पलामूः जिला का मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल संसाधनों की कमी से जूझ रहा है. इसमें नामांकन के लिए मेडिकल काउंसिल की अनुमति मिलने की उम्मीद कम है. इसको लेकर पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. इसके अलावा बीजेपी सांसद ने झारखंड सरकार की नई नियोजन नीति का पुरजोर विरोध भी किया है.
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स्थापना के दो वर्ष के बाद भी मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल संसाधनों के लिए जूझ रहा है. मेडिकल कॉलेज में 100 छात्रों की पढ़ाई के लिए सीट है, पर पहले बैच के अलावा अभी तक नामांकन नहीं हो पाया है. मानव संसाधन की कमी के कारण नेशनल मेडिकल काउंसिल ने छात्रों के नामांकन लेने पर रोक लगा दी है.
इस मामले पर पलामू सांसद विष्णु दयाल राम आवाज उठाई है और झारखण्ड की सरकार को आड़े हाथ लिया है. सांसद विष्णु दयाल राम में मेडिकल कॉलेज के हालात और नियोजन नीति को लेकर गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में संसाधनों की जिस तरह से कमी है, उससे लगता है कि नेशनल मेडिकल काउंसिल इस बार फिर से नामांकन के लिए अनुमति नहीं देगी.
सांसद ने बताया कि जल्द ही नेशनल मेडिकल काउंसिल की टीम एमएमसीएच का दौरा करेगी. सांसद विष्णु दयाल राम ने आरोप लगाया कि एमएमसीएच में शैक्षणिक कर्मचारियों की कमी पहले से ही ऊपर से कई का यहां से ट्रांसफर कर दिया गया है. सरकार पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके की उपेक्षा कर रही है.
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सांसद ने मेडिकल कॉलेज के हालात को लेकर सीएम को लिखा पत्र
पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. सांसद विष्णु दयाल राम ने पत्र में कहा है कि 12 एकड़ में बनने वाले मेडिकल कॉलेज के तीनों तल्ले 18 महीने के अंदर बनकर तैयार हो गए हैं. 292 करोड़ की लागत इसमें आ चुकी है, पर छोटी-मोटी कमियों को दूर करना बेहद जरूरी है. मेडिकल कॉलेज के सिर्फ एक ही फ्लोर पर पानी की सुविधा है. आगे उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में ना तो शिक्षक हैं, ना ही लैब है और ना ही अन्य सुविधाएं मौजूद हैं.
सरकार के मंत्री के पत्र को लेकर सांसद ने उठाया सवाल
पलामू सांसद विष्णु दयाल राम में साफ तौर पर कहा है राज्य की सरकार के नियोजन नीति से यह साफ जाहिर होती है कि पलामू, गढ़वा, लातेहार और चतरा के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने पत्र लिखकर इसमें संशोधन करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जिस कैबिनेट में फैसला लिया था, उसमें मिथिलेश ठाकुर भी शामिल हैं, उस दौरान उन्होंने विरोध क्यों नहीं किया, अब जनता का आई वाश के लिए वो पत्र लिख रहे हैं. बीजेपी सांसद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हेमंत सरकार के फैसले खिलाफ चरणबद्ध तरीके से बड़ा आंदोलन शुरू करने वाली है.