ETV Bharat / state

Naxalites In Palamu: कौन है वो राजदार जिसके पास है माओवादियों के पैसों की जानकारी, बूढ़ापहाड़ से लेकर छकरबंधा तक कौन संभालता था वित्तीय मैनेजमेंट

पलामू पुलिस और सुरक्षा बलों ने बूढ़ापहाड़ इलाके से माओवादियों को खदेड़ दिया, लेकिन बूढ़ापहाड़ में छिपा कर रखे गए माओवादियों के कैश का पता नहीं चल सका है. हालांकि पुलिस माओवादियों के पैसे की बरामदगी के लिए लगातार अभियान चला रही है.

http://10.10.50.75//jharkhand/13-September-2023/jh-pal-04-maoist-money-pkg-7203481_13092023161549_1309f_1694601949_125.jpg
Maoist Money Hidden In Palamu
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 13, 2023, 8:27 PM IST

पलामूः कौन है वे टॉप कमांडर जो माओवादियों के वित्तीय मैनेजमेंट को संभालता है और पैसों का हिसाब रखता है. इन कमांडरों के पास लेवी और वित्तीय संबंधी सारी जानकारी रहती है. माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना यूनीफाइड कमांड बूढ़ापहाड़ और छकरबंधा पूरी तरह तबाह हो गया है. छकरबंधा में सुरक्षाबलों को अभियान के क्रम में लाखों रुपए मिले थे, लेकिन बूढ़ापहाड़ के इलाके में पैसा बरामद नहीं हुआ है. दोनों इलाकों में पुलिस सुरक्षा बल और विभिन्न सुरक्षा एजेंसी हथियार और पैसे को बरामद करने के लिए लगातार अभियान चला रही है.

ये भी पढ़ें-Palamu News: जानिए कौन हैं माओवादियों के लिए लेवी वसूलने वाले नितिन और पप्पू, जिनकी तलाश में जुटी है पलामू पुलिस

हालांकि हथियार के मामले में सफलता मिली है, लेकिन पैसा बरामद नहीं हुआ है. कुछ दिनों पहले बिहार के इलाके में माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा को पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था. प्रमोद मिश्रा से झारखंड-बिहार की पुलिस के साथ-साथ विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की थी. हालांकि प्रमोद मिश्रा ने इस पूछताछ के दौरान बड़ी जानकारी नहीं दी थी, लेकिन वित्तीय मैनेजमेंट की कुछ जानकारी दी है, जो चौंकाने वाली है.

जोनल कमांडर रैंक का नक्सली वसूलता है लेवीः पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसी को जानकारी मिली है कि माओवादियों के जोनल कमांडर रैंक का नक्सली लेवी वसूलता है. जून 2022 तक लेवी का यह सारा पैसा माओवादियों के सेंट्रल कमेटी सदस्य संदीप यादव के पास जाता था. वहां से यह पैसा जरूरत के हिसाब से सारंडा और बूढ़ापहाड़ के इलाके में जाता था. संदीप यादव के पास माओवादियों का पैसा जमा होता था, लेकिन 2016 तक इसका हिसाब टॉप माओवादी अभय यादव के पास रहता था. 2016 के बाद से इसका हिसाब मुराद उर्फ गुरुजी के पास था, 2018-19 के पास से पैसों का हिसाब नितेश यादव के पास रहता था. मुराद उर्फ गुरुजी के निशानदेही पर पुलिस ने 20 लाख रुपए भी बरामद किए थे. छकरबंधा के इलाके के सारे पैसों की जानकारी नितेश यादव को है. बूढ़ापहाड़ के इलाके का सारे पैसों का हिसाब छोटू खरवार के पास है. पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसी के अनुसार 2022 की शुरुआती महीने के बाद माओवादी पैसों को छकरबंधा, बूढ़ापहाड़ और सारंडा में पैसों का बंटवारा नहीं कर पाए हैं.

