खूंटी: नक्सलियों एवं आपराधिक संगठनों पर लगाम लगाने में खूंटी पुलिस कामयाब रही. पूर्व में जहां खूंटी जिला नक्सल और उग्रवादी घटनाओं के कारण बदनाम रहता था. भय का माहौल था, अब वैसा नहीं है. पुलिस की चौकसी के कारण बीते वर्ष की तुलना में इस साल नक्सली घटनाओं में कमी आयी है. हत्या की घटनाएं नहीं के बराबर हुई. समय के साथ-साथ नक्सली घटनाएं भी धीरे-धीरे समाप्त हो रही हैं.
जिले के पुलिस कप्तान अमन कुमार के नेतृत्व एवं निर्देश पर गठित टीम ने नक्सल पर पूर्ण रूप से लगाम लगा दिया है. भाकपा माओवादी से लेकर पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) को खूंटी जिले से खदेड़ कर बाहर करने एवं उनके टॉप कमांडरों को मुठभेड़ में मार गिराने और गिरफ्तारी के बाद से जिला नक्सल मुक्त हो गया लेकिन विगत दो माह के भीतर पीएलएफआई ने दो आगजनी की घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दी, लेकिन बाद में पुलिस ने आगजनी करने वाले नक्सलियों को दबोच लिया और सलाखों के पीछे भेज दिया.
इसी तरह मुरहू में एक गैंगरेप की घटना ने जिले को शर्मसार कर दिया, तो जरियागड़ में एक आशिक ने अपनी माशूका की कई टुकड़ों में काटकर हत्या कर दी, जिससे खूंटी में कुछ देर के लिए दहशत कायम हो गया, लेकिन दोनों घटनाओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने बेहतर काम किया और कुछ दिनों ही घटनाओं में शामिल दरिंदों को गिरफ्तार कर लिया. शहर में कुछ अपराधियों ने पुलिस को ललकारने का काम किया और शहर की दो दुकानों पर अंधाधुंध फायरिंग की घटना को अंजाम दिया.
पिछले साल की बात की जाए तो खूंटी जिले में हत्या के मामलों में कमी आयी है. पूर्व में जहां हर वर्ष 50 से अधिक हत्याओं का मामला दर्ज होता था, वहीं इस वर्ष जिले में 32 हत्या की घटना हुई है. इसके अतिरिक्त अन्य अपराधों में भी कमी आयी है. कहा जा सकता है कि पुलिस की चौकसी के कारण आपराधिक घटनाओं में काफी कमी आई है.
पुलिसिया आंकड़ों के अनुसार जिले में 2023 में 56 हत्या की घटनाएं घटित हुई थीं. डायन बिसाही का एक मामला दर्ज किया गया. नक्सलियों ने 34 घटनाओं को अंजाम दिया था. 66 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें कई टॉप कमांडर शामिल थे. 2024 में पीएलएफआई के कुल 27 नक्सली गिरफ्तार किए गए, जिसमें एरिया कमांडर हर्षिद गुड़िया, आंद्रियस कंडुलना उर्फ तुफानजी, हार्डकोर सदस्य राजेश तोपनो उर्फ मलिंगा शामिल हैं. वहीं कुल छह हथियार, 428 कारतूस, छह बाइक और 35 मोबाइल जब्त किए गये. तीन माओवादी सदस्य भी गिरफ्तार किए गए जिसमें एक एरिया कमांडर बच्चन मुंडा भी शामिल है.
नक्सलियों के बाद खूंटी में अफीम की खेती भी एक चुनौती बनी और खेती करने वालों से लेकर तस्करों के खिलाफ भी खूंटी पुलिस ने व्यापक अभियान चलाकर कार्रवाई की और इसमें में अंकुश लगाने में सफलता पाई. अफीम के खिलाफ 2023 में 54 एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें 57 लोगों को गिरफ्तार किया गया, इसमें बाहरी जिलों एवं राज्यों के अधिकतर तस्कर शामिल थे.
अभियान के दौरान पुलिस ने 1873.92 एकड़ में लगी फसलों को नष्ट किया. 39 किलो अफीम, 9678 किलो डोडा, 28 किलो गांजा, ढाई किलो ब्राउन शुगर और नकद 40 लाख जब्त किए. समय के साथ-साथ यहां पर आपराधिक घटनाओं में कमी आ रही है. विगत वर्ष कुल 38.65 किलोग्राम अफीम जब्त की गयी है. वहीं दस हजार 756 किलो डोडा, 20.300 किलो गांजा, 2.475 किलो ब्राउन शुगर जब्त किया गया है. कुल 1873.92 एकड़ में लगी अफीम की फसल नष्ट की जा चुकी है. फिलहाल अफीम के खिलाफ पुलिस का अभियान लगातार जारी है.
एसपी अमन कुमार ने बताया कि नक्सल के खिलाफ लगातार अभियान का नतीजा है कि नक्सलियों के खिलाफ सफलता मिल रही है. दो सालों के भीतर बड़ी संख्या में नक्सलियों को जेल भेजा गया है, पिछले वर्ष 22 लोगों को अभियान चलाकर विभिन्न क्षेत्रों से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, जिसमें दो टॉप कमांडर शामिल है. इसके अलावा कई नक्सलियों के खिलाफ सीसीए लगाया गया है. खासकर जेल से छूटे नक्सलियों पर नजर बनी हुई है और वैसे लोगों पर सीसीए लगाया गया है जो पूर्व में हार्डकोर नक्सली रहे हैं और वर्तमान में संगठन की गतिविधियों में पाए गए हैं. यही नहीं लागातार नक्सली संगठन से जुड़े नक्सलियों के कई अत्याधुनिक हथियार और हजारों कारतूस बरामद करने के बाद नक्सलियों की कमर टूटी है जिसके कारण आज वो बैकफुट पर हैं.
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