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पलामू के सुखाड़ वाले क्षेत्रों में ब्रोकली की खेती, किसानों के जीवन में आ रहा बदलाव

पलामू में बड़ी संख्या में किसान ब्रोकली की खेती कर रहे हैं. इस खेती से उनकी आमदनी भी चार गुना बढ़ गई है. डीसी शशि रंजन कहते हैं कि ब्रोकली की खेती से पलामू के ग्रामीण इलाकों में बड़ा बदलाव लाएगी.

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Published : Mar 19, 2022, 6:55 PM IST

cultivating broccoli in Palamu
पलामू के सुखाड़ वाले क्षेत्रों में ब्रोकली की खेती

पलामूः जिले के किसान पारंपरिक खेती से हटकर अब आधुनिक खेती करने लगे हैं. इसके जरिए पौष्टिक फसलों का उत्पादन कर बेहतर कमाई कर रहे हैं. इससे किसानों के जीवन में बदलाव के साथ साथ इलाके की तस्वीर की बदल रही है. इस बदलाव में जिला प्रशासन भी किसानों की मदद कर रहे हैं.

यह भी पढ़ेंःब्रोकली की खेती से पाकुड़ की बन रही अलग पहचान, किसान आसाढ़ी शेख निभा रहे अहम भूमिका

जिला प्रशासन की मदद से किसान ने ब्रोकली की खेती शुरू की. अब सदर प्रखंड के विश्रामपुर इलाके में बड़े पैमाने पर ब्रोकली का उत्पादन किया जा रहा है और इसकी सप्लाई बंगाल, बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में की जा रही है. फूलगोभी की तरह दिखने वाला ब्रोकली बाजार में 70 से 80 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. स्थिति यह है कि जो किसान पहले गोभी की खेती करते थे, वह अब ब्रोकली की खेती कर रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी


जिला प्रशासन ने पारंपरिक खेती से हटकर आधुनिक खेती करने को लेकर किसानों को प्रोत्साहित किया और जिले के 272 किसानों को ब्रोकली की खेती से जोड़ा. किसानों को 100 प्रतिशत अनुदान पर बीज उपलब्ध करवाया गया. इसके साथ ही जिला प्रशासन की देखरेख में किसानों ने नर्सरी तैयार की. एक वर्ष में ब्रोकली ब्रोकली की खेती करने वाले किसानों की संख्या 600 से अधिक हो गई है. किसान विजय महतो और उमेश महतो कहते हैं कि काफी कम लागत में ब्रोकली की खेती की जा रही है. इस खेती से आमदनी 4 गुना बढ़ गई है.

पलामू प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी और पलामू डीसी शशि रंजन ने बताया कि पलामू के इलाके में गैर परंपरागत खेती की बड़ी संभावना है. किसानों को आधुनिक खेती से जोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि बाजार में ब्रोकली की मांग अधिक है. इस तरह की खेती से पलामू के ग्रामीण इलाकों में बड़ा बदलाव लाएगी.

पलामूः जिले के किसान पारंपरिक खेती से हटकर अब आधुनिक खेती करने लगे हैं. इसके जरिए पौष्टिक फसलों का उत्पादन कर बेहतर कमाई कर रहे हैं. इससे किसानों के जीवन में बदलाव के साथ साथ इलाके की तस्वीर की बदल रही है. इस बदलाव में जिला प्रशासन भी किसानों की मदद कर रहे हैं.

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जिला प्रशासन की मदद से किसान ने ब्रोकली की खेती शुरू की. अब सदर प्रखंड के विश्रामपुर इलाके में बड़े पैमाने पर ब्रोकली का उत्पादन किया जा रहा है और इसकी सप्लाई बंगाल, बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में की जा रही है. फूलगोभी की तरह दिखने वाला ब्रोकली बाजार में 70 से 80 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है. स्थिति यह है कि जो किसान पहले गोभी की खेती करते थे, वह अब ब्रोकली की खेती कर रहे हैं.

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जिला प्रशासन ने पारंपरिक खेती से हटकर आधुनिक खेती करने को लेकर किसानों को प्रोत्साहित किया और जिले के 272 किसानों को ब्रोकली की खेती से जोड़ा. किसानों को 100 प्रतिशत अनुदान पर बीज उपलब्ध करवाया गया. इसके साथ ही जिला प्रशासन की देखरेख में किसानों ने नर्सरी तैयार की. एक वर्ष में ब्रोकली ब्रोकली की खेती करने वाले किसानों की संख्या 600 से अधिक हो गई है. किसान विजय महतो और उमेश महतो कहते हैं कि काफी कम लागत में ब्रोकली की खेती की जा रही है. इस खेती से आमदनी 4 गुना बढ़ गई है.

पलामू प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी और पलामू डीसी शशि रंजन ने बताया कि पलामू के इलाके में गैर परंपरागत खेती की बड़ी संभावना है. किसानों को आधुनिक खेती से जोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि बाजार में ब्रोकली की मांग अधिक है. इस तरह की खेती से पलामू के ग्रामीण इलाकों में बड़ा बदलाव लाएगी.

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