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SPECIAL: बंपर पैदावार के बाद भी किसान परेशान, लॉकडाउन ने तोड़ी किसानों की कमर

लॉकडाउन में गर्मी में किसान और सब्जी व्यापारियों पर खासा प्रभाव पड़ा है. अच्छी पैदावार के बावजूद सब्जियां अच्छे दामों में नहीं बिक रही हैं, जिससे दोनों वर्गों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. लॉकडाउन के कारण पहले की अपेक्षा सब्जी की बिक्री में कमी आई है, वहीं सब्जी के दामों में काफी गिरावट आई है. पेश है खास रिपोर्ट.

Farmers upset even after good production in palamu
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Published : Jun 4, 2020, 6:39 PM IST

पलामू: कोरोना से बचने के लिए लॉकडाउन किया गया है, लेकिन इस लॉक डाउन ने किसानों को बर्बादी के कगार पर ला खड़ा किया है. लॉकडाउन के दौरान भीषण गर्मी और पानी की कमी के कारण किसान और सब्जी विक्रेताओं की कमर टूट गई है. किसानों के साथ-साथ व्यपारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

देखें स्पेशल स्टोरी

मई, जून के महीनों में सब्जी की कीमत आसमान छूती थी, लेकिन इस बार बेहद कम कीमत पर सब्जी बिक रही है. बाजार ताजी सब्जियों से भरा पड़ा है लेकिन खरीददार नहीं मिल रहे हैं. रही सही कसर गर्मी निकाल रही है, गर्मी से सब्जियां सूखने लगी हैं. सब्जी बाजार और उसके आस-पास के इलाके में पानी भी बेहद कम है, नतीजा है कि व्यापारी सब्जी पर पानी नहीं छिड़क पा रहे हैं.

40 से अधिक में बिकने वाली भिंडी बिक रही 10 रुपये

लॉकडाउन के कारण पलामू की सब्जी बिकने के लिए बाहर नहीं जा पा रही है और इसके अलावा बाहर से भी सभी भारी मात्रा में आयात हो रही है. सब्जी विक्रेताओं ने ईटीवी भारत को अपनी परेशानियों से रूबरू कराया. इस गर्मी में सब्जियां खराब होने लगी है, उन्हें मजबूरी में फेंकना पड़ रहा है. एक विक्रेता ने बताया कि पानी छिड़क कर कुछ देर सब्जी को ठीक रखते हैं, लेकिन बाजार इलाके में पानी की कमी है , सब्जी को ठीक रखने के लिए लगातार पानी का छिड़काव जरूरी है. हालत इतनी खस्ता है कि जो भिंडी 40 रुपये किलो बिकती थी अब उसे 10 रुपये किलो बेचना पड़ रहा है.

ग्राहकों को हो रहा फायदा

लॉकडाउन में ग्राहकों को फायदा हो रहा है. गृहणी शर्मिला सुम्मी ने बताया कि गर्मी में उन्हें महंगी सब्जी खरीदनी पड़ती थी, लेकिन इस बार उन्हें सस्ती और ताजी सब्जी मिल रही है. वहीं, एक महिला किसान ने बताया कि उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है, लॉकडाउन की वजह से व्यापार में मंदी है. दूसरी ओर सब्जी को ठीक रखने के लिए खेतों की सिंचाई भी करनी पड़ रही है और लागत भी बढ़ती जा रही है.

लगन में भारी मात्रा में सब्जी की होती थी खपत

लगन के दौरान भारी मात्रा में सब्जी की खपत होती थी. एक लगन में 15 से 20 करोड़ रुपये की सब्जी बिक जाती थी, मगर लॉकडाउन के कारण शादियां नहीं हो रही हैं जिस कारण सब्जी नहीं बिकी. गर्मी के दौरान सब्जी को ठीक रखने के लिए कोई साधन नहीं है.

