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बकोरिया मुठभेड़ मामले में स्पेशल कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को किया स्वीकृत, शिकायतकर्ता मामले में सुप्रीम कोर्ट का करेंगे रुख - बकोरिया मुठभेड़ में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट

बकोरिया मुठभेड़ मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है. वहीं शिकायतकर्ता इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं.

Special court accepts CBI closure report in Bakoria encounter case
मुठभेड़ स्थल पर जांच करते अधिकारी
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Published : May 30, 2023, 5:18 PM IST

पलामू: चर्चित बकोरिया मुठभेड़ के मामले में स्पेशल कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकृत कर लिया है. बकोरिया मुठभेड़ के मामले में करीब डेढ़ महीने पहले सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट सौंपी थी. मंगलवार को रांची सीबीआई कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट को लेकर बहस हुई. अब मामले में आगे कोई जांच नहीं होगी.

ये भी पढ़ें- कथित बकोरिया मुठभेड़ की सच्चाई को सामने लाने की लड़ाई लड़ रहे जवाहर यादव, कहा- उन्हें मैनेज करने की हुई कोशिश

क्लोजर रिपोर्ट स्वीकृत होने के बाद मुठभेड़ के शिकायतकर्ता जवाहर यादव ने बताया कि क्लोजर रिपोर्ट के तथ्यों को वह हाईकोर्ट को अवगत कराएंगे और मामले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. बकोरिया मुठभेड़ से जुड़े शिकायतकर्ता जवाहर यादव, संतोष यादव मंगलवार को रांची सीबीआई कोर्ट में प्रस्तुत हुए थे. सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट बाद सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने शिकायतकर्ता को अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा था.

8 जून 2015 को पलामू के सतबरवा के बकोरिया पंचायत के भलवही घाटी में सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में टॉप माओवादी कमांडर आरके यादव उर्फ अनुराग, अनुराग का बेटा और भतीजा, पारा शिक्षक उदय यादव उसका रिश्तेदार नीरज यादव समेत 12 की जान गई थी. सुरक्षाबलों ने सभी को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था. मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए पारा शिक्षक उदय यादव के पिता जवाहर यादव ने हाईकोर्ट में पीआईएल दायर किया था. हाई कोर्ट के निर्देश पर दिसंबर 2018 से सीबीआई बकोरिया मुठभेड़ की जांच कर रही थी.

अप्रैल के अंतिम सप्ताह में सीबीआई ने पूरे मामले में क्लोजर रिपोर्ट दी थी और मुठभेड़ को सही बताया है. सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट में फॉरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए मुठभेड़ को सही बताया है. बकोरिया मुठभेड़ से जुड़े शिकायतकर्ता संतोष यादव ने बताया कि सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट अंग्रेजी में है जिस कारण वह पढ़ नहीं पाए थे. एक महीने पहले सीबीआई कोर्ट में बकोरिया मुठभेड़ से जुड़े हुए मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन किन्ही कारणों से सुनवाई नहीं हो पाई. कोर्ट ने 30 मई की तिथि को सुनवाई की तिथि को मुकर्रर की थी.

ये भी पढ़ें- Bakoria Encounter Case: बकोरिया मुठभेड़ कैसे हुई और पुलिस की एफआईआर में क्या लिखा था, जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट

छह वर्षो तक चला अनुसंधान, एक हजार से अधिक लोगों की हुई गवाही: बकोरिया मुठभेड़ की जांच सीबीआई ने करीब छह वर्षों तक की. जांच के लिए पलामू में कैंप कार्यालय भी खोला गया था. 6 वर्षों में सीबीआई ने 550 से अधिक ग्रामीण, तत्कालीन डीजीपी, आईजी, डीआईजी, एसपी, कामांडेन्ट, सीआरपीएफ कोबरा के अधिकारी, डीएसपी, डॉक्टर, मजिस्ट्रेट, मीडिया समेत एक हजार से अधिक लोगों का बयान लिया था. जबकि सीबीआई ने घटनास्थल पर ही रिक्रिएशन ऑफ क्राइम सीन भी किया था. दरअसल, इस मुठभेड़ में चार नाबालिगों के भी मारे जाने का दावा किया गया था, जबकि सीबीआई की जांच में सभी बालीग पाए गए थे. स्पेशल कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट स्वीकृत होने के बाद सीबीआई मामले में आगे कोई जांच नहीं करेगी ना ही कोई अन्य रिपोर्ट तैयार करेगी.

पलामू: चर्चित बकोरिया मुठभेड़ के मामले में स्पेशल कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकृत कर लिया है. बकोरिया मुठभेड़ के मामले में करीब डेढ़ महीने पहले सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट सौंपी थी. मंगलवार को रांची सीबीआई कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट को लेकर बहस हुई. अब मामले में आगे कोई जांच नहीं होगी.

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क्लोजर रिपोर्ट स्वीकृत होने के बाद मुठभेड़ के शिकायतकर्ता जवाहर यादव ने बताया कि क्लोजर रिपोर्ट के तथ्यों को वह हाईकोर्ट को अवगत कराएंगे और मामले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे. बकोरिया मुठभेड़ से जुड़े शिकायतकर्ता जवाहर यादव, संतोष यादव मंगलवार को रांची सीबीआई कोर्ट में प्रस्तुत हुए थे. सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट बाद सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने शिकायतकर्ता को अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा था.

8 जून 2015 को पलामू के सतबरवा के बकोरिया पंचायत के भलवही घाटी में सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में टॉप माओवादी कमांडर आरके यादव उर्फ अनुराग, अनुराग का बेटा और भतीजा, पारा शिक्षक उदय यादव उसका रिश्तेदार नीरज यादव समेत 12 की जान गई थी. सुरक्षाबलों ने सभी को मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था. मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए पारा शिक्षक उदय यादव के पिता जवाहर यादव ने हाईकोर्ट में पीआईएल दायर किया था. हाई कोर्ट के निर्देश पर दिसंबर 2018 से सीबीआई बकोरिया मुठभेड़ की जांच कर रही थी.

अप्रैल के अंतिम सप्ताह में सीबीआई ने पूरे मामले में क्लोजर रिपोर्ट दी थी और मुठभेड़ को सही बताया है. सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट में फॉरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए मुठभेड़ को सही बताया है. बकोरिया मुठभेड़ से जुड़े शिकायतकर्ता संतोष यादव ने बताया कि सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट अंग्रेजी में है जिस कारण वह पढ़ नहीं पाए थे. एक महीने पहले सीबीआई कोर्ट में बकोरिया मुठभेड़ से जुड़े हुए मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन किन्ही कारणों से सुनवाई नहीं हो पाई. कोर्ट ने 30 मई की तिथि को सुनवाई की तिथि को मुकर्रर की थी.

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छह वर्षो तक चला अनुसंधान, एक हजार से अधिक लोगों की हुई गवाही: बकोरिया मुठभेड़ की जांच सीबीआई ने करीब छह वर्षों तक की. जांच के लिए पलामू में कैंप कार्यालय भी खोला गया था. 6 वर्षों में सीबीआई ने 550 से अधिक ग्रामीण, तत्कालीन डीजीपी, आईजी, डीआईजी, एसपी, कामांडेन्ट, सीआरपीएफ कोबरा के अधिकारी, डीएसपी, डॉक्टर, मजिस्ट्रेट, मीडिया समेत एक हजार से अधिक लोगों का बयान लिया था. जबकि सीबीआई ने घटनास्थल पर ही रिक्रिएशन ऑफ क्राइम सीन भी किया था. दरअसल, इस मुठभेड़ में चार नाबालिगों के भी मारे जाने का दावा किया गया था, जबकि सीबीआई की जांच में सभी बालीग पाए गए थे. स्पेशल कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट स्वीकृत होने के बाद सीबीआई मामले में आगे कोई जांच नहीं करेगी ना ही कोई अन्य रिपोर्ट तैयार करेगी.

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