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प्राइवेट अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की जान से हो रहा खिलवाड़, नॉर्मल की जगह करते हैं सिजेरियन डिलीवरी

शहर के प्राइवेट अस्पतालों में अक्सर मरीजों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा हैं. ज्यादातर मामला गर्भवती महिलाओं के डिलीवरी के वक्त देखा जाता है. नॉर्मल डिलीवरी में भी सिजेरियन डिलीवरी कर दी जाती है. अगर पलामू का आंकड़ा देखा जाए तो हैरान रह जाएंगे. इसके बावजूद इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

private hospitals playing with life of Pregnant women in Palamu
प्राइवेट अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के जान से हो रहा खिलवाड़
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Published : Mar 13, 2021, 5:17 PM IST

Updated : Mar 13, 2021, 9:13 PM IST

पलामू: जिले के प्राइवेट अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी का आंकड़ा डरावना है. आंकड़े साफ तौर पर बताते हैं कि पैसे के लिए प्राइवेट अस्पताल किस तरह महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी करवा रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पलामू के सरकारी अस्पतालों में जनवरी 2020 से जनवरी 2021 तक 31 हजार 490 महिलाओं की डिलीवरी हुई है, जिसमें से 1 हजार 513 सिजेरियन हैं. वहीं, प्राइवेट अस्पतालों में 10 हजार के करीब डिलीवरी हुई है, जिसमें से तीन हजार से अधिक सिजेरियन हैं. पलामू में ऐसे दर्जनों प्राइवेट अस्पताल हैं, जो आधिकारिक तौर पर स्वास्थ्य विभाग को आंकड़े उपलब्ध नहीं करवाते हैं.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-दुमका में प्राइवेट अस्पतालों में भी होगा वैक्सीनेशन, उपायुक्त ने की समीक्षा

स्वास्थ्य विभाग बड़ी कार्रवाई की कर रहा तैयारी

प्राइवेट अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी को लेकर स्वाथ्य विभाग गंभीर है. इसे लेकर गाइडलाइन भी जारी की गई है. पलामू डीपीएम दीपक कुमार बताते है कि स्वाथ्य विभाग को इस मामले में कई जगहों से शिकायतें मिली हैं. कार्रवाई के लिए टीम का भी गठन किया गया है, जो भी अस्पताल डिलीवरी करवाते हैं, वे स्वाथ्य विभाग को आंकड़े उपलब्ध करवाते हैं, लेकिन कई अस्प्ताल ऐसा नहीं कर रहे हैं. मामले में जल्द बड़ी कार्रवाई होगी.

विभाग हर जगह कर रहा है मॉनिटरिंग

पलामू के ग्रामीण क्षेत्र खासकर हरिहरगंज, छतरपुर, पाकी, चैनपुर, हुसैनाबाद, सतबरवा, लेस्लीगंज, हैदरनगर, बिश्रामपुर और रेहला के इलाके में फर्जी डॉक्टर मरीज के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसा पहले भी स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी में खुलासा हुआ है. मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉक्टर कादिर परवेज बताते हैं कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर संवेदनशील हैं, लेकिन फर्जी या झोला छाप डॉक्टर ही अधिकतर सिजेरियन डिलीवरी करवाते हैं. उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें-निजी स्कूलों में बीपीएल नामांकन की लॉटरी प्रक्रिया पर रोक, दस्तावेजों की जांच कर रहा विभाग

सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हैं सुविधाएं

मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में तैनात एएनएम सत्यवदा बताती हैं कि सरकारी अस्पतालों में हर सुविधा मौजूद है. यहां के कर्मी मरीजों को ध्यान रखने के प्रति काफी संवेदनशील हैं. वह बताती है कि सरकारी सिस्टम पर लोगों को भरोसा करने की जरूरत है. इसी भरोसे के बदौलत सरकारी अस्पतालों में नार्मल डिलीवरी अधिक हो रही है.

मेदिनीनगर नगर निगम की पार्षद चंचला देवी बताती हैं कि प्राइवेट अस्पताल पैसों के पीछे भाग रहे हैं, जिस कारण सिजेरियन प्रसव अधिक हो रही है. वह बताती हैं कि सरकारी अस्पतालों में भी सुविधा बढ़ाने की जरूरत है, ताकि लोग प्राइवेट अस्पतालों की तरफ रुख ना करें.

पलामू: जिले के प्राइवेट अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी का आंकड़ा डरावना है. आंकड़े साफ तौर पर बताते हैं कि पैसे के लिए प्राइवेट अस्पताल किस तरह महिलाओं की सिजेरियन डिलीवरी करवा रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पलामू के सरकारी अस्पतालों में जनवरी 2020 से जनवरी 2021 तक 31 हजार 490 महिलाओं की डिलीवरी हुई है, जिसमें से 1 हजार 513 सिजेरियन हैं. वहीं, प्राइवेट अस्पतालों में 10 हजार के करीब डिलीवरी हुई है, जिसमें से तीन हजार से अधिक सिजेरियन हैं. पलामू में ऐसे दर्जनों प्राइवेट अस्पताल हैं, जो आधिकारिक तौर पर स्वास्थ्य विभाग को आंकड़े उपलब्ध नहीं करवाते हैं.

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स्वास्थ्य विभाग बड़ी कार्रवाई की कर रहा तैयारी

प्राइवेट अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी को लेकर स्वाथ्य विभाग गंभीर है. इसे लेकर गाइडलाइन भी जारी की गई है. पलामू डीपीएम दीपक कुमार बताते है कि स्वाथ्य विभाग को इस मामले में कई जगहों से शिकायतें मिली हैं. कार्रवाई के लिए टीम का भी गठन किया गया है, जो भी अस्पताल डिलीवरी करवाते हैं, वे स्वाथ्य विभाग को आंकड़े उपलब्ध करवाते हैं, लेकिन कई अस्प्ताल ऐसा नहीं कर रहे हैं. मामले में जल्द बड़ी कार्रवाई होगी.

विभाग हर जगह कर रहा है मॉनिटरिंग

पलामू के ग्रामीण क्षेत्र खासकर हरिहरगंज, छतरपुर, पाकी, चैनपुर, हुसैनाबाद, सतबरवा, लेस्लीगंज, हैदरनगर, बिश्रामपुर और रेहला के इलाके में फर्जी डॉक्टर मरीज के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसा पहले भी स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी में खुलासा हुआ है. मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉक्टर कादिर परवेज बताते हैं कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर संवेदनशील हैं, लेकिन फर्जी या झोला छाप डॉक्टर ही अधिकतर सिजेरियन डिलीवरी करवाते हैं. उनके खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है.

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सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हैं सुविधाएं

मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में तैनात एएनएम सत्यवदा बताती हैं कि सरकारी अस्पतालों में हर सुविधा मौजूद है. यहां के कर्मी मरीजों को ध्यान रखने के प्रति काफी संवेदनशील हैं. वह बताती है कि सरकारी सिस्टम पर लोगों को भरोसा करने की जरूरत है. इसी भरोसे के बदौलत सरकारी अस्पतालों में नार्मल डिलीवरी अधिक हो रही है.

मेदिनीनगर नगर निगम की पार्षद चंचला देवी बताती हैं कि प्राइवेट अस्पताल पैसों के पीछे भाग रहे हैं, जिस कारण सिजेरियन प्रसव अधिक हो रही है. वह बताती हैं कि सरकारी अस्पतालों में भी सुविधा बढ़ाने की जरूरत है, ताकि लोग प्राइवेट अस्पतालों की तरफ रुख ना करें.

Last Updated : Mar 13, 2021, 9:13 PM IST

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