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नेवी जवान को जिंदा जलाने का मामला: परिजनों ने कहा- नहीं मांगी गई फिरौती, हत्या के पीछे बड़ी साजिश, सीबीआई जांच की मांग - महाराष्ट्र में नेवी जवान को जिंदा जलाया

महाराष्ट्र के पालघर से एक चौंकाने वाली घटना समाने आयी है. एक भारतीय नेवी के जवान को चेन्नई से अगवा कर लिया गया और पालघर जिले में जिंदा जला दिया गया. यह घटना बेहद दर्दनाक है. रविवार की देर रात शव को पलामू लाया जाएगा. सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

relatives of the navy soldier suraj said big conspiracy behind the murder in palamu
नेवी जवान
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Published : Feb 7, 2021, 12:50 PM IST

Updated : Feb 7, 2021, 1:36 PM IST

पलामू: नेवी जवान सूरज कुमार दुबे के जिंदा जलाकर हत्या करने के मामले में परिजन बड़ी साजिश मान रहे हैं. नेवी जवान सूरज कुमार दुबे को चेन्नई से अपहरण कर महाराष्ट्र के पालघर में जिंदा जला दिया गया था. सूरज पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के कोल्हुआ के रहने वाले थे. 30 जनवरी को ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए पलामू से निकले थे, उन्हें कोयंबटूर जाना था लेकिन चेन्नई से ही वे लापता हो गए. शुक्रवार की रात सूरज महाराष्ट्र के पालघर में 90 प्रतिशत जले हुए पाए गए थे. घटना के बाद से सूरज के पैतृक गांव पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के कोल्हुआ गांव में मातम पसरा हुआ है. मुम्बई से 3.30 बजे फ्लाइट से शव रांची लाया जाएगा. जिसके बाद पैतृक घर आएगा. सोमवार को कोयल नदी के तट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

देखें पूरी खबर
परिजन कर रहे फिरौती की बात से इंकारजवान सूरज कुमार दुबे के भाई नीरज कुमार दुबे ने ईटीवी भारत को बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने उन्हें फोन कर बताया था कि फिरौती के लिए अपहरण किया गया था, लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है. परिवार के किसी भी सदस्य के पास फिरौती के लिए कोई कॉल नहीं आया है. घटना के पीछे बड़ी साजिश है. नीरज कुमार दुबे ने बताया कि पालघर के एसपी ने उन्हें बताया कि तीन लोगों ने अपहरण किया था. जिसमें से एक नाम इरफान है. उन्होंने बताया कि मामले में सीबीआई जांच हो तभी असली बात सामने आएगी और इंसाफ मिलेगा. परिजनों के लागातार संपर्क में थानीरज कुमार दुबे ने बताया कि सूरज का साथी जवान धर्मेंद्र उसके लगातार संपर्क में था. 22 जनवरी से धर्मेंद्र, सूरज का लोकेशन ले रहा था. 30 जनवरी को 13 बार एसएमएस से धर्मेंद्र और सूरज के बीच बातचीत हुई थी. उन्होंने बताया कि शुरुआत के दो दिनों तक यूनिट का कमांडेंट का व्यवहार परिजनों के प्रति सहानुभूति पूर्वक था लेकिन जैसे धर्मेंद्र का जिक्र आया कमांडेंट का व्यवहार बदल गया.


ग्रामीण कर रहे न्याय की मांग
नेवी जवान सूरज कुमार दुबे के जिंदा जलाने के मामले में उनके पैतृक गांव के इलाके में ग्रामीणों के बीच आक्रोश है. ग्रामीण विवेकानंद दुबे ने बताया कि घटना के पीछे बड़ी साजिश है. आखिर चेन्नई से सूरज पालघर कैसे पहुंच गया. पूरे मामले में सीबीआई जांच की जरूरत है. ग्रामीण बबलू दुबे बताते हैं कि सीबीआई जांच को लेकर आंदोलन किया जाएगा. फिलहाल कैंडल मार्च निकाल रहे हैं बाद में वे भूख हड़ताल पर बैठेंगे.

ये भी पढ़े- जख्मी नेवी जवान की मुंबई के अस्पताल में मौत, 90 प्रतिशत जला हुआ था शरीर, कुछ दिनों से थे लापता

2012 में नेवी में सूरज का हुआ था चयन
सूरज कुमार दुबे का अगस्त 2012 में नेवी में चयन हुआ था. उनकी शुरुआती शिक्षा पलामू के ज्ञान निकेतन स्कूल से हुई थी. सूरज शुरू से ही मेधावी छात्र रहे थे. नेवी में चयन होने के बाद सूरज 2015 तक मुंबई में तैनात रहे थे. बाद में उनकी तैनाती कोयंबटूर स्टेट आईएनएस अग्रणी में कर दिया गया था.

