पलामूः जिले के सतबरवा थाना क्षेत्र में बकोरिया के भेलवाघाटी में हुए कथित पुलिस- नक्सली मुठभेड़ की जांच शुरू कर दी गई है. सेंट्रेल फोरेंसिक लैब के डायरेक्टर एनबी वर्धन और टॉप CBI अधिकारी घटनास्थल पहुंच रहे हैं. अधिकारी पूरी घटना का नाटकीय रूपांतरण(डेमो) कर हर पहलू को समझने की कोशिश करेंगे.
CBI के टॉप अधिकारी और फोरेंसिक डारेक्टर 2 दिन घटनास्थल पर रहकर मुठभेड़ की जांच करेंगे. इस दौरान कई शीर्ष पुलिस अधिकारियों से पूछताछ के साथ घटनास्थल का जायजा लिया जाएगा. फिलहाल जिले में सीबीआई की स्पेशल टीम कैम्प कर रही है. बुधवार को सीबीआई की टीम ने सतबरवा के तत्कालीन थाना प्रभारी मोहम्मद रुस्तम से घंटों पूछताछ की. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फोरेंसिक टीम घटनास्थल पर जाएगी और सैंपल लेगी. टीम कथित मुठभेड़ के दौरान जब्त हथियार और गाड़ी की भी जांच करेगी.
क्या था मामला
9 जून 2015 को बकोरिया के भेलवाघाटी में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच कथित मुठभेड़ हुई थी. सुरक्षाबलों ने दावा किया था कि इस मुठभेड़ में टॉप माओवादी कमांडर अनुराग उर्फ डॉक्टर उर्फ आरके समेत 12 माओवादी मारे गए हैं. मारे गए कथित माओवादियों में चार नाबालिग, एक ड्राइवर, अनुराग का बेटा और भतीजा, एक पारा शिक्षक और उसका भाई भी शामिल था. सुरक्षाबलों ने उस समय दावा किया था कि सभी माओवादी एक स्कोर्पियो से जा रहे थे. इसी क्रम में भेलवा घाटी में मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में कोबरा और सतबरवा ओपी के प्रभारी और टीम शामिल थी. स्कोर्पियो अभी भी सतबरवा थाने में रखा हुआ है.
ये भी पढ़ें-गिरिडीहः सीसीएल कोलियरी सुरक्षा में तैनात इंस्पेक्टर लापता, पुलिस कर रही है तलाश
मुठभेड़ मामले में मारे गए पारा शिक्षक उदय यादव और उसके भाई नीरज यादव का परिवार हाईकोर्ट गया था. हाईकोर्ट ने मुठभेड़ को लेकर गंभीर टिप्पणी करते हुए सवाल उठाया था. रांची हाईकोर्ट ने पूरे मुठभेड़ की जांच CBI से करवाने का आदेश दिया था. जिसके बाद CBI ने जांच शुरू की है.