पलामू: पलामू प्रमंडल को राजधानी रांची से जोड़ने वाली नेशनव हाइवे की हालत खस्ता है. सड़क की हालत ऐसी की रांची पहुंचने में 5 से 6 घंटे का वक्त लगता है. गड्ढों के कारण एनएच पर आए दिन लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. हर दिन दो से तीन लोग भगवान को प्यारे हो रहे. आकड़ों पर गौर करें तो लॉकडाउन के बाद से अबतक दुर्घटना में 20 से अधिक लोग अपनी जान गवां चुके हैं.
पलामू को रांची से जोड़ने वाला नेशनल हाईवे 75 के नाम से जाना जाता है. हालांकि, केंद्र सरकार ने इस नेशनल हाईवे का नामकरण 39 कर दिया है, लेकिन अभी तक कहीं भी बोर्ड को नहीं बदला गया है. इस सड़क पर हर दिन प्रतिदिन 10,000 से अधिक वाहनों का परिचालन होता है. नेशनल हाईवे पलामू के विश्रामपुर, रेहला सतबरवा, जबकि लातेहार के मनिका और चंदवा के इलाके में सबसे अधिक खराब है. कहीं-कहीं 3 से 4 फीट के गड्ढे बन गए हैं, जिस कारण छोटे कार या छोटे वाहन गड्ढों में फंस जा रही है. गड्ढों में तब्दील नेशनल हाईवे की मरम्मत की जगह ईंट से भरने का काम हो रहा है. कई जगह ईंट को रोड पर ही छोड़ दिया गया है.
'यात्रा करते समय लगता है डर'
नेशनल हाईवे पर सफर करने वाले युवा अमित तिवारी और आशीष बताते हैं कि नेशनल हाईवे की हालत इतनी खराब है कि उन्हें दुर्घटना का डर लगा रहता है. डालटनगंज से रांची जाने में 6 से 7 घंटे का वक्त लगता है. सरकार जल्द ही इसकी हालात को नहीं बदलती है तो बड़ी बड़ी दुर्घटनाएं शुरू हो जाएंगे. कई जगह गड्ढों में ईंट को भरा गया है, जो दुर्घटना का कारण बन रही है.
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मरम्मती के लिए निकाला गया है टेंडर
मेदनीनगर रांची नेशनल हाईवे पर बोलते हुए पलामू डीसी शशि रंजन बताते हैं कि नेशनल हाईवे दो भागों में है ।एक पलामू से मनिका जबकि दूसरा भाग मनिका से कुडू तक है ।दोनों भागों के मरम्मत लिए टेंडर निकाला गया है जल्द ही दोनों भागों में मरम्मत का काम शुरू हो जाएगा।