पलामूः एक दशक से बंद पड़ी राजहरा कोलियरी की रौनक लौटने वाली है. ऐसी उम्मीद है कि मार्च से उत्पादन भी शुरू हो जाएगा. पलामू सांसद की पहल के बाद 2008 से बंद पड़ी एशिया की फेमस राजहरा कोलियरी फिर से शुरू होने वाली है. सीसीएल ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. राजहरा कोलियरी पूरे एशिया में उच्च क्षमता वाले कोयला के प्रसिद्ध है. राजहरा कोलियरी के कोयले में धुआं नहीं निकलता है. साल 2008 में सदाबहार नदी का पानी कोलियरी के खनन क्षेत्र में भर गया था, जिसके बाद डीजीएमएस ने सुरक्षा कारणों से माइंस को बंद कर दिया था. सीसीएल के इस प्रोजेक्ट में 820 लाख टन कोयले का भंडार है, इसमें सीएमपीडीआई ने सीसीएल को 500 लाख टन कोयला उत्पादन की अनुमति दी है. सीसीएल ने प्रतिवर्ष पांच टन कोयले का उत्पादन का लक्ष्य रखा है कोयले की सिम की मोटाई 40 फीट तक है.
पलामू सांसद वीडी राम कोलियरी के चालू करने की लगातार किया है प्रयास
पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने राजहरा कोलियरी के चालू करने को लेकर लगातार प्रयास किया है. 25 जनवरी 2019 को राजहरा कल बरस उत्पादन को लेकर उद्घाटन किया गया था, मगर तकनीकी कारणों से उत्पादन शुरू नहीं हो पाया. पलामू सांसद के प्रयास से सीसीएल ने मार्च से उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है. सांसद वीडी राम ने बताया कि चालू करने को लेकर वो लगातार प्रयास कर रहे हैं. उम्मीद है मार्च तक सभी जरूरी कदमों को उठा लिया जाएगा, उत्पादन से पहले कुछ कर्मियों की तैनाती होनी है, जबकि एक मशीन भी लाने का प्रयास किया जा रहा है. राजहरा कोलियरी के प्रोजेक्ट ऑफिसर दिग्विजय नारायण बताते हैं कि मार्च से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है, हालांकि कई जगहों पर जमीन अधिग्रहण संबंधी करवाई को पूरा किया जाना है.
20 से अधिक गांव की लौटेगी रौनक, कामगारों को मिलेगा नौकरी
राजहरा फुलवारी को चालू होने से आसपास के 20 गांव मे रौनक लौटेगी, जबकि 300 से अधिक पर पे-लोडर्स फायदा होने वाला है. राजहरा गांव के स्थानीय गोविंदा चौहान बताते हैं कि कोलियरी चालू होने से लोगों में खुशी है, 20 से अधिक गांव को फायदा होने वाला है. शुभम पांडे बताते हैं कि इलाके में रोजगार का साधन उपलब्ध हो जाएगा. कोलियरी में काम कर रहा है विनोद कुमार बताते हैं कि कोलियरी बंद होने से सब कुछ वीरान हो गया था, अब दोबारा चालू होने की उम्मीद जगी है और कुछ जगह पर काम भी हो रहा है, इलाके में सब कुछ अब ठीक होने वाला है.