सबसे अधिक झारखंड-बिहार सीमा से होती है लेवी की वसूलीः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने झारखंड और बिहार को अलग-अलग जोन में बांटा है. माओवादियों के मध्य जोन जिसमें झारखंड का चतरा, पलामू और बिहार का गया, औरंगाबाद और रोहतास का इलाका शामिल है. सुरक्षा एजेंसी के अनुसार इस इलाके से सालाना 70 करोड़ रुपए से अधिक की लेवी वसूली जाती है. उसके बाद माओवादी कोयल शंख जोन में लातेहार, गढ़वा, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा का इलाका शामिल है, जहां करोड़ों की लेवी वसूली जाती है. गिरफ्तार माओवादियों के वित्तीय इंचार्ज अभय यादव ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को बताया था कि माओवादियों के लेवी का पैसा एक जगह जमा होता है. उससे पहले दस्ता अपने खर्च के हिसाब से पैसे को काट कर जमा करता है. जमा पैसा का क्या करना है यह सेंट्रल कमेटी तय करता है. माओवादी सरकारी योजना की लागत का पांच प्रतिशत, ट्रांसपोर्ट, स्टोन माइनिंग, ईंट भट्ठा, क्रशर से सलाना, जबकि कोयला और बीड़ी पता के कारोबारियों से अलग-अलग लेवी वसूलते हैं. कोयला से प्रतिटन, जबकि बीड़ी पता से प्रति बैग के हिसाब से लेवी वसूली जाती है.

किनके पास जमा है माओवादियों के टॉप कमांडरों के पैसे: माओवादियों के पैसे के बारे में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को कोई जानकारी नहीं मिली है. माओवादियों के टॉप कमांडरों के करीबियों की भी संपत्ति का आकलन किया गया था. पलामू में सरेंडर करने वाले एक माओवादी की संपत्ति विदेशों में भी होने की जानकारी मिली थी. पुलिस ने कई माओवादियों के पास से करोड़ों की जमीन और रियल इस्टेट में इन्वेस्टमेंट की जानकारी मिली है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को यह भी जानकारी मिली है कि झारखंड-बिहार सीमा पर कई सफेदपोश हैं जिनके पास माओवादियों का पैसा जमा है. इस पैसे से ट्रांसपोर्ट समेत कई कारोबार शुरू किए गए हैं.

ये भी पढ़ें-Murder In Palamu: वर्चस्व की लड़ाई में जेजेएमपी के सबजोनल कमांडर छोटेलाल की हत्या, कुछ दिन पहले दो साथियों की हत्या कर हुआ था फरार

पुलिस-माओवादियों के मनी ट्रेल का कर रही आकलन, बड़ी कार्रवाई की तैयारीः पुलिस ने वैसे लोगों की सूची तैयार की है जिन्होंने माओवादियों के ब्लैक मनी को व्हाइट करने भूमिका निभाई है. पुलिस माओवादियों के पैसे को लेकर बड़ी कार्रवाई की योजना तैयार की है. इस संबंध में पलामू जोन के आईजी राजकुमार लकड़ा बताते हैं कि पुलिस ने सभी बिंदुओं पर तकनीकी अनुसंधान शुरू किया है. जिसमें कई अहम जानकारी मिली है. पुलिस तकनीक का सहारा लेकर कई चीजों का पता लगा रही है. माओवादियों में मनी ट्रेल का भी आकलन किया जा रहा है, जिसके बाद बड़ी कार्रवाई की जाएगी.

पलामूः कौन है वे टॉप कमांडर जो माओवादियों के वित्तीय मैनेजमेंट को संभालता है और पैसों का हिसाब रखता है. इन कमांडरों के पास लेवी और वित्तीय संबंधी सारी जानकारी रहती है. माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना यूनीफाइड कमांड बूढ़ापहाड़ और छकरबंधा पूरी तरह तबाह हो गया है. छकरबंधा में सुरक्षाबलों को अभियान के क्रम में लाखों रुपए मिले थे, लेकिन बूढ़ापहाड़ के इलाके में पैसा बरामद नहीं हुआ है. दोनों इलाकों में पुलिस सुरक्षा बल और विभिन्न सुरक्षा एजेंसी हथियार और पैसे को बरामद करने के लिए लगातार अभियान चला रही है.

ये भी पढ़ें-Palamu News: जानिए कौन हैं माओवादियों के लिए लेवी वसूलने वाले नितिन और पप्पू, जिनकी तलाश में जुटी है पलामू पुलिस

हालांकि हथियार के मामले में सफलता मिली है, लेकिन पैसा बरामद नहीं हुआ है. कुछ दिनों पहले बिहार के इलाके में माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा को पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था. प्रमोद मिश्रा से झारखंड-बिहार की पुलिस के साथ-साथ विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की थी. हालांकि प्रमोद मिश्रा ने इस पूछताछ के दौरान बड़ी जानकारी नहीं दी थी, लेकिन वित्तीय मैनेजमेंट की कुछ जानकारी दी है, जो चौंकाने वाली है.

