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फ्रेट कॉरिडोर से पलामू के इलाके में बदल जाएगा रेलवे का स्वरूप, मार्च में राजहरा से सिगसिगी के बीच शुरू होगा परिचालन - सोन नगर से पतरातू के बीच रेलवे फ्रेट कॉरिडोर

सोननगर से पतरातू के बीच बन रहे रेलवे के पहले फ्रेट कॉरिडोर से पलामू के रेलवे इलाके का स्वरूप बदल जाएगा. इससे न सिर्फ यात्री ट्रेनों को फायदा होगा बल्कि कारोबारियों को भी सीधा लाभ होगा. कारोबारियों को कम समय में सामान मिल पाएगा.

railway freight corridor between son nagar and patratu
सोननगर से पतरातू के बीच रेलवे का फ्रेट कॉरिडोर
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Published : Feb 22, 2021, 5:15 PM IST

Updated : Feb 25, 2021, 3:59 PM IST

पलामू: सोननगर से पतरातू के बीच बन रहे रेलवे के पहले फ्रेट कॉरिडोर से पलामू में रेलवे का स्वरूप बदल जाएगा. इससे न सिर्फ यात्री ट्रेनों को फायदा होगा बल्कि कारोबारियों को भी सीधा लाभ होगा. कारोबारियों को कम समय में सामान मिल पाएगा.

इस साल पेश हुए केंद्रीय बजट में सोननगर से गोमो तक फ्रेट कॉरिडोर बनाने की घोषणा हुई है. पहले चरण में सोननगर से पतरातू रेलवे स्टेशन के बीच फ्रेट कॉरिडोर बनाया जा रहा है. इसके लिए तीसरी लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है. फ्रेट कॉरिडोर के लिए पहले चरण में 293 किलोमीटर लंबी तीसरी रेलवे लाइन बिछाई जा रही है. सोननगर से गढ़वा रोड रेलवे स्टेशन के बीच की दूरी 93 किलोमीटर है जबकि गढ़वा रोड से पतरातू रेलवे स्टेशन के बीच की दूरी 200 किलोमीटर है.

देखिये स्पेशल रिपोर्ट

सिगसिगी से राजहरा बीच होगा पहला परिचालन

रेलवे के पहले फ्रेट कॉरिडोर पर पहला परिचालन राजहरा से सिगसिगी रेलवे स्टेशन के बीच किया जाएगा. इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. टीआई अरविंद सिन्हा का कहना है कि मार्च में राजहरा और सिगसिगी स्टेशन के बीच परिचालन शुरू होने की उम्मीद है. फ्रेट कॉरिडोर बनने से कई फायदे होंगे. कॉरिडोर बनने के बाद हर दिन 150 से अधिक मालगाड़ियों का परिचालन हो पाएगा. कॉरिडोर पर शेषनाग जैसे मालगाड़ी भी चल सकेंगे. शेषनाग मालगाड़ी में सामान्य तौर पर तीन मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर चलाया जाता है.

यात्री ट्रेनों को भी फायदा

फ्रेट कॉरिडोर पर अप और डाइन दोनों तरफ से परिचालन होगा. इसके लिए कई स्टेशनों की प्लेटफॉर्म की लंबाई बढ़ाई जा रही है. टीआई अरविंद सिन्हा का कहना है कि कॉरिडोर तैयार होने के बाद यात्री ट्रेनों को फायदा होगा. यात्री ट्रेनें समय से चल पाएंगी. पलामू सांसद विष्णु दयाल राम का कहना है कि फ्रेट कॉरिडोर बनने से यात्रियों के साथ कारोबारियों को भी लाभ होगा. कम लागत पर कारोबारियों तक सामान पहुंचेगी. फ्रेट कॉरिडोर बनने से मालगाड़ियों की स्पीड भी बढ़ जाएगी.

रेलवे का सीआईसी सेक्शन जिसमें फ्रेट कॉरिडोर बनाया जा रहा है वह मालगाड़ियों के परिचालन के लिए प्रसिद्ध रहा है. लॉकडाउन पहले से पहले तक औसतन 60 से 65 मालगाड़ियों का परिचालन होता था. लॉकडाउन के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर 100 के करीब हो गया. वर्तमान में औसतन 12 से 15 मालगाड़ियों का परिचालन हो रहा है. सोननगर से डालटनगंज रेलवे स्टेशन के बीच कॉरिडोर बनाने के काम तेजी से चल रहा है.

क्या है फ्रेट कॉरिडोर ?

फ्रेट कॉरिडोर केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजाओं में से एक है. फ्रेट कॉरिडोर मतलब ऐसी रेल लाइन है जिसका इस्तेमाल सिर्फ मालगाड़ियों के लिए किया जाएगा. देश में ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर बनाया जा रहा है जिसकी लंबाई 3 हजार किलोमीटर है.

पलामू: सोननगर से पतरातू के बीच बन रहे रेलवे के पहले फ्रेट कॉरिडोर से पलामू में रेलवे का स्वरूप बदल जाएगा. इससे न सिर्फ यात्री ट्रेनों को फायदा होगा बल्कि कारोबारियों को भी सीधा लाभ होगा. कारोबारियों को कम समय में सामान मिल पाएगा.

इस साल पेश हुए केंद्रीय बजट में सोननगर से गोमो तक फ्रेट कॉरिडोर बनाने की घोषणा हुई है. पहले चरण में सोननगर से पतरातू रेलवे स्टेशन के बीच फ्रेट कॉरिडोर बनाया जा रहा है. इसके लिए तीसरी लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है. फ्रेट कॉरिडोर के लिए पहले चरण में 293 किलोमीटर लंबी तीसरी रेलवे लाइन बिछाई जा रही है. सोननगर से गढ़वा रोड रेलवे स्टेशन के बीच की दूरी 93 किलोमीटर है जबकि गढ़वा रोड से पतरातू रेलवे स्टेशन के बीच की दूरी 200 किलोमीटर है.

देखिये स्पेशल रिपोर्ट

सिगसिगी से राजहरा बीच होगा पहला परिचालन

रेलवे के पहले फ्रेट कॉरिडोर पर पहला परिचालन राजहरा से सिगसिगी रेलवे स्टेशन के बीच किया जाएगा. इसकी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. टीआई अरविंद सिन्हा का कहना है कि मार्च में राजहरा और सिगसिगी स्टेशन के बीच परिचालन शुरू होने की उम्मीद है. फ्रेट कॉरिडोर बनने से कई फायदे होंगे. कॉरिडोर बनने के बाद हर दिन 150 से अधिक मालगाड़ियों का परिचालन हो पाएगा. कॉरिडोर पर शेषनाग जैसे मालगाड़ी भी चल सकेंगे. शेषनाग मालगाड़ी में सामान्य तौर पर तीन मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर चलाया जाता है.

यात्री ट्रेनों को भी फायदा

फ्रेट कॉरिडोर पर अप और डाइन दोनों तरफ से परिचालन होगा. इसके लिए कई स्टेशनों की प्लेटफॉर्म की लंबाई बढ़ाई जा रही है. टीआई अरविंद सिन्हा का कहना है कि कॉरिडोर तैयार होने के बाद यात्री ट्रेनों को फायदा होगा. यात्री ट्रेनें समय से चल पाएंगी. पलामू सांसद विष्णु दयाल राम का कहना है कि फ्रेट कॉरिडोर बनने से यात्रियों के साथ कारोबारियों को भी लाभ होगा. कम लागत पर कारोबारियों तक सामान पहुंचेगी. फ्रेट कॉरिडोर बनने से मालगाड़ियों की स्पीड भी बढ़ जाएगी.

रेलवे का सीआईसी सेक्शन जिसमें फ्रेट कॉरिडोर बनाया जा रहा है वह मालगाड़ियों के परिचालन के लिए प्रसिद्ध रहा है. लॉकडाउन पहले से पहले तक औसतन 60 से 65 मालगाड़ियों का परिचालन होता था. लॉकडाउन के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर 100 के करीब हो गया. वर्तमान में औसतन 12 से 15 मालगाड़ियों का परिचालन हो रहा है. सोननगर से डालटनगंज रेलवे स्टेशन के बीच कॉरिडोर बनाने के काम तेजी से चल रहा है.

क्या है फ्रेट कॉरिडोर ?

फ्रेट कॉरिडोर केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजाओं में से एक है. फ्रेट कॉरिडोर मतलब ऐसी रेल लाइन है जिसका इस्तेमाल सिर्फ मालगाड़ियों के लिए किया जाएगा. देश में ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर बनाया जा रहा है जिसकी लंबाई 3 हजार किलोमीटर है.

Last Updated : Feb 25, 2021, 3:59 PM IST
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