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पलामूः रॉकेट लॉन्चर बनाने के फिराक में माओवादी, मंगाई गई है सामग्री, कुख्यात मतला ने किया खुलासा - Jharkhand-Bihar border Palamu

पलामू स्थित झारखंड-बिहार सीमा पर माओवादी दस्ता रॉकेट लॉन्चर बनाने की फिराक में है. इसके लिए सामग्री मंगाई गई है. इसकी जानकारी कुख्यात माओवादी मंदीप उर्फ मतला ने झारखंड बिहार के टॉप पुलिस अधिकारियों को पूछताछ के दौरान दी है.

Maoists preparing to build rocket launcher in Palamu
Maoists preparing to build rocket launcher in Palamu
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Published : Oct 6, 2020, 5:19 PM IST

पलामूः झारखंड बिहार सीमा पर मौजूद माओवादी दस्ता रॉकेट लॉन्चर बनाने के फिराक में है. इसके लिए सामग्री मंगाई गई है. माओवादियों के पास एक वीडियो है, जिसमें रॉकेट लॉन्चर बनाने के तरीके बताए गए हैं. इसका खुलासा कुख्यात माओवादी मंदीप उर्फ मतला ने झारखंड बिहार के टॉप पुलिस अधिकारियों के सामने किया है. मतला ने करीब एक महीने पहले बिहार के इलाके में आत्मसमर्पण किया था. आत्मसमर्पण के बाद झारखंड और बिहार के टॉप सुरक्षा अधिकारियों ने मतला से पूछताछ की. मतला माओवादियों के सेंट्रल कमेटी सदस्य संदीप यादव का बॉडीगार्ड था. उसने सुरक्षा अधिकारियों को बताया कि माओवादियों ने रॉकेट लॉन्चर बनाने के लिए सामग्री मंगाई है. रॉकेट लॉन्चर बनाने की जिम्मेवारी इनामी माओवादी मनोहर गंझू पर है.

ये भी पढ़ें-कोयलांचल में कोयले का काला खेल, आज भी कमाई का मोटा जरिया है कोयला

दस्ते के पास मौजूद है कई आधुनिक हथियार

झारखंड-बिहार सीमावर्ती क्षेत्र के माओवादी दस्ते के पास जर्मनी का आधुनिक हथियार HK 33 मौजूद है. HK को टॉप माओवादियों ने लाखों रुपये देकर मंगवाया है. मतला माओवादियों का टेकनिकल हेड भी था. उसने सुरक्षा एजेंसियों को बताया है कि HK 33 राइफल संदीप यादव की सुरक्षा में है. माओवादियों के पास देसी राइफल और ग्रेनेड अनगिनत मात्रा में है, जबकि एके 56- 08, एके 47-14, एक्स 95-2, मोटार-01, जैसे आधुनिक हथियार मौजूद है. माओवादियों के पास M 16 हथियार भी था, लेकिन वह कहां है यह जानकारी उसके पास नहीं है.

माओवादियों के पास मौजूद है इंटरसेप्टर और स्कैनिंग मशीन

झारखंड-बिहार सीमा पर माओवादियों के पास इंटरसेप्टर और स्कैनिंग मशीन है. इंटरसेप्टर के माध्यम से कुछ सौ मीटर की दूरी पर माओवादी किसी भी कॉल को ट्रैक कर सकते हैं, जबकि इसके माध्यम से माओवादी दस्ते पर निगरानी रखी जाती है. टॉप माओवादी इंटरसेप्टर को अपने पास रखे हुए हैं. दस्ते के पास लैपटॉप, प्रिंटर, वायरलेस सेट मौजूद है. कुख्यात माओवादी अमर, संदीप यादव, मनोहर गंझू, मुराद और अनिल लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं जबकि छकरबंधा में माओवादियों ने डेस्कटॉप को भी रखा है. टॉप माओवादी पीके मिश्रा ने बीपी जैकेट मंगवाया है, जिसका इस्तेमाल पीके मिश्रा और उसका बेटा करता है.

पलामूः झारखंड बिहार सीमा पर मौजूद माओवादी दस्ता रॉकेट लॉन्चर बनाने के फिराक में है. इसके लिए सामग्री मंगाई गई है. माओवादियों के पास एक वीडियो है, जिसमें रॉकेट लॉन्चर बनाने के तरीके बताए गए हैं. इसका खुलासा कुख्यात माओवादी मंदीप उर्फ मतला ने झारखंड बिहार के टॉप पुलिस अधिकारियों के सामने किया है. मतला ने करीब एक महीने पहले बिहार के इलाके में आत्मसमर्पण किया था. आत्मसमर्पण के बाद झारखंड और बिहार के टॉप सुरक्षा अधिकारियों ने मतला से पूछताछ की. मतला माओवादियों के सेंट्रल कमेटी सदस्य संदीप यादव का बॉडीगार्ड था. उसने सुरक्षा अधिकारियों को बताया कि माओवादियों ने रॉकेट लॉन्चर बनाने के लिए सामग्री मंगाई है. रॉकेट लॉन्चर बनाने की जिम्मेवारी इनामी माओवादी मनोहर गंझू पर है.

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दस्ते के पास मौजूद है कई आधुनिक हथियार

झारखंड-बिहार सीमावर्ती क्षेत्र के माओवादी दस्ते के पास जर्मनी का आधुनिक हथियार HK 33 मौजूद है. HK को टॉप माओवादियों ने लाखों रुपये देकर मंगवाया है. मतला माओवादियों का टेकनिकल हेड भी था. उसने सुरक्षा एजेंसियों को बताया है कि HK 33 राइफल संदीप यादव की सुरक्षा में है. माओवादियों के पास देसी राइफल और ग्रेनेड अनगिनत मात्रा में है, जबकि एके 56- 08, एके 47-14, एक्स 95-2, मोटार-01, जैसे आधुनिक हथियार मौजूद है. माओवादियों के पास M 16 हथियार भी था, लेकिन वह कहां है यह जानकारी उसके पास नहीं है.

माओवादियों के पास मौजूद है इंटरसेप्टर और स्कैनिंग मशीन

झारखंड-बिहार सीमा पर माओवादियों के पास इंटरसेप्टर और स्कैनिंग मशीन है. इंटरसेप्टर के माध्यम से कुछ सौ मीटर की दूरी पर माओवादी किसी भी कॉल को ट्रैक कर सकते हैं, जबकि इसके माध्यम से माओवादी दस्ते पर निगरानी रखी जाती है. टॉप माओवादी इंटरसेप्टर को अपने पास रखे हुए हैं. दस्ते के पास लैपटॉप, प्रिंटर, वायरलेस सेट मौजूद है. कुख्यात माओवादी अमर, संदीप यादव, मनोहर गंझू, मुराद और अनिल लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं जबकि छकरबंधा में माओवादियों ने डेस्कटॉप को भी रखा है. टॉप माओवादी पीके मिश्रा ने बीपी जैकेट मंगवाया है, जिसका इस्तेमाल पीके मिश्रा और उसका बेटा करता है.

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