पलामू: चाईबासा में हुए नक्सल हमले में शहीद सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी काफी मिलनसार और मृदुभाषी थे. अमित तिवारी पलामू के रेहला थाना क्षेत्र के तोलरा गांव के रहने वाले थे. अमित तिवारी के चाचा निरंजन तिवारी भी पुलिस इंस्पेक्टर हैं और चाईबासा में ही तैनात हैं. शहीद होने के बाद गांव में मातम है और सन्नाटा पसरा हुआ है. अमित गांव के युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय थे और उनके साथ युवाओं को टोली निकलती थी.
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उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में हुई है और कॉलेज की पढ़ाई मेदिनीनगर के जीएलए कॉलेज के हुई. अमित तिवारी डालटनगंज से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद 2012 में पुलिस सेवा में भर्ती हुए थे. पुलिस सेवा में भर्ती के बाद उनकी तैनाती खूंटी और पाकुड़ जिले में हुई थी. दोनों जगहों पर वे कई थानों के प्रभारी रहे थे. करीब 8 महीने पहले उनकी तैनाती जगुआर में हुई थी. जगुआर में तैनाती के बाद वे नक्सल विरोधी अभियान में चाईबासा में तैनात थे.
शहीद अमित कुमार तिवारी का शव रांची जगुआर मुख्यालय लाया जाएगा. जगुआर मुख्यालय में सलामी के बाद शव पैतृक गांव तोलरा जाएगा. तोलरा में कोयल नदी के तट पर अमित तिवारी का अंतिम संस्कार किया जाएगा. अंतिम संस्कार को लेकर जिला प्रशासन ने भी तैयारियां शुरू कर दी है. राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.
एसडीपीएस सुजीत कुमार के नेतृत्व में पुलिस बल शहीद सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी के घर पर पहुंची. अमित तिवारी के रिश्ते में दादा लगने वाले सच्चिदानंद तिवारी ने बताया कि अमित काफी मृदुभाषी और मिलनसार थे. उनके जाने से सभी मर्माहत हैं. अमित गांव में काफी लोकप्रिय रहे हैं, उनके जाने का सभी को दुख है.
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