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नक्सल विरोधी अभियान में तैनात जवानों में बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृत्ति, नकारात्मक विचार से दूर रखने के लिए चिकित्सक कर रहे जवानों की काउंसलिंग - बड़ी संख्या में जवान नशे के भी आदि

पुलिस जवानों और सीआरपीएफ जवानों में बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. कार्यशाला और काउंसलिंग के जरिए जवानों में आ रहे नकारात्मक विचार को दूर किया जा रहा है. साथ ही व्यवहार में बदलाव की मॉनिटरिंग करने पर जोर दिया जा रहा है.

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Suicidal Tendencies Increasing Among Jawans
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 19, 2023, 10:25 PM IST

पलामूः झारखंड के इलाके में नक्सल विरोधी अभियान में हजारों जवान तैनात हैं. इन जवानों को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रखना एक बड़ी चुनौती है. हाल के दिनों में झारखंड के सारंडा और बूढ़ापहाड़ के इलाके में तैनात कई जवानों ने आत्महत्या कर ली है. पिछले एक वर्ष के दौरान झारखंड के विभिन्न हिस्सों में एक दर्जन के करीब पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों ने खुदकुशी की है. झारखंड के कई हिस्सों में जवानों को मानसिक रूप से मजबूत रखने के लिए कई स्तर पर पहल की जा रही है. बूढ़ा पहाड़ और पलामू इलाके में तैनात जवानों को भी मानसिक रूप से मजबूत किया जा रहा है. इसी कड़ी में सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों के लिए कार्यशाला का भी आयोजन किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें-झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा पर सक्रिय हैं माओवादियों के दो दस्ते, जानिए सुरक्षाबलों के टारगेट पर हैं कौन-कौन

चिकित्सक जवानों की कर रहे काउंसलिंगः पलामू मानसिक अस्पताल में तैनात डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी जवानों की काउंसलिंग कर रहे हैं और उन्हें कई स्तर पर सलाह दे रहे हैं. जवानों को मानसिक तनाव से दूर रखने के लिए टिप्स दिए जा रहे हैं. वहीं अधिकारियों को मॉनिटरिंग करने की भी सलाह दी जा रही है. बता दें कि हाल ही में पलामू में तैनात सीआरपीएफ 112 बटालियन के जवान ने आत्महत्या कर ली थी. वहीं जैप 8 में तैनात एक जवान ने भी खुदकुशी की थी. वहीं बड़ी संख्या में जवान नशे के भी आदि हो चुके हैं. नशे की लत छुड़वाने की भी पहल की जा रही है.

व्यवहार में बदलाव और अकेलापन है खतरनाकः पलामू मानसिक अस्पताल में तैनात डॉक्टर सुनील कुमार बताते हैं कि जवानों की कई स्तर पर काउंसलिंग की जा रही है. इस कड़ी में सीआरपीएफ के जवानों को कई टिप्स दिए गए. डॉ सुनील कुमार बताते हैं कि आत्महत्या का विचार आना एक नकारात्मक विचार है. इसे कई तरह से दूर किया जा सकता है. नकारात्मक विचार आने के बाद अकेले में नहीं रहना चाहिए, बल्कि अपनी समस्या को साथी जवान या अधिकारियों से साझा किया जा सकता है. सबसे बड़ी बात है की सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए. कुछ ऐसी चीज होती है जिनका समाधान नहीं हो सकता है. डॉ सुनील कुमार बताते हैं कि अगर जवान के व्यवहार में बदलाव और वह अकेलापन पसंद कर रहा है तो सावधान रहने की जरूरत है.

योग से नकारात्मक प्रभाव को दूर करने की सलाहः साथी जवान एक-दूसरे पर नजर रख सकते हैं और इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दे सकते है. डॉक्टर बताते हैं कि योग और अन्य माध्यमों से नकारात्मक प्रभाव को दूर किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि नकारात्मक प्रभाव को दूर करने का सबसे आसान तरीका है खुद को व्यस्त रखना. जवानों को व्यस्त रखने के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है.

पलामूः झारखंड के इलाके में नक्सल विरोधी अभियान में हजारों जवान तैनात हैं. इन जवानों को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रखना एक बड़ी चुनौती है. हाल के दिनों में झारखंड के सारंडा और बूढ़ापहाड़ के इलाके में तैनात कई जवानों ने आत्महत्या कर ली है. पिछले एक वर्ष के दौरान झारखंड के विभिन्न हिस्सों में एक दर्जन के करीब पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों ने खुदकुशी की है. झारखंड के कई हिस्सों में जवानों को मानसिक रूप से मजबूत रखने के लिए कई स्तर पर पहल की जा रही है. बूढ़ा पहाड़ और पलामू इलाके में तैनात जवानों को भी मानसिक रूप से मजबूत किया जा रहा है. इसी कड़ी में सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों के लिए कार्यशाला का भी आयोजन किया जा रहा है.

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चिकित्सक जवानों की कर रहे काउंसलिंगः पलामू मानसिक अस्पताल में तैनात डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी जवानों की काउंसलिंग कर रहे हैं और उन्हें कई स्तर पर सलाह दे रहे हैं. जवानों को मानसिक तनाव से दूर रखने के लिए टिप्स दिए जा रहे हैं. वहीं अधिकारियों को मॉनिटरिंग करने की भी सलाह दी जा रही है. बता दें कि हाल ही में पलामू में तैनात सीआरपीएफ 112 बटालियन के जवान ने आत्महत्या कर ली थी. वहीं जैप 8 में तैनात एक जवान ने भी खुदकुशी की थी. वहीं बड़ी संख्या में जवान नशे के भी आदि हो चुके हैं. नशे की लत छुड़वाने की भी पहल की जा रही है.

व्यवहार में बदलाव और अकेलापन है खतरनाकः पलामू मानसिक अस्पताल में तैनात डॉक्टर सुनील कुमार बताते हैं कि जवानों की कई स्तर पर काउंसलिंग की जा रही है. इस कड़ी में सीआरपीएफ के जवानों को कई टिप्स दिए गए. डॉ सुनील कुमार बताते हैं कि आत्महत्या का विचार आना एक नकारात्मक विचार है. इसे कई तरह से दूर किया जा सकता है. नकारात्मक विचार आने के बाद अकेले में नहीं रहना चाहिए, बल्कि अपनी समस्या को साथी जवान या अधिकारियों से साझा किया जा सकता है. सबसे बड़ी बात है की सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए. कुछ ऐसी चीज होती है जिनका समाधान नहीं हो सकता है. डॉ सुनील कुमार बताते हैं कि अगर जवान के व्यवहार में बदलाव और वह अकेलापन पसंद कर रहा है तो सावधान रहने की जरूरत है.

योग से नकारात्मक प्रभाव को दूर करने की सलाहः साथी जवान एक-दूसरे पर नजर रख सकते हैं और इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को दे सकते है. डॉक्टर बताते हैं कि योग और अन्य माध्यमों से नकारात्मक प्रभाव को दूर किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि नकारात्मक प्रभाव को दूर करने का सबसे आसान तरीका है खुद को व्यस्त रखना. जवानों को व्यस्त रखने के तरीकों के बारे में भी जानकारी दी जा रही है.

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