पलामूः एक करोड़ के इनामी माओवादी देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद की मौत के बाद बूढ़ा पहाड़ के इलाके में माओवादियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा अभियान शुरू किया गया है. मार्च 2018 में माओवादियों की सेंट्रल कमेटी सदस्य अरविंद की मौत हो गई थी. उसके बाद से बूढ़ा पहाड़ में कई अभियान चलाए गए थे. करीब तीन वर्षों के बाद बूढ़ापहाड़ के इलाके में इतना बड़ा अभियान शुरू किया गया है. अभियान में कोबरा, जगुआर को लगाया गया था जबकि गढ़वा और लातेहार में तैनात सीआरपीएफ, जैप, आईआरबी और जिला बल को भी लगाया गया है.
इस अभियान में 50 से अधिक कंपनी सुरक्षाबलों को लगाया गया है. पुलिस और सीआरपीएफ के टॉप अधिकारी अभियान की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. बरवाडीह और भंडरिया के एक पिकेट को अभियान के लिए बेस कैंप बनाया गया है.
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बूढ़ापहाड़ पर टॉप माओवादियों के जमावड़े की सूचना
बूढ़ा पहाड़ के इलाके में टॉप माओवादियों के जमावड़े की सूचना है. कोयल शंख जोन के सभी टॉप माओवादी बूढ़ापहाड़ के इलाके में जमा हैं. माओवादियों का टॉप कमांडर नवीन भी बिहार के इलाके से निकलकर बूढ़ापहाड़ पंहुचा था. उसके साथ टॉप कमांडर मिथिलेश मेहता उर्फ रोहित की भी मौजूदगी की सूचना है. इलाके में लातेहार ,गढ़वा , गुमला और लोहरदगा के टॉप कमांडर जमा हैं.
टॉप माओवादी कमांडर सुधाकरण और उसकी पत्नी के आंध्र में आत्मसमर्पण के बाद बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादी कमजोर हो गए थे. कोविड काल के बाद बूढ़ापहाड़ के इलाके में माओवादियों ने कैडर को बढ़ाया है. सुधाकरण के बाद मिथिलेश मेहता को बूढ़ापहाड़ का नया कमांडर बनाया गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कुछ दिनों पहले बूढ़ापहाड़ के इलाके का जायजा लिया था, जिसके बाद यह अभियान शुरू किया गया है.