पलामूः बिहार की तर्ज पर झारखंड में भी महादलितों के लिए कानून बनाने की जरूरत है. मुरुमातु की घटना ने महादलितों की समस्याओं को उजागर किया है, ऐसे कई महादलित हैं जिनके साथ ये घटनाएं हो रही हैं. यह बात जमशेदपुर पूर्व के विधायक सरयू राय ने कही(saryu rai on palamu mahadalit house demolition). सरयू राय पलामू के पांडू थाना क्षेत्र के मुरूमातू में शुक्रवार को पीड़ित महादलित परिवारों से मिलने पंहुचे और उन्होंने पीड़ित परिवारों से उनका हाल जाना और उनकी समस्याओं को सुना.
विधायक सरयू राय ने महादलितों को आश्वासन दिया कि वह पूरे मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे और उनकी समस्याओं को रखेंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि जमीन आपकी है तो सरकार के पास जाना चाहिए था. कानून अपने हाथ में लेने की जरूरत नहीं थी. गलत संदेश राज्य ही नही पूरे भारत मे गया है. कुछ ऐसे समुदाय जो बहुमत हैं, दूसरों को दबा कर कब्जा करना चाहते हैं, ये संदेश गया है. घटना के बारे पूरे देश में सही संदेश जाने की जरूरत है. इस घटना में तीन पक्ष हैं आरोपी, पीड़ित और समाज. वही सही से देखने के लिए आए हैं और सही संदेश देने के लिए. पांडू में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए विधायक सरयू राय ने कहा कि महादलितों के लिए बिहार के तर्ज पर झारखंड में भी कानून बनाए जाने की जरूरत है.
महादलित सैकड़ों की संख्या में हैं जो खानाबदोश जीवन जी रहे हैं. ऐसे झारखंड में सैकड़ों लोग हैं. उन्होंने कहा कि व्यवस्था में जो सही है वही महादलितों के लिए करने की जरूरत है. जो सही होगा वह उसकी मांग सरकार और प्रशासन से करेंगे. महादलितों ने सरयू राय से खुद के पुनर्वास के लिए मांगों को रखा है. पांडू में महादलितों से मिलने के बाद सरयू राय जिला प्रशासन से भी मुलाकात करेंगे और उनके द्वारा उठाए गए राहत एवं बचाव कार्यो को भी जानकारी लेंगे. 29 अगस्त को पलामू के पांडू थाना क्षेत्र के मुरुमातु में महादलित के 14 परिवारों को उजाड़ दिया गया था.
घटना के बाद जिस जगह से महादलितों को उजाड़ा गया था उस जगह को जिला प्रशासन ने बैरिकेडिंग कर दी है. मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात किया गया है और इलाके में गश्त जारी है. महादलित से मुलाकात करने के लिए एससी आयोग समेत कई टॉप राजनीतिक पहुंच चुके हैं. जिला प्रशासन की देखरेख में महादलित पांडू थाना के पुराने भवन में रह रहे हैं.