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पीटीआर से गुजरने वाले रेल लाइन के डायवर्जन को लेकर शुरू हुआ सर्वे, कई बिंदुओं को पर फंसा है पेंच

Survey of railway line in PTR. पलामू टाइगर रिजर्व से गुजरने वाले रेल लाइन के डायवर्जन को लेकर सर्वे का काम शुरू हो गया है. अभी की कई बिंदुओं पर पेंच फंसा हुआ है.

Survey of railway line in PTR
Survey of railway line in PTR
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 5, 2024, 3:43 PM IST

पलामू: पीटीआर के कोर एरिया से गुजरने वाले रेलवे लाइन के डायवर्जन को लेकर सर्वे का काम शुरू हो गया है. इस सर्वे में रेलवे विकास निगम के अधिकारी और पलामू टाइगर रिजर्व के दोनों डिप्टी डायरेक्टर शामिल हैं. दरसअल, रेलवे के सेंट्रल इंडस्ट्रियल कोर (सीआईसी) सेक्शन के सोननगर से पतरातू तक फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण कार्य चल रहा है. इलाकों में निर्माण कार्य पूरे हो गए हैं और रेलवे की थर्ड लाइन शुरू हो गई है. लेकिन पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से गुजरने वाले करीब 11 किलोमीटर रेल लाइन को लेकर पेंच फांसी हुई है.

रेलवे विकास निगम ने पलामू टाइगर रिजर्व के एरिया में थर्ड लाइन बिछाने के लिए अनुमति मांगी थी. पलामू टाइगर रिजर्व ने मामले में आपत्ति दर्ज करवाई थी और कहा था कि थर्ड लाइन के बन जाने से पलामू टाइगर रिजर्व दो हिस्सों में फट जाएगा. पूरा मामला वाइल्डलाइफ बोर्ड ऑफ इंडिया में गया था. जहां थर्ड लाइन के साथ-साथ पहले से मौजूद दोनों रेल लाइन को डाइवर्ट करने को कहा गया. इसके बाद रेलवे विकास निगम और पलामू टाइगर रिजर्व के बीच सहमति बनी और सर्वे का कार्य शुरू हुआ है. पलामू टाइगर रिजर्व के निर्देशक कुमार आशुतोष ने सर्वे की पुष्टि करते हुए बताया कि इसके कार्य में दोनों डिप्टी डायरेक्टर शामिल हैं.

सर्वे में कई बिंदुओं पर फंसी पेंच: मिली जानकारी के अनुसार रेल लाइन को डाइवर्ट करने के लिए शुरू हुए सर्वे में कई बिंदुओं पर पेंच फंस गया है. सर्वे के दौरान लातेहार के केड़ गांव के बीच बस्ती से रेल लाइन गुजरने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जबकि छिपादोहर रेलवे स्टेशन बस्ती के और नजदीक आ रही है. सर्वे में शामिल अधिकारीयों की कोशिश है कि रेल लाइन के कारण गांव दो भागों में नहीं बंटे. गांव के बाहर से ही रेल लाइन गुजर जाए. पलामू टाइगर रिजर्व के चिकन नेक से ही डायवर्जन के बाद रेल लाइन गुजरनी है, इसी चिकन नेक में टनल बनाया जाना है ताकि वन्य जीवों को नुकसान नहीं हो.

1964 में पहली बार बिछाई गई थी रेल लाइन: जिस इलाके में रेल लाइन डाइवर्ट करने का प्रस्ताव आया है उस इलाके में 1964 में रेल लाइन बिछाया गया था. रेल लाइन बिछाने को लेकर 1906 में रेलवे ने जमीन का अधिग्रहण किया था. 1964 में पहली रेल लाइन बिछाई गई थी जबकि 1974-75 में दूसरी लाइन बिछाई गई थी. 1972-73 में पलामू टाइगर रिजर्व का गठन किया गया. प्रस्ताव के तहत छिपादोहट रेलवे स्टेशन से रेल लाइन डाइवर्ट होगी और केड गांव से होते हुए हेहेगडा तक जाएगी. डायवर्ट होने के बाद इसकी दूरी 11 किलोमीटर से बढ़कर 14 किलोमीटर के करीब हो जाएगी.

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रेलवे विकास निगम ने पलामू टाइगर रिजर्व के एरिया में थर्ड लाइन बिछाने के लिए अनुमति मांगी थी. पलामू टाइगर रिजर्व ने मामले में आपत्ति दर्ज करवाई थी और कहा था कि थर्ड लाइन के बन जाने से पलामू टाइगर रिजर्व दो हिस्सों में फट जाएगा. पूरा मामला वाइल्डलाइफ बोर्ड ऑफ इंडिया में गया था. जहां थर्ड लाइन के साथ-साथ पहले से मौजूद दोनों रेल लाइन को डाइवर्ट करने को कहा गया. इसके बाद रेलवे विकास निगम और पलामू टाइगर रिजर्व के बीच सहमति बनी और सर्वे का कार्य शुरू हुआ है. पलामू टाइगर रिजर्व के निर्देशक कुमार आशुतोष ने सर्वे की पुष्टि करते हुए बताया कि इसके कार्य में दोनों डिप्टी डायरेक्टर शामिल हैं.

सर्वे में कई बिंदुओं पर फंसी पेंच: मिली जानकारी के अनुसार रेल लाइन को डाइवर्ट करने के लिए शुरू हुए सर्वे में कई बिंदुओं पर पेंच फंस गया है. सर्वे के दौरान लातेहार के केड़ गांव के बीच बस्ती से रेल लाइन गुजरने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जबकि छिपादोहर रेलवे स्टेशन बस्ती के और नजदीक आ रही है. सर्वे में शामिल अधिकारीयों की कोशिश है कि रेल लाइन के कारण गांव दो भागों में नहीं बंटे. गांव के बाहर से ही रेल लाइन गुजर जाए. पलामू टाइगर रिजर्व के चिकन नेक से ही डायवर्जन के बाद रेल लाइन गुजरनी है, इसी चिकन नेक में टनल बनाया जाना है ताकि वन्य जीवों को नुकसान नहीं हो.

1964 में पहली बार बिछाई गई थी रेल लाइन: जिस इलाके में रेल लाइन डाइवर्ट करने का प्रस्ताव आया है उस इलाके में 1964 में रेल लाइन बिछाया गया था. रेल लाइन बिछाने को लेकर 1906 में रेलवे ने जमीन का अधिग्रहण किया था. 1964 में पहली रेल लाइन बिछाई गई थी जबकि 1974-75 में दूसरी लाइन बिछाई गई थी. 1972-73 में पलामू टाइगर रिजर्व का गठन किया गया. प्रस्ताव के तहत छिपादोहट रेलवे स्टेशन से रेल लाइन डाइवर्ट होगी और केड गांव से होते हुए हेहेगडा तक जाएगी. डायवर्ट होने के बाद इसकी दूरी 11 किलोमीटर से बढ़कर 14 किलोमीटर के करीब हो जाएगी.

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