद होने के बाद परिवार वालों के सामने दुखों का पहाड़ पड़ा है।अब उसके घर में बूढ़े माता-पिता एवं पत्नी को छोड़कर कोई नहीं बचा।

2005 में होमगार्ड में हुई थी बहाली - शहीद जवान जमुना प्रसाद की 2005 में होमगार्ड में चालक के पद पर बहाली हुई थी। वह काफी दिनों तक लातेहार डीएसपी का चालक था। लगभग 4 माह पहले उसे चंदवा थाना में ट्रांसफर हुआ था। ग्रामीणों के मुताबिक वह काफी मिलनसार व्यक्ति था।Conclusion:उग्रवादी हमले में होमगार्ड का चालक शहीद।

चंदवा थाना से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर हुए उग्रवादी हमले में लेस्लीगंज से नावाडीह तेनार निवासी जमुना प्रसाद (48) समेत 4 जवान शहीद हो गए। वह होमगार्ड का चालक था। घटना शुक्रवार की संध्या लगभग 7:30 बजे की है। जानकारी के मुताबिक चंदवा थाना से गस्ती के लिए पीसीआर वैन लुकुईया मोड़ के तरफ निकली थी। लुकुईया मोड़ के समीप गाड़ी रोक कर पीसीआर के जवान शौच करने के लिए गया था। इसी दौरान उग्रवादियों ने हमला कर दिया। उग्रवादियों के द्वारा किए गए ताबड़तोड़ गोलीबारी चंदवा थाना के एसआई सुकरा उरांव समेत तीन जवान शहीद हो गए। जबकि गंभीर रूप से जख्मी एक के अन्य जवान की मौत रांची ले जाते रास्ते में ही हो गई। सोशल मीडिया के माध्यम से जैसे ही शहीद होने की सूचना घरवाले को मिली परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे। मृतक के बेटी एवं परिजनों के चित्कार से नावाडीह एवं आसपास का माहौल भी गमगीन हो गया है। बेटी एवं दोनो बेटो विकी कुमार एवं आशीष का भी रो रोकर बुरा हाल हो गया है। इधर घटना की सूचना फैलते ही शहीद जमुना के घर पर पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए परिजनों व ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी है। सुबह से ही घर में आने जाने वाले लोगों का तांंता लगा हुआ था । थाना प्रभारी वीरेन मिंज समेत कई लोगों ने शहीद के घर पहुंच कर पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया।

एक वर्ष पूर्व पत्नी की हो चुकी है मौत - परिजनों के मुताबिक एक वर्ष पूर्व जमुना प्रसाद की पत्नी की भी हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है। पत्नी की मौत के बाद जमुना प्रसाद ही घर का एकमात्र कमाऊ सदस्य था। उसे शहीद होने के बाद परिवार वालों के सामने दुखों का पहाड़ पड़ा है।अब उसके घर में बूढ़े माता-पिता एवं पत्नी को छोड़कर कोई नहीं बचा।

2005 में होमगार्ड में हुई थी बहाली - शहीद जवान जमुना प्रसाद की 2005 में होमगार्ड में चालक के पद पर बहाली हुई थी। वह काफी दिनों तक लातेहार डीएसपी का चालक था। लगभग 4 माह पहले उसे चंदवा थाना में ट्रांसफर हुआ था। ग्रामीणों के मुताबिक वह काफी मिलनसार व्यक्ति था।
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