15 जनवरी को हुई थी सगाई
सूरज कुमार दुबे जनवरी महीने में छुट्टी पर पलामू में पहुंचे थे. 15 जनवरी को उनकी सगाई हुई थी. जबकि मई महीने में उनकी शादी होने वाली थी. शादी की खरीदारी भी सूरज ने की थी. मुम्बई सूरज के पिता और छोटे भाई गए हैं. जबकि घर में मां और बड़े भाई हैं. मां बेहोशी की हालत में है.

पलामू: नेवी जवान सूरज कुमार दुबे के जिंदा जलाकर हत्या करने के मामले में परिजन बड़ी साजिश मान रहे हैं. नेवी जवान सूरज कुमार दुबे को चेन्नई से अपहरण कर महाराष्ट्र के पालघर में जिंदा जला दिया गया था. सूरज पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के कोल्हुआ के रहने वाले थे. 30 जनवरी को ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए पलामू से निकले थे, उन्हें कोयंबटूर जाना था लेकिन चेन्नई से ही वे लापता हो गए. शुक्रवार की रात सूरज महाराष्ट्र के पालघर में 90 प्रतिशत जले हुए पाए गए थे. घटना के बाद से सूरज के पैतृक गांव पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र के कोल्हुआ गांव में मातम पसरा हुआ है. मुम्बई से 3.30 बजे फ्लाइट से शव रांची लाया जाएगा. जिसके बाद पैतृक घर आएगा. सोमवार को कोयल नदी के तट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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परिजन कर रहे फिरौती की बात से इंकारजवान सूरज कुमार दुबे के भाई नीरज कुमार दुबे ने ईटीवी भारत को बताया कि महाराष्ट्र पुलिस ने उन्हें फोन कर बताया था कि फिरौती के लिए अपहरण किया गया था, लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है. परिवार के किसी भी सदस्य के पास फिरौती के लिए कोई कॉल नहीं आया है. घटना के पीछे बड़ी साजिश है. नीरज कुमार दुबे ने बताया कि पालघर के एसपी ने उन्हें बताया कि तीन लोगों ने अपहरण किया था. जिसमें से एक नाम इरफान है. उन्होंने बताया कि मामले में सीबीआई जांच हो तभी असली बात सामने आएगी और इंसाफ मिलेगा. परिजनों के लागातार संपर्क में थानीरज कुमार दुबे ने बताया कि सूरज का साथी जवान धर्मेंद्र उसके लगातार संपर्क में था. 22 जनवरी से धर्मेंद्र, सूरज का लोकेशन ले रहा था. 30 जनवरी को 13 बार एसएमएस से धर्मेंद्र और सूरज के बीच बातचीत हुई थी. उन्होंने बताया कि शुरुआत के दो दिनों तक यूनिट का कमांडेंट का व्यवहार परिजनों के प्रति सहानुभूति पूर्वक था लेकिन जैसे धर्मेंद्र का जिक्र आया कमांडेंट का व्यवहार बदल गया.


ग्रामीण कर रहे न्याय की मांग
नेवी जवान सूरज कुमार दुबे के जिंदा जलाने के मामले में उनके पैतृक गांव के इलाके में ग्रामीणों के बीच आक्रोश है. ग्रामीण विवेकानंद दुबे ने बताया कि घटना के पीछे बड़ी साजिश है. आखिर चेन्नई से सूरज पालघर कैसे पहुंच गया. पूरे मामले में सीबीआई जांच की जरूरत है. ग्रामीण बबलू दुबे बताते हैं कि सीबीआई जांच को लेकर आंदोलन किया जाएगा. फिलहाल कैंडल मार्च निकाल रहे हैं बाद में वे भूख हड़ताल पर बैठेंगे.

ये भी पढ़े- जख्मी नेवी जवान की मुंबई के अस्पताल में मौत, 90 प्रतिशत जला हुआ था शरीर, कुछ दिनों से थे लापता

2012 में नेवी में सूरज का हुआ था चयन
सूरज कुमार दुबे का अगस्त 2012 में नेवी में चयन हुआ था. उनकी शुरुआती शिक्षा पलामू के ज्ञान निकेतन स्कूल से हुई थी. सूरज शुरू से ही मेधावी छात्र रहे थे. नेवी में चयन होने के बाद सूरज 2015 तक मुंबई में तैनात रहे थे. बाद में उनकी तैनाती कोयंबटूर स्टेट आईएनएस अग्रणी में कर दिया गया था.

15 जनवरी को हुई थी सगाई
सूरज कुमार दुबे जनवरी महीने में छुट्टी पर पलामू में पहुंचे थे. 15 जनवरी को उनकी सगाई हुई थी. जबकि मई महीने में उनकी शादी होने वाली थी. शादी की खरीदारी भी सूरज ने की थी. मुम्बई सूरज के पिता और छोटे भाई गए हैं. जबकि घर में मां और बड़े भाई हैं. मां बेहोशी की हालत में है.

Last Updated : Feb 7, 2021, 1:36 PM IST
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