जोनल कमांडर रैंक का नक्सली वसूलता है लेवीः पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसी को जानकारी मिली है कि माओवादियों के जोनल कमांडर रैंक का नक्सली लेवी वसूलता है. जून 2022 तक लेवी का यह सारा पैसा माओवादियों के सेंट्रल कमेटी सदस्य संदीप यादव के पास जाता था. वहां से यह पैसा जरूरत के हिसाब से सारंडा और बूढ़ापहाड़ के इलाके में जाता था. संदीप यादव के पास माओवादियों का पैसा जमा होता था, लेकिन 2016 तक इसका हिसाब टॉप माओवादी अभय यादव के पास रहता था. 2016 के बाद से इसका हिसाब मुराद उर्फ गुरुजी के पास था, 2018-19 के पास से पैसों का हिसाब नितेश यादव के पास रहता था. मुराद उर्फ गुरुजी के निशानदेही पर पुलिस ने 20 लाख रुपए भी बरामद किए थे. छकरबंधा के इलाके के सारे पैसों की जानकारी नितेश यादव को है. बूढ़ापहाड़ के इलाके का सारे पैसों का हिसाब छोटू खरवार के पास है. पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसी के अनुसार 2022 की शुरुआती महीने के बाद माओवादी पैसों को छकरबंधा, बूढ़ापहाड़ और सारंडा में पैसों का बंटवारा नहीं कर पाए हैं.

सबसे अधिक झारखंड-बिहार सीमा से होती है लेवी की वसूलीः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने झारखंड और बिहार को अलग-अलग जोन में बांटा है. माओवादियों के मध्य जोन जिसमें झारखंड का चतरा, पलामू और बिहार का गया, औरंगाबाद और रोहतास का इलाका शामिल है. सुरक्षा एजेंसी के अनुसार इस इलाके से सालाना 70 करोड़ रुपए से अधिक की लेवी वसूली जाती है. उसके बाद माओवादी कोयल शंख जोन में लातेहार, गढ़वा, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा का इलाका शामिल है, जहां करोड़ों की लेवी वसूली जाती है. गिरफ्तार माओवादियों के वित्तीय इंचार्ज अभय यादव ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को बताया था कि माओवादियों के लेवी का पैसा एक जगह जमा होता है. उससे पहले दस्ता अपने खर्च के हिसाब से पैसे को काट कर जमा करता है. जमा पैसा का क्या करना है यह सेंट्रल कमेटी तय करता है. माओवादी सरकारी योजना की लागत का पांच प्रतिशत, ट्रांसपोर्ट, स्टोन माइनिंग, ईंट भट्ठा, क्रशर से सलाना, जबकि कोयला और बीड़ी पता के कारोबारियों से अलग-अलग लेवी वसूलते हैं. कोयला से प्रतिटन, जबकि बीड़ी पता से प्रति बैग के हिसाब से लेवी वसूली जाती है.

किनके पास जमा है माओवादियों के टॉप कमांडरों के पैसे: माओवादियों के पैसे के बारे में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को कोई जानकारी नहीं मिली है. माओवादियों के टॉप कमांडरों के करीबियों की भी संपत्ति का आकलन किया गया था. पलामू में सरेंडर करने वाले एक माओवादी की संपत्ति विदेशों में भी होने की जानकारी मिली थी. पुलिस ने कई माओवादियों के पास से करोड़ों की जमीन और रियल इस्टेट में इन्वेस्टमेंट की जानकारी मिली है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को यह भी जानकारी मिली है कि झारखंड-बिहार सीमा पर कई सफेदपोश हैं जिनके पास माओवादियों का पैसा जमा है. इस पैसे से ट्रांसपोर्ट समेत कई कारोबार शुरू किए गए हैं.

ये भी पढ़ें-Murder In Palamu: वर्चस्व की लड़ाई में जेजेएमपी के सबजोनल कमांडर छोटेलाल की हत्या, कुछ दिन पहले दो साथियों की हत्या कर हुआ था फरार

पुलिस-माओवादियों के मनी ट्रेल का कर रही आकलन, बड़ी कार्रवाई की तैयारीः पुलिस ने वैसे लोगों की सूची तैयार की है जिन्होंने माओवादियों के ब्लैक मनी को व्हाइट करने भूमिका निभाई है. पुलिस माओवादियों के पैसे को लेकर बड़ी कार्रवाई की योजना तैयार की है. इस संबंध में पलामू जोन के आईजी राजकुमार लकड़ा बताते हैं कि पुलिस ने सभी बिंदुओं पर तकनीकी अनुसंधान शुरू किया है. जिसमें कई अहम जानकारी मिली है. पुलिस तकनीक का सहारा लेकर कई चीजों का पता लगा रही है. माओवादियों में मनी ट्रेल का भी आकलन किया जा रहा है, जिसके बाद बड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.