पलामू/बोकारोः नए कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया है, जिसका नक्सलियों ने भी समर्थन किया है. इसी क्रम में राज्य के पलामू जिले में नक्सलियों के समर्थन में जमकर नारे लगाए गए. वहीं बोकारो में किसान संग्राम समिति और मार्क्सवादी समन्वय समिति की ओर से धनबाद-पुरुलिया मुख्य मार्ग को पूरी तरह से जाम कर दिया.
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पलामू में नक्सलियों के समर्थन में लगे नारे
कृषि कानून के विरोध में भारत बंद के दौरान पलामू में नक्सलियों के समर्थन में जमकर नारे लगाए गए. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद नारे लगना बंद हुआ. कृषि कानून के विरोध में विभिन्न संगठनों ने शुक्रवार को भारत बंद का आह्वान किया था. बंद को सफल बनाने के लिए विभिन्न संगठन सड़कों पर उतरे है. इसी दौरान पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के छह मुहान पर कुछ लोगों ने नक्सलियों के समर्थन में नारे लगाए. नारे लगाने वाले कुछ देर बाद छह मुहान से भाग गए. वहीं भारत बंद का पलामू में मिला-जुला असर रहा. सामान्य तौर पर यात्री वाहनों के परिचालन पर अधिक असर नहीं देखा गया, जबकि बाजार पूरी तरह से खुले है. बंद को देखते हुए कई जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई थी.
बोकारो में मार्क्सवादी समन्वय समिति ने किया सड़क जाम
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने शुक्रवार को पूरे देश में चक्का जाम आंदोलन करने की घोषणा की है. इसको देखते हुए किसानों के समर्थन में किसान संग्राम समिति बोकारो और मार्क्सवादी समन्वय समिति की ओर से धनबाद-पुरुलिया मुख्य मार्ग को पूरी तरह से जाम कर दिया. इस दौरान किसानों के समर्थन में उतरे नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जल्द से जल्द कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की. सड़क जाम करने से सड़क के दोनों तरफ गाड़ियों की लंबी लंबी कतारें लग गई है. इससे गाड़ियों की आवाजाही पूरी तरह से बंद है.
किसान संग्राम समिति के अध्यक्ष दयाराम शर्मा ने कहा कि अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर सड़क पर उतरे हैं और किसानों के समर्थन में आगे भी सड़क पर उतरेंगे. वहीं मार्क्सवादी समन्वय समिति के जिला अध्यक्ष दिलीप तिवारी ने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में पिछले कई महीनों से आंदोलनरत हैं, बावजूद इसके केंद्र सरकार इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले रही है.