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मौत से पहले घबरा गया था माओवादियों का टॉप कमांडर संदीप यादव, गिरफ्तार पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा ने किया कई खुलासा

झारखंड पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा ने कई बड़े खुलासे किए हैं. उसने माओवादियों के कमांडर संदीप यादव की मौत के बारे में भी कई जानकारी दी है, जिसमें उसने बताया कि मौत के पहले माओवादियों का कमांडर कैसे घबरा गया था.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 22, 2023, 7:48 PM IST

पलामू: माओवादियों का टॉप कमांडर संदीप यादव मौत से पहले घबरा गया था. वह घबरा कर अपने गोपनीय नंबरों से सभी जगह कॉल करने लगा था. जिसके बाद झारखंड-बिहार सीमा पर माओवादियों में खलबली मच गई. इसका खुलासा माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा ने किया है. प्रमोद मिश्रा को कुछ दिनों पहले ही बिहार में गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद प्रमोद मिश्रा से झारखंड पुलिस समेत कई सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की थी. इसी पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं.

यह भी पढ़ें: पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा नक्सली प्रमोद मिश्रा, बोला- 'गोली मारो या कुछ भी करो, मुंह नहीं खोलूंगा..'

दरअसल, 25 लाख का इनामी माओवादी संदीप यादव उर्फ विजय यादव की मौत मई 2022 में छकरबंधा में बीमारी से हो गई थी. संदीप यादव की मौत के बाद माओवादी बिखर गए थे और अपने सुरक्षित ठिकाना माने जाने वाले छकरबंधा को छोड़ कर भाग गए थे.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रमोद मिश्रा ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ के दौरान बताया है कि संदीप यादव जब बीमार हुआ तो वह घबरा गया था, घबराने के बाद वह गोपनीय नंबर से चारों तरफ कॉल करने लगा. उसके कॉल करने के बाद दस्ते में अफरा-तफरी मच गई. संदीप यादव को अंतिम वक्त में स्लाइन चढ़ाया गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी. प्रमोद मिश्रा ने बताया कि झारखंड-बिहार सीमा पर संदीप यादव माओवादियों की रीढ़ था. संदीप ही सीमा पर माओवादियों के हथियार से लेकर पैसे की डील करता था. उसकी मौत के बाद सब कुछ खत्म हो गया और माओवादियो को इलाका छोड़ना पड़ा.

जेल में जाने के कारण नहीं बनाया ईआरबी का सुप्रीमो: प्रमोद मिश्रा ने सुरक्षा एजेंसी को बताया है कि छकरबंधा से निकलकर सारंडा के इलाके में पहुंचा था. जहां उसे उम्मीद थी कि उसे माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का सुप्रीमो बनाया जाएगा. लेकिन वहां हुई बैठक में उसे सुप्रीमो नहीं बनाया गया. प्रमोद मिश्रा ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया कि वह लंबे समय तक जेल में रहा है, जिस कारण संगठन और उसका रैंक कम किया गया था. यही वजह थी कि मिसिर बेसरा को ईआरबी का नया कमांडर बनाया गया.

बूढ़ा पहाड़ माओवादियों का बड़ा नुकसान: प्रमोद मिश्रा ने पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं, लेकिन हथियार, कैडर और पैसे के बारे में किसी को कोई ठोस जानकारी नहीं दी है. प्रमोद मिश्रा ने पुलिस को बताया है कि बूढ़ा पहाड़ और छकरबंधा माओवादियों के लिए सबसे बड़ा नुकसान है. इसकी भरपाई मुश्किल है. जबकि संगठन से भागे और मुखबिरों को गद्दार कह कर संबोधित किया जाता है. पूछताछ में शामिल एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रमोद मिश्रा ने कई बिंदुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी है, जबकि कई मामलों में उसने तथ्यों को छुपाने की कोशिश की है. प्रमोद मिश्रा का गिरफ्तार होना नक्सल संगठन को बड़ा नुकसान है.

पलामू: माओवादियों का टॉप कमांडर संदीप यादव मौत से पहले घबरा गया था. वह घबरा कर अपने गोपनीय नंबरों से सभी जगह कॉल करने लगा था. जिसके बाद झारखंड-बिहार सीमा पर माओवादियों में खलबली मच गई. इसका खुलासा माओवादियों के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा ने किया है. प्रमोद मिश्रा को कुछ दिनों पहले ही बिहार में गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद प्रमोद मिश्रा से झारखंड पुलिस समेत कई सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की थी. इसी पूछताछ में कई बड़े खुलासे हुए हैं.

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दरअसल, 25 लाख का इनामी माओवादी संदीप यादव उर्फ विजय यादव की मौत मई 2022 में छकरबंधा में बीमारी से हो गई थी. संदीप यादव की मौत के बाद माओवादी बिखर गए थे और अपने सुरक्षित ठिकाना माने जाने वाले छकरबंधा को छोड़ कर भाग गए थे.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रमोद मिश्रा ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ के दौरान बताया है कि संदीप यादव जब बीमार हुआ तो वह घबरा गया था, घबराने के बाद वह गोपनीय नंबर से चारों तरफ कॉल करने लगा. उसके कॉल करने के बाद दस्ते में अफरा-तफरी मच गई. संदीप यादव को अंतिम वक्त में स्लाइन चढ़ाया गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी. प्रमोद मिश्रा ने बताया कि झारखंड-बिहार सीमा पर संदीप यादव माओवादियों की रीढ़ था. संदीप ही सीमा पर माओवादियों के हथियार से लेकर पैसे की डील करता था. उसकी मौत के बाद सब कुछ खत्म हो गया और माओवादियो को इलाका छोड़ना पड़ा.

जेल में जाने के कारण नहीं बनाया ईआरबी का सुप्रीमो: प्रमोद मिश्रा ने सुरक्षा एजेंसी को बताया है कि छकरबंधा से निकलकर सारंडा के इलाके में पहुंचा था. जहां उसे उम्मीद थी कि उसे माओवादियों के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का सुप्रीमो बनाया जाएगा. लेकिन वहां हुई बैठक में उसे सुप्रीमो नहीं बनाया गया. प्रमोद मिश्रा ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया कि वह लंबे समय तक जेल में रहा है, जिस कारण संगठन और उसका रैंक कम किया गया था. यही वजह थी कि मिसिर बेसरा को ईआरबी का नया कमांडर बनाया गया.

बूढ़ा पहाड़ माओवादियों का बड़ा नुकसान: प्रमोद मिश्रा ने पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं, लेकिन हथियार, कैडर और पैसे के बारे में किसी को कोई ठोस जानकारी नहीं दी है. प्रमोद मिश्रा ने पुलिस को बताया है कि बूढ़ा पहाड़ और छकरबंधा माओवादियों के लिए सबसे बड़ा नुकसान है. इसकी भरपाई मुश्किल है. जबकि संगठन से भागे और मुखबिरों को गद्दार कह कर संबोधित किया जाता है. पूछताछ में शामिल एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रमोद मिश्रा ने कई बिंदुओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी है, जबकि कई मामलों में उसने तथ्यों को छुपाने की कोशिश की है. प्रमोद मिश्रा का गिरफ्तार होना नक्सल संगठन को बड़ा नुकसान है.

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