पलामू: नक्सल विरोधी अभियान के लिए झारखंड छत्तीसगढ़ सीमा पर मौजूद बूढ़ापहाड़ के इलाका देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है. डालटनगंज भंडरिया विधानसभा सीट से विधायक आलोक चौरसिया ने बूढ़ापहाड़ से सटे हुए बड़गड़ के इलाके में थाना स्थापित करने के सवाल को विधानसभा के बजट सत्र में उठाया है. उन्होंने सरकार से इलाके में थाना स्थापित करने की मांग भी की है.
ये भी पढ़ें- Budget Session 2023: झारखंड विधानसभा के 8वें दिन की कार्यवाही, अनुदान मांगों पर चर्चा
हालांकि, विधायक द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में सरकार ने लिखा है कि वर्तमान में बड़गड़ में नया थाना सृजन का कोई भी प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है. विधायक आलोक चौरसिया ने बजट सत्र में सरकार से पूछा था कि क्या यह सही है कि भंडरिया से अलग हुए नवसृजित प्रखंड बड़गड़ एक अनुसूचित जनजाति बहुल इलाका है और आज भी इलाके में उग्रवादियों का भय व्याप्त है. जवाब में सरकार की तरफ से लिखा गया है कि बड़गड़ प्रखंड अनुसूचित जनजाति बहुल इलाका है. जहां सुरक्षाबलों के प्रयास से नक्सलवाद पर अंकुश लगाया जा रहा है.
2022 से अब तक मात्र एक नक्सल के मामले में एफआइआर दर्ज की गई है. बड़गड़ का इलाका भंडरिया थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है, यह पूरा इलाका अति नक्सल प्रभावित है और बूढ़ापहाड़ कॉरिडोर का हिस्सा है. इसकी सीमा छत्तीसगढ़ से सटी हुई है. गढ़वा की तरफ से बूढ़ापहाड़ जाने के लिए बड़गड़ के इलाके से ही रास्ता है. इस इलाके में फिलहाल आधा दर्जन के करीब पुलिस कैंप स्थापित हैं जिनमें सीआरपीएफ, जगुआर, जैप, आईआरबी तैनात हैं. बड़गड़ में सबसे पहले 2013-14 में पुलिस पिकेट की स्थापना हुई थी. नक्सली एक जमाने में इसी इलाके से अपनी जरूरत की सामग्री को खरीदते थे. बूढ़ापहाड़ का इलाका डालटनगंज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है.
यहां से भाजपा के आलोक चौरसिया विधायक हैं. बड़गड़ से भंडरिया की दूरी करीब 10 किलोमीटर है, लेकिन कई ऐसे गांव हैं जहां के लोगों को थाना तक जाने के लिए 40 से 45 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है. भंडरिया, बड़गड़ और बूढ़ापहाड़ के इलाके में डेढ़ दर्जन के करीब विभिन्न पुलिस कैंप स्थापित हैं.