पलामू: पलामू में बागेश्वर बाबा का दरबार लगेगा या नहीं इसका फैसला 30 नवंबर को होगा. दरसअल, धीरेंद्र शास्त्री का पलामू में 10 से 12 दिसंबर तक दरबार का आयोजन किया गया है. शुरुआत में पलामू जिला प्रशासन ने आयोजन को लेकर अनुमति दी थी, बाद में इस अनुमति को रद्द कर दिया गया था.
अनुमति के मामले को लेकर ही आयोजन समिति के सदस्य झारखंड हाईकोर्ट गए हैं. हाईकोर्ट ने भी पलामू जिला प्रशासन को नोटिस जारी किया था. पूरे मामले में 30 नवंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी जिसके बाद यह पता चल पाएगा कि पलामू में बागेश्वर बाबा का दरबार लगेगा या नहीं. दरअसल, एक सप्ताह पहले पलामू जिला प्रशासन ने बाबा बागेश्वर के दरबार को लेकर अनुमति दी थी लेकिन कई क्लाउज भी लगाए थे और कोविड- 19 का गाइड लाइन पालन करने के साथ साथ ट्रैफिक कंट्रोल को भी कहा गया था. बाद में डीसी के स्तर से अनुमति को रद्द कर दिया गया.
कई विभागों से आयोजन समिति से एनओसी की मांग की गई है. आयोजन समिति से पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड और वन विभाग से एनओसी लेने को कहा गया है. साथ ही कहा गया है कि पूरा आयोजन नदी के तट पर मौजूद बालू पर होना है, लाखों की भीड़ के भाग लेने का अनुमान है. नदी को प्रदूषित होने की आशंका है. पूरे मामले में जिला प्रशासन ने अलग से तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है.
पिछले एक सप्ताह के घटनाक्रम के बाद सबकी नजर अब हाईकोर्ट के फैसले पर है. आयोजन समिति के सदस्यों का कहना है कि वह फिलहाल मामले में कुछ नहीं बोलेंगे हाईकोर्ट में मामला है. हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद वे कुछ बोलने की स्थिति में होंगे.
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