पलामू: आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने मध्यप्रदेश के संजय टाइगर रिजर्व से मदद मांगी है. संजय टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के सिंगरौली, सिद्धि और ओरिया सीमा से लगा हुआ है. गढ़वा वन विभाग की टीम ने मामले में संजय टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से मदद मांगी है, यह टीम अगले 48 घंटों के अंदर इलाके में पहुंच जाएगी.
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पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक सह आरसीसीएफ कुमार आशुतोष ने बताया कि संजय टाइगर रिजर्व की टीम ने हाल में ही तीन तेंदुआ को रेस्क्यू किया है. सभी तेंदुआ को केज के माध्यम से रेस्क्यू किया गया है. इसी को ध्यान में रख कर विभाग ने संजय टाइगर रिजर्व से एक्सपर्ट की टीम को बुलाया है. उन्होंने बताया कि तेंदुआ को लगातार मॉनिटर किया जा रहा है, पिछले 28 दिसंबर के बाद से तेंदुआ ने किसी मानव जीवन को निशाना नहीं बनाया है. उन्होंने बताया कि विभाग की प्राथमिकता है कि तेंदुआ को पकड़ा जाए. परिस्थिति विपरीत होने पर तेंदुआ को मारा जाएगा. संजय टाइगर रिजर्व एक्सपर्ट की टीम आने के बाद तेंदुआ के खिलाफ कार्रवाई की रणनीति को वन विभाग बदलेगा.
30 जनवरी तक तेंदुआ को मारने की मिली है अनुमति: गढ़वा के इलाके में मानव जीवन के लिए खतरा बने तेंदुआ को मारने की अनुमति मिली है. पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ ने बुधवार की देर शाम तेंदुआ को मारने की अनुमति दी थी, इसमें लिखा गया है कि यह अनुमति 30 जनवरी तक के लिए है. अनुमति खत्म होने के बाद विभाग को फिर से प्रस्ताव बनाना होगा और फिर से अनुमति लेनी होगी. तेंदुआ को ट्रैंकुलाइज करने और मारने के लिए हैदराबाद के मशहूर शूटर नवाब शफत अली खान कैम्प कर रहे हैं. नवाब की टीम तेंदुआ को मारने के लिए स्नाइपर गन का इस्तेमाल करेगी. नवाब की टीम के पास शूट करने के लिए खास प्रकार का गन है. विभाग और नवाब के पास मौजूद ट्रैंकुलाइजर की क्षमता मात्र 30 मीटर तक है.
नवाब शफत अली खान की टीम तेंदुआ को पकड़ने के लिए 03 जनवरी से कैम्प कर रही है. वन विभाग के अधिकारी के अनुसार तेंदुआ का लोकेशन लगातार रमकंडा और भंडरिया के सीमा पर कुशवार के इलाके में मिल रही है. जनवरी के पहले सप्ताह तक तेंदुआ गढ़वा के रंका रमकंडा और भंडरिया के सीमावर्ती इलाकों के 10 किलोमीटर के दायरे में विचरण कर रहा था. अब इसका दायरा घट कर चार किलोमीटर तक रह गया है. तेंदुआ को पकड़ने के लिए 50 ट्रैकिंग कैमरा लगाए गए हैं. जबकि छह केज भी लगाए गए हैं.