पलामूः दो हजार के नोट के सर्कुलेशन पर रोक लगा दी गई है और 30 सितंबर तक बैंकों से बदलने का निर्देश जारी किया गया है. दो हजार के नोट बंद किए जाने के बाद नक्सली संगठनों के बीच खलबली मच गई है, नक्सल संगठन नोट बदलने की फिराक में है. नोटबंदी के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने नक्सल इलाके में चौकसी को बढ़ा दी है और कई लोगों को रडार पर लिया है. कई लोगों पर निगरानी बढ़ा दी गई है.
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नक्सल इलाके में बैंक, सीएसपी एवं माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर भी निगरानी रखी जा रही है. ग्रामीण इलाकों के जेवर कारोबारियों पर भी पुलिस की नजर है. पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसियों ने माइनिंग वाले इलाके के लिए खास योजना तैयार की है. नक्सलियों को माइनिंग वाले इलाके से खूब लेवी मिलती है. दरअसल माओवादी, टीएसपीसी और जेजेएमपी जैसे नक्सल संगठन पलामू, गढ़वा और लातेहार, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, चतरा और बिहार के गया, औरंगाबाद से करोड़ों रूपये लेवी के रूप में वसूले हैं. नक्सल संगठनों तक यह लेवी की रकम 2000 या 500 नोट होती है.
कुछ महीनों पहले झारखंड-बिहार सीमा पर माओवादियों के खिलाफ अभियान चलाया गया था. इस अभियान में सुरक्षाबलों को एक सेफ मिला था. इस सेफ में लाखों रुपया था जिसमें अधिकतर दो हजार रुपये के नोट थे. उस दौरान गिरफ्तार नक्सलियों ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया था कि झारखंड बिहार सीमा के छकरबंधा के इलाके में ऐसे कई सेफ है, जिसमें लाखो रुपया है. हालांकि छकरबंधा के कई टॉप कमांडर मारे गए या पकड़े गए हैं. लेकिन माओवादियो ने लेवी के बड़े हिस्से को जंगल मे ही छुपा कर रखा हुआ है. पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि दो हजार के नोट बंदी को लेकर सभी निगरानी को बढ़ाया गया है. अब पुलिस की नजर है. पुलिस सभी मोर्चो पर हाई अलर्ट पर है.
2016 में भी नक्सल संगठनों ने समर्थकों का लिया था सहाराः 2016 में नक्सल संगठनों ने नोटों को बदलने के लिए समर्थकों का सहारा लिया था. उस वक्त पुलिसिया कारवाई में बड़े पैमाने पर समर्थक पकड़े गए थे. पलामू के एक नक्सल इलाके में दो दलालों के माध्यम से नोट को बदलने की कोशिश की गई थी, लेकिन यह कोशिश पुलिस की कार्रवाई में नाकाम हो गई थी. बूढ़ापहाड़ और छकरबंधा के इलाके को माओवादियों के टॉप कमांडर छोड़कर भाग गए हैं. माओवादी कमांडरों ने इलाके को छोड़कर भागने से पहले हथियार और पैसे को जंगल में छुपा दिया है. दो हजार के नोट बंद होने के बाद नक्सली कमांडर उसको लेने के लिए जंगल में दाखिल हो सकते हैं.