2019 और 2020 के गर्मियों के दौरान सब्जियों की कीमत में फर्क

सब्जीसालमूल्यसालमूल्य
पटल 201940 202015
बैगन 201940202020
टमाटर 201940202020
कद्दू 201935202015
करेला 201930202012-15
गोभी 201960202020
बीन 201980-105202030-40
आलू 201930 202015-20
प्याज 2019 80-100 202020-25

पलामू: कोरोना से बचने के लिए लॉकडाउन किया गया है, लेकिन इस लॉक डाउन ने किसानों को बर्बादी के कगार पर ला खड़ा किया है. लॉकडाउन के दौरान भीषण गर्मी और पानी की कमी के कारण किसान और सब्जी विक्रेताओं की कमर टूट गई है. किसानों के साथ-साथ व्यपारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है.

देखें स्पेशल स्टोरी

मई, जून के महीनों में सब्जी की कीमत आसमान छूती थी, लेकिन इस बार बेहद कम कीमत पर सब्जी बिक रही है. बाजार ताजी सब्जियों से भरा पड़ा है लेकिन खरीददार नहीं मिल रहे हैं. रही सही कसर गर्मी निकाल रही है, गर्मी से सब्जियां सूखने लगी हैं. सब्जी बाजार और उसके आस-पास के इलाके में पानी भी बेहद कम है, नतीजा है कि व्यापारी सब्जी पर पानी नहीं छिड़क पा रहे हैं.

40 से अधिक में बिकने वाली भिंडी बिक रही 10 रुपये

लॉकडाउन के कारण पलामू की सब्जी बिकने के लिए बाहर नहीं जा पा रही है और इसके अलावा बाहर से भी सभी भारी मात्रा में आयात हो रही है. सब्जी विक्रेताओं ने ईटीवी भारत को अपनी परेशानियों से रूबरू कराया. इस गर्मी में सब्जियां खराब होने लगी है, उन्हें मजबूरी में फेंकना पड़ रहा है. एक विक्रेता ने बताया कि पानी छिड़क कर कुछ देर सब्जी को ठीक रखते हैं, लेकिन बाजार इलाके में पानी की कमी है , सब्जी को ठीक रखने के लिए लगातार पानी का छिड़काव जरूरी है. हालत इतनी खस्ता है कि जो भिंडी 40 रुपये किलो बिकती थी अब उसे 10 रुपये किलो बेचना पड़ रहा है.

ग्राहकों को हो रहा फायदा

लॉकडाउन में ग्राहकों को फायदा हो रहा है. गृहणी शर्मिला सुम्मी ने बताया कि गर्मी में उन्हें महंगी सब्जी खरीदनी पड़ती थी, लेकिन इस बार उन्हें सस्ती और ताजी सब्जी मिल रही है. वहीं, एक महिला किसान ने बताया कि उन्हें लाखों का नुकसान हुआ है, लॉकडाउन की वजह से व्यापार में मंदी है. दूसरी ओर सब्जी को ठीक रखने के लिए खेतों की सिंचाई भी करनी पड़ रही है और लागत भी बढ़ती जा रही है.

लगन में भारी मात्रा में सब्जी की होती थी खपत

लगन के दौरान भारी मात्रा में सब्जी की खपत होती थी. एक लगन में 15 से 20 करोड़ रुपये की सब्जी बिक जाती थी, मगर लॉकडाउन के कारण शादियां नहीं हो रही हैं जिस कारण सब्जी नहीं बिकी. गर्मी के दौरान सब्जी को ठीक रखने के लिए कोई साधन नहीं है.

2019 और 2020 के गर्मियों के दौरान सब्जियों की कीमत में फर्क

सब्जीसालमूल्यसालमूल्य
पटल 201940 202015
बैगन 201940202020
टमाटर 201940202020
कद्दू 201935202015
करेला 201930202012-15
गोभी 201960202020
बीन 201980-105202030-40
आलू 201930 202015-20
प्याज 2019 80-100 202020-25
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