पलामूः नक्सलियों से जुड़ी बड़ी खबर आ रही है. सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए माओवादियों के झारखंड बिहार के टॉप कमांडरों में से एक विजय आर्या को गिरफ्तार कर लिया है. बिहार के गया के रहने वाले विजय आर्या को सासाराम से गिरफ्तार किया गया है. माओवादियों के मध्य जोन का सुप्रीम कमांडर विजय आर्या 2018 में जेल से बाहर निकला था और गया के छकरबंधा में कैंप कर रहा था. विजय आर्या की गिरफ्तारी को नक्सली संगठनों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
झारखण्ड-बिहार में माओवादियों को मजबूत करने की थी जिम्मेवारीः टॉप नक्सल कमांडर में से एक विजय आर्या को झारखंड और बिहार में कई इलाको में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेवारी सौंपी गई थी. विजय आर्य को सुरक्षा एजेंसियों ने बिहार के सासाराम के इलाके से गिरफ्तार किया है. सुरक्षा एजंसियां विजय आर्या से अज्ञात स्थान पर पूछताछ कर रही है. विजय आर्या माओवादियों का सेंट्रल कमिटी सदस्य है
जानकारी के अनुसार माओवादियो के चाल्हो सब जोन को एक्टिवेट करने की जिम्मेदारी उसे सौंपी गई थी. चाल्हो जोन गया और औरंगाबाद के इलाके को एक्टिवेट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इस जोन में माओवादी 2005 के बाद बेहद कमजोर हो गए हैं. विजय आर्या बिहार के गया के इलाके का रहने वाला है. 2018-19 में माओवादियो की बड़ी बैठक छकरबंधा में हुई थी. इस बैठक में एक करोड़ के इनामी माओवादी प्रशांत बोस ने भाग लिया था. इसी बैठक में विजय आर्य को कई इलाके में माओवादियों को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
विजया आर्या माओवादियों के मध्य जोन का सुप्रीम कमांडर था . 2011 में बिहार के कटिहार में वो गिरफ्तार हुआ था. उस दौरान विजय आर्या पर सरकार ने 30 लाख रुपये इनाम घोषित किया था. विजय आर्या की गिरफ्तारी झारखंड और बिहार पुलिस के लिए बड़ी सफलता है. सुरक्षा एजेंसी के समक्ष विजय आर्या ने कई महत्वपूर्ण खुलासा किया है.