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बूढ़ापहाड़ में सुरक्षाबलों के कैंप से ग्रामीणों को दे रहे बिजली, कई इलाके में लगाया जाएगा सोलर सिस्टम - ग्रामीणों को बिजली

बूढ़ापहाड़ में मौजूद सुरक्षाबल नक्सलियों को वहां से खदेड़ने के बाद अब इलाके का विकास कर रहे हैं. इसके लिए अब ग्रामीण क्षेत्रों से कैंप से बिजली दी जा रही है.

Electricity being given to villagers from security forces camp in BudhaPahar Area
Electricity being given to villagers from security forces camp in BudhaPahar Area
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Published : Mar 31, 2023, 5:33 PM IST

Updated : Mar 31, 2023, 5:41 PM IST

राजकुमार लकड़ा, आईजी, पलामू रेंज

पलामू: बूढ़ापहाड़ का नाम जिक्र होते ही नक्सल हिंसा का आवरण उभरने लगता है, लेकिन पिछले छह महीने में नक्सल हिंसा की जगह इलाके में हुए बदलाव की खबरें निकल कर सामने आ रही हैं. बूढ़ापहाड़ के इलाके में डेवलपमेंट प्लान की घोषणा की गई है. इलाके में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, अब इलाके में सुरक्षाबल लगातार ग्रामीणों को मुख्यधारा से जोड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Buddha Pahad News: CRPF जवान बने बूढ़ा पहाड़ के 'दशरथ मांझी', श्रमदान से गांव में बना रहे सड़क

सुरक्षाबलों ने अब इलाके को रौशनी से जगमगाने का निर्णय लिया है. सुरक्षाबल अपने कैंप सोलर सिस्टम से बनने वाली बिजली को ग्रामीणों को देंगे. यह बिजली कैंप के अलग बगल के घर को दी जाएगी ताकि उनके घरों में रौशनी पहुंच सके. पलामू रेंज के आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि इलाके में डेवलपमेंट की योजना तैयार की गयी है, रोड बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को बिजली भी दी जाएगी, उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों के कैंपों तक पानी और बिजली पहुंचाई जा रही है, निश्चित रूप से इसका लाभ ग्रामीणों को दिया जाएगा.

बूढ़ापहाड़ के इलाके की बदल रही फिजाएं: बूढ़ापहाड़ के इलाके में सितंबर अक्टूबर 2022 से माओवादियों के खिलाफ अभियान ऑक्टोपस चलाया जा रहा है. अभियान के क्रम में सुरक्षाबलों को लगातार सफलता मिल रही है. अभियान के बाद माओवादी इलाके को छोड़ कर भाग गए हैं. सुरक्षाबल इलाके में कुल्ही, हेसातु, बूढ़ा, बहेराटोली, तिसिया के कैंपों से बिजली उपलब्ध करवाएंगे. 2014 -15 में लातेहार के करमडीह कैंप से सुरक्षाबलों ने सबसे पहले ग्रामीणों को बिजली उपलब्ध करवाई गई थी. इसी तरह अन्य कैंपों से भी बिजली दी जाएगी. बूढ़ापहाड़ के इलाके में डेढ़ दर्जन से अधिक गांव हैं जहां बिजली मौजूद नहीं है.

राजकुमार लकड़ा, आईजी, पलामू रेंज

पलामू: बूढ़ापहाड़ का नाम जिक्र होते ही नक्सल हिंसा का आवरण उभरने लगता है, लेकिन पिछले छह महीने में नक्सल हिंसा की जगह इलाके में हुए बदलाव की खबरें निकल कर सामने आ रही हैं. बूढ़ापहाड़ के इलाके में डेवलपमेंट प्लान की घोषणा की गई है. इलाके में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, अब इलाके में सुरक्षाबल लगातार ग्रामीणों को मुख्यधारा से जोड़ रहे हैं.

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सुरक्षाबलों ने अब इलाके को रौशनी से जगमगाने का निर्णय लिया है. सुरक्षाबल अपने कैंप सोलर सिस्टम से बनने वाली बिजली को ग्रामीणों को देंगे. यह बिजली कैंप के अलग बगल के घर को दी जाएगी ताकि उनके घरों में रौशनी पहुंच सके. पलामू रेंज के आईजी राजकुमार लकड़ा ने बताया कि इलाके में डेवलपमेंट की योजना तैयार की गयी है, रोड बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को बिजली भी दी जाएगी, उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों के कैंपों तक पानी और बिजली पहुंचाई जा रही है, निश्चित रूप से इसका लाभ ग्रामीणों को दिया जाएगा.

बूढ़ापहाड़ के इलाके की बदल रही फिजाएं: बूढ़ापहाड़ के इलाके में सितंबर अक्टूबर 2022 से माओवादियों के खिलाफ अभियान ऑक्टोपस चलाया जा रहा है. अभियान के क्रम में सुरक्षाबलों को लगातार सफलता मिल रही है. अभियान के बाद माओवादी इलाके को छोड़ कर भाग गए हैं. सुरक्षाबल इलाके में कुल्ही, हेसातु, बूढ़ा, बहेराटोली, तिसिया के कैंपों से बिजली उपलब्ध करवाएंगे. 2014 -15 में लातेहार के करमडीह कैंप से सुरक्षाबलों ने सबसे पहले ग्रामीणों को बिजली उपलब्ध करवाई गई थी. इसी तरह अन्य कैंपों से भी बिजली दी जाएगी. बूढ़ापहाड़ के इलाके में डेढ़ दर्जन से अधिक गांव हैं जहां बिजली मौजूद नहीं है.

Last Updated : Mar 31, 2023, 5:41 PM IST
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