पलामूः बकोरिया 2.0 के नाम से चर्चित तीन वर्षीय बच्ची की मौत के मामले की जांच अब सीआईडी करेगी. पुलिस मुख्यालय ने सीआईडी जांच की अनुशंसा कर दी है. पलामू पुलिस जल्द ही इस मामले में दर्ज एफआईआर और जांच से जुड़े दस्तावेज सीआईडी को सौंपेगी.
पलामू एसपी अजय लिंडा ने सीआईडी जांच की पुष्टि करते हुए बताया कि अनुसंधान अधिकारी को सीआईडी को मामले से जुड़े दस्तावेज सौंपने के आदेश दे दिए हैं. इससे पहले बच्ची की मौत मामले में दर्ज एफआईआर के अनुसार जांच पांकी इंस्पेक्टर प्रमोद रंजन कर रहे थे.
क्या है बकोरिया 2.0 कांड
25 अगस्त 2019 को पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के बकोरिया में एक 3 वर्षीय बच्ची का शव मिला था. बच्ची के परिजनों ने कथित तौर पर पटक-पटक कर उसकी हत्या किए जाने का आरोप लगाया था. इस मामले में बच्ची के परिजनों ने सीआरपीएफ के जवान और मनिका थानेदार पर हत्या करने का आरोप लगाया था. बाद में मामले में सीआरपीएफ के 20 से 25 जवानों और मनिका थानेदार पर सतबरवा थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. घटना के करीब एक वर्ष बाद पुलिस मुख्यालय ने मामले में सीआईडी जांच के आदेश दे दिए हैं.
दावों पर विवाद
एक साल पहले सीआरपीएफ लातेहार और पुलिस की टीम एक नक्सली को खोज में बकोरिया पहुंची थी. सर्च अभियान के दौरान सीआरपीएफ पुलिस की टीम विनोद सिंह के घर गई थी. इस पूरे सर्च अभियान के दौरान विनोद सिंह की 3 वर्षीय बच्ची की मौत का मामला सामने आया था. पहले बताया गया था कि विनोद सिंह नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) का सदस्य है. हालांकि झारखंड मुक्ति परिषद ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कहा था कि विनोद सिंह उनके संगठन का आदमी नहीं है.