पलामू: सुरक्षाबलों का मिशन बूढ़ा पहाड़ (Mission Boodha Pahad) पिछले 15 दिनों से जारी है. अभियान को लेकर सुरक्षाबलों ने लातेहार के बारेसाढ़ से जाने वाले बूढ़ा पहाड़ के रास्ते में बूढ़ा नदी पर एक पुल तैयार किया है (Security Forces is Building a Bridge). बारेसाढ़ की जिस जगह पर पुल बनाया गया था, उस जगह से कुछ दूरी पर एक और पुल तैयार किया जा रहा है. तीन दिनों पहले भारी बारिश के कारण कच्चा पुल को नुकसान हुआ था. उसी को ध्याने में रख कर एक और पुल तैयार किया जा रहा है.
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कैंप स्थापन में ग्रामीण कर रहे मदद: सुरक्षाबल ह्यूम पाइक का इस्तेमाल कर बोराबांध की तरह बोरापुल तैयार किया है. अभियान के लिए बूढ़ा पहाड़ के इलाके में कच्चे रास्ते भी बनाए जा रहे हैं. कच्चा रास्ता तैयार करने और उसके मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है. इस काम के लिए जेसीबी, ट्रैक्टर आदि दर्जनों की संख्या में इस्तेमाल किए जा रहे हैं. बूढ़ा पहाड़ अभियान के क्रम में सुरक्षाबलों ने तीसिया और नवाटोली में कैंप कवर स्थापित कर लिया है. हालांकि दोनों जगहों पर सुरक्षाबलों का कैंप कैंट से ही संचालित हो रहा है. दोनों जगह पर कैंप बनाने के लिए स्थानीय ग्रामीणों से काम लिया जा रहा है. इससे इलाके के लगभग 50 लोगों को रोजगार भी मिला है. दोनों जगहों पर सुरक्षाबलों ने कैम्प स्थापित करने के बाद सुरक्षा को बढ़ा दिया है.
बूढ़ापहाड़ को सुरक्षाबलों ने घेरा है: गढ़वा और लातेहार के इलाके में बूढ़ा पहाड़ पर फिलहाल सुरक्षाबलों का कब्जा हो गया है. हालांकि सुरक्षा बल इलाके में लॉन्ग टर्म प्लान लेकर चल रहे हैं ताकि माओवादी इस इलाके में वापस न लौट पाए. बूढ़ापहाड़ को घेरने के लिए 35 से 40 जगहों पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. इस अभियान में कोबरा जगुआर के अलावा, पलामू, गढ़वा, लातेहार, गुमला में मौजूद सीआरपीएफ के जवानों को भी तैनाती की गई है. अभियान में 40 से भी अधिक कंपनी के सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी.
अभियान में शामिल जवानों को बदला जा रहा: बूढ़ा पहाड़ पर माओवादियों के खिलाफ 'ऑपरेशन ऑक्टोपस' चलाया जा रहा है. इस अभियान में शामिल जवानों को प्रत्येक तीन दिनों में बदल दिया जा रहा है. ताकि अभियान में शामिल जवान मानसिक और शारीरिक रूप से थक न जाएं. जवानों की मदद के लिए हेलीकॉप्टर की तैनाती की गई है और जरूरत के सामान हेलीकॉप्टर से भी पहुंचाए जा रहे हैं.