ETV Bharat / state

भाकपा माओवादियों की नई चाल! नक्सलियों के अफवाह के खिलाफ पोस्टर जारी कर रही पलामू पुलिस

पलामू में नक्सलियों के खिलाफ पोस्टर जारी कर रही है. इससे पलामू पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है. पलामू पुलिस की नयी रणनीति माओवादियों की नई चाल के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है. ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट से जानिए, आखिर क्या है माओवादियों की नई चाल?

police-making-people-aware-by-posters-against-naxalites-in-palamu
पलामू में नक्सलियों के खिलाफ पोस्टर
author img

By

Published : Jan 17, 2022, 5:46 PM IST

Updated : Jan 17, 2022, 7:02 PM IST

पलामूः झारखंड में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी दहशत फैलाने के लिए नई चाल चली है. माओवादी अफवाह फैला कर अपनी दहशत को कायम करना चाहते हैं. झारखंड-बिहार सीमा पर माओवादी बेहद कमजोर हो गए हैं. माओवादियों ने पलामू में एक सुनियोजित तरीके से अपनी उपस्थिति का अफवाह फैलाई है. पुलिस को कई इलाकों से जानकारी मिली कि माओवादी बड़ी संख्या में इलाके में घूम रहे हैं. पुलिस इन सूचनाओं का सत्यापन करना शुरू किया तो पता चला कि यह अफवाह है, इलाके में माओवादियों की उपस्थिति नहीं है. यह अफवाह पलामू के नौडीहा बाजार, हरिहरगंज, छतरपुर, बिश्रामपुर, पांडू, पिपरा और बिहार से सटे हुए सीमावर्ती इलाकों में फैलाया गया था. इस अफवाह के कारण पुलिस एक पखवाड़े तक परेशान रही थी.

इसे भी पढ़ें- आखिरी सांसें गिन रहा नक्सली संगठन JJMP! पुलिसिया दबिश से टूट रही संगठन की कमर

पलामू में नक्सलियों के खिलाफ पोस्टर जारी कर पलामू पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है. पलामू पुलिस की नयी रणनीति माओवादियों के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है. पलामू में नक्सली अफवाह फैला रहे हैं. इसके बारे में बताया जा रहा है कि माओवादियों के टॉप कमांडर्स ने फोन कॉल और अपने समर्थकों के माध्यम से अपनी मौजूदगी का पूरा फैलाया है. पलामू पुलिस ने नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र से एक माओवादी समर्थक को गिरफ्तार किया था. माओवादी समर्थक ने पलामू पुलिस के समक्ष खुलासा किया था कि सुनियोजित तरीके से अफवाह फैलाई जा रही है. जिससे इलाके से लेवी वसूली जा सके और लोगों के मन में दहशत कायम किया जा सके.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

यहां बता दें कि आने वाले कुछ दिनों में बीड़ी पत्ता और अन्य विकास योजनाएं शुरू होने वाली है. इस अफवाह की बदौलत माओवादियों को आसानी से लेवी मिल सकती है. पलामू के नक्सल हिट इलाके नौडीहा बाजार के थाना प्रभारी रंजीत कुमार बताते हैं कि गिरफ्तार माओवादी ने पुलिस को अहम जानकारी दी थी कि किस प्रकार अफवाह फैलाई जा रही है. इसी की बिनाह पर पुलिस अब आगे की कार्रवाई कर रही है. साथ ही आम लोगों को भी विभिन्न माध्यमों से ऐसी अफवाहों से दूर रहने और सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है.

पोस्टर से जागरुकता और ड्रोन से हो रही निगरानीः पुलिस ने इलाके में पोस्टर चिपका कर लोगों को जागरूक कर रही है जबकि इलाके में ड्रोन से निगरानी बढ़ा दी गयी है. नक्सली इलाकों में पोस्टर चिपका कर पुलिस ने लिखा है कि इस तरह के अफवाह फैलाने वालों के लिए पुलिस कार्रवाई कर रही है, आम लोग इस अफवाह पर ध्यान नहीं दें. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा बताते हैं कि नक्सलियों को उनके मंसूबे में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. इस तरह की अफवाह फैलाकर माओवादी पुलिस को ट्रैक भी कर सकते हैं. पुलिस पूरी तरह से सतर्क है और लोगों से आग्रह कर रही है कि इस तरह की अफवाह नहीं फैलाएं. अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी.

इसे भी पढ़ें- नई पहलः बंदूक छोड़ कलम उठा रही हैं पलामू की लड़कियां, कभी माओवादी संगठन के लिए करती थीं काम



माओवादियों की मौजूदगी के आंकड़े 95 प्रतिशत तक हुए कमः माओवादियों के मध्य जोन में पलामू चतरा, गया, रोहतास और औरंगाबाद का इलाका है. पिछले साल जून में पलामू से माओवादियों को लेवी के रूप में सालाना तीन करोड़ रुपए से भी अधिक मिलते थे. लेकिन यह आंकड़ा घटकर अब बेहद कम हो गया है. पलामू में माओवादियों की उपस्थिति पिछले पांच वर्षों में 95 प्रतिशत तक कम हो गयी है. 2016 के तीन घटानाएं दर्ज की गयी हैं जबकि कई टॉप नक्सली मारे गए हैं और दो दर्जन से अधिक गिरफ्तार हुए हैं. सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट में पलामू में माओवादी दस्ता का मूवमेंट दर्ज नहीं किया गया है. जो कहीं ना कहीं पलामू जिला के लिए राहत की बात है.

पलामूः झारखंड में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी दहशत फैलाने के लिए नई चाल चली है. माओवादी अफवाह फैला कर अपनी दहशत को कायम करना चाहते हैं. झारखंड-बिहार सीमा पर माओवादी बेहद कमजोर हो गए हैं. माओवादियों ने पलामू में एक सुनियोजित तरीके से अपनी उपस्थिति का अफवाह फैलाई है. पुलिस को कई इलाकों से जानकारी मिली कि माओवादी बड़ी संख्या में इलाके में घूम रहे हैं. पुलिस इन सूचनाओं का सत्यापन करना शुरू किया तो पता चला कि यह अफवाह है, इलाके में माओवादियों की उपस्थिति नहीं है. यह अफवाह पलामू के नौडीहा बाजार, हरिहरगंज, छतरपुर, बिश्रामपुर, पांडू, पिपरा और बिहार से सटे हुए सीमावर्ती इलाकों में फैलाया गया था. इस अफवाह के कारण पुलिस एक पखवाड़े तक परेशान रही थी.

इसे भी पढ़ें- आखिरी सांसें गिन रहा नक्सली संगठन JJMP! पुलिसिया दबिश से टूट रही संगठन की कमर

पलामू में नक्सलियों के खिलाफ पोस्टर जारी कर पलामू पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है. पलामू पुलिस की नयी रणनीति माओवादियों के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है. पलामू में नक्सली अफवाह फैला रहे हैं. इसके बारे में बताया जा रहा है कि माओवादियों के टॉप कमांडर्स ने फोन कॉल और अपने समर्थकों के माध्यम से अपनी मौजूदगी का पूरा फैलाया है. पलामू पुलिस ने नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र से एक माओवादी समर्थक को गिरफ्तार किया था. माओवादी समर्थक ने पलामू पुलिस के समक्ष खुलासा किया था कि सुनियोजित तरीके से अफवाह फैलाई जा रही है. जिससे इलाके से लेवी वसूली जा सके और लोगों के मन में दहशत कायम किया जा सके.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

यहां बता दें कि आने वाले कुछ दिनों में बीड़ी पत्ता और अन्य विकास योजनाएं शुरू होने वाली है. इस अफवाह की बदौलत माओवादियों को आसानी से लेवी मिल सकती है. पलामू के नक्सल हिट इलाके नौडीहा बाजार के थाना प्रभारी रंजीत कुमार बताते हैं कि गिरफ्तार माओवादी ने पुलिस को अहम जानकारी दी थी कि किस प्रकार अफवाह फैलाई जा रही है. इसी की बिनाह पर पुलिस अब आगे की कार्रवाई कर रही है. साथ ही आम लोगों को भी विभिन्न माध्यमों से ऐसी अफवाहों से दूर रहने और सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है.

पोस्टर से जागरुकता और ड्रोन से हो रही निगरानीः पुलिस ने इलाके में पोस्टर चिपका कर लोगों को जागरूक कर रही है जबकि इलाके में ड्रोन से निगरानी बढ़ा दी गयी है. नक्सली इलाकों में पोस्टर चिपका कर पुलिस ने लिखा है कि इस तरह के अफवाह फैलाने वालों के लिए पुलिस कार्रवाई कर रही है, आम लोग इस अफवाह पर ध्यान नहीं दें. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा बताते हैं कि नक्सलियों को उनके मंसूबे में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा. इस तरह की अफवाह फैलाकर माओवादी पुलिस को ट्रैक भी कर सकते हैं. पुलिस पूरी तरह से सतर्क है और लोगों से आग्रह कर रही है कि इस तरह की अफवाह नहीं फैलाएं. अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी.

इसे भी पढ़ें- नई पहलः बंदूक छोड़ कलम उठा रही हैं पलामू की लड़कियां, कभी माओवादी संगठन के लिए करती थीं काम



माओवादियों की मौजूदगी के आंकड़े 95 प्रतिशत तक हुए कमः माओवादियों के मध्य जोन में पलामू चतरा, गया, रोहतास और औरंगाबाद का इलाका है. पिछले साल जून में पलामू से माओवादियों को लेवी के रूप में सालाना तीन करोड़ रुपए से भी अधिक मिलते थे. लेकिन यह आंकड़ा घटकर अब बेहद कम हो गया है. पलामू में माओवादियों की उपस्थिति पिछले पांच वर्षों में 95 प्रतिशत तक कम हो गयी है. 2016 के तीन घटानाएं दर्ज की गयी हैं जबकि कई टॉप नक्सली मारे गए हैं और दो दर्जन से अधिक गिरफ्तार हुए हैं. सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट में पलामू में माओवादी दस्ता का मूवमेंट दर्ज नहीं किया गया है. जो कहीं ना कहीं पलामू जिला के लिए राहत की बात है.

Last Updated : Jan 17, 2022, 7:02 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.