पलामू: पलामू जिले में सुरक्षाबलों का मिशन बूढ़ा पहाड़ जारी है (CRPF Operation against Naxalite in Boodha Pahad). यह मिशन लगातार 10 दिनों तक चलेगा. इससे पहले बूढ़ा पहाड़ पर कभी भी इतना बड़ा अभियान नहीं चलाया गया है. इस अभियान का नाम 'ऑपरेशन ऑक्टोपस' रखा गया है. बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों के खिलाफ हाइटेक तरीके से अभियान चलाया जा रहा है. पूरे इलाके में निगरानी रखने के लिए उच्च क्षमता वाले विदेशी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. मंगलवार को सुरक्षाबलों की ओर से बमबारी भी की गई.
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हाइटेक तरीके की वजह से अभियान को मिल रही है सफलता: मिशन बूढ़ा पहाड़ के हाइटेक होने की वजह से अब तक आधा-दर्जन के करीब माओवादियों के बंकरों को सुरक्षाबलों ने ध्वस्त कर दिया है. अब तक 200 के करीब लैंडमाइंस और कई नक्सल सामग्री जब्त हुए हैं. बूढ़ा पहाड़ अभियान को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने हाई अलर्ट जारी किया है. अभियान में शामिल जवानों के पास कोबरा जगुआर, सीआरपीएफ का बम निरोधक दस्ता और डॉग स्क्वायड शामिल है. पूरे अभियान की मॉनिटरिंग पुलिस मुख्यालय कर रहा है. बूढ़ा पहाड़ अभियान के क्रम में सुरक्षाबलों की सबसे बड़ी समस्या मोबाइल नेटवर्क को लेकर है. इसलिए सुरक्षाबल जल्द से जल्द कैम्प को स्थापित कर, मोबाइल टावर को असेंबल करना चाहते हैं. पुलिस की तरफ से बमबारी की गई लेकिन माओवादियों के टॉप कमांडर अभियान के दौरान फरार हो गए. वे सुरक्षाबलों के कमजोर होने का इंतजार कर रहे हैं और सारंडा भागने की फिराक में हैं. बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादी लैंडमाइंस के बदौलत ही खुद को सुरक्षित रखते थे, लेकिन इस बार सुरक्षाबलों ने सुरक्षित रास्ता तय किया और बूढ़ापहाड़ पहुंच गए.
कुछ दिनों पहले सुरक्षा एजेंसियों ने बिहार के इलाके से बूढ़ा पहाड़ में सक्रिय टॉप माओवादी को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार माओवादी ने सुरक्षा एजेंसियों को बूढ़ा पहाड़ के बारे में कई अहम जानकारियां भी दी थी. गिरफ्तार माओवादी बूढ़ा पहाड़ पर लंबे समय से सक्रिय थे. हालांकि अभी तक गिरफ्तार माओवादी के बारे में आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. गिरफ्तार माओवादी ने ही सुरक्षा बलों को बूढ़ा पहाड़ पर मौजूद लैंडमाइंस के बारे में जानकारी दी थी.