पलामू: मनरेगा घोटाला पलामू के पाटन प्रखंड में पकड़ा गया है. दरअसल पंचायत में 5 पशु शेड की जगह 400 से अधिक शेड बना दिया गया (MNREGA scam in cattle shed in panchayats of Palamu). पलामू डीसी ए दोड्डे ने बताया कि पूरे मामले में मनरेगा बीपीओ रणधीर कुमार जायसवाल को बर्खास्त कर दिया है. जबकि मुखिया समेत अन्य कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए गए हैं. सभी से ब्याज सहित वसूली की भी प्रक्रिया शुरू की गई है.
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5 की जगह बनाए 400 से अधिक पशु शेड: दरअसल पाटन प्रखंड के हिसरा बरवाडीह पंचायत में पांच पशु शेड बनाए जाने थे. लेकिन 400 से अधिक पशु शेड बना दिया गया था. मनरेगा नियमों के तहत एक पंचायत में 5 से अधिक पशु शेड नहीं बनना था. लेकिन हिसरा बरवाडी पंचायत में 400 से अधिक पशु शेड बना दिए गए थे. पूरे मामले में पलामू जिला प्रशासन को जानकारी मिली. इसके बाद प्रशिक्षु आईएएस के नेतृत्व में जांच शुरू की गई. जांच के बाद पलामू डीसी ने बड़ी कार्रवाई की. मनरेगा बीपीओ रणधीर कुमार जायसवाल को बर्खास्त कर दिया.
कई पंचायतों में पकड़ी गई है गड़बड़ी: हिसरा बरवाडीह की तरह ही कई पंचायतों में मनरेगा के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गई है. कई पंचायतों में योजनाओं के क्रियान्वयन किए बिना फर्जी निकासी कर ली गई है. पलामू के पचकेड़िया, पाल्हे, राजहरा में वसूली की प्रक्रिया शुरू की गई है. सभी को 24 घंटे के अंदर ब्याज सहित रुपयों को जमा करने का आदेश जारी किया गया है. जिला प्रशासन धीरे-धीरे कई पंचायतों में मनरेगा की जांच का दायरा को बढ़ा रही है. मनरेगा के तहत स्वीकृत पशु शेड की भी जांच शुरू की गई है.
निर्मित पशु शेडों की समीक्षा: जिला प्रशासन को सूचना मिली है कि कई पंचायतों में मनरेगा के नियमों को ताक पर रखते हुए पशु शेड की योजनाओं को स्वीकृत किया गया है. जिला प्रशासन अब तक के निर्मित पशु शेडों की सूची की समीक्षा कर रही है.
राज्य में मनरेगा घोटाले की जांच धीरे-धीरे बढ़ कर खनन घोटाले तक पंहुच गई. राज्य में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच मनरेगा घोटाले की जांच से ही शुरू हुई थी. पलामू में भी मनरेगा घोटाला पकड़ा गया है. जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है.