ETV Bharat / state

Broccoli Farming In Palamu: सुखाड़ क्षेत्र में ब्रोकली की खेती किसानों के जीवन में ला रहा बदलाव - cultