पलामू: चर्चित बकोरिया मुठभेड़ में टॉप माओवादी अनुराग उर्फ आरके समेत 12 की जान गई थी. बकोरिया मुठभेड़ की जांच पिछले चार वर्षों से सीबीआई कर रही थी. सीबीआई ने बकोरिया मुठभेड़ मामले में क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी है. सूत्रों के अनुसार बकोरिया मुठभेड़ के क्लोजर रिपोर्ट में कई बिंदुओं पर जानकारी दी गई है. क्लोजर रिपोर्ट में मुठभेड़ को सही बताया गया है. सीबीआई की फोरेंसिक जांच के आधार पर मुठभेड़ को सही पाया गया है और मामले में पांच अलग-अलग बिंदु भी प्रस्तुत किए गए हैं.
जून 2015 में हुआ था बकोरिया मुठभेड़ः दरअसल, आठ जून 2015 को पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के भलवही में टॉप माओवादी आरके उर्फ अनुराग समेत 12 मारे गए थे. इस मुठभेड़ में पलामू के मनिका के रहने वाले उदय यादव और नीरज यादव की भी जान गई थी.
मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए कोर्ट में दायर की गई थी पीआईएलः पूरे मामले में उदय यादव के पिता जवाहर यादव ने मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई मुठभेड़ की घटना की जांच कर रही है. मुठभेड़ की जांच के लिए सीबीआई ने पलामू में एक कैंप कार्यालय भी खोला था. बकोरिया मुठभेड़ जांच के लिए सीबीआई की टीम पलामू में दो दर्जन से भी अधिक बार दौरा कर चुकी है.
मामले में सीबीआई ने 500 से अधिक लोगों से की है पूछताछः बकोरिया मुठभेड़ के मामले में सीबीआई की टीम तत्कालीन डीजीपी, आईजी, डीआईजी, एसपी, डीएसपी, थानेदार, पत्रकार समेत 500 से अधिक लोगों से पूछताछ की थी. चार वर्ष में सीबीआई जांच में कई बिंदुओं पर उतार-चढ़ाव देखे गए. जानकारी के अनुसार सीबीआई ने मामले में शिकायतकर्ता जवाहर यादव को पत्र लिखकर क्लोजर रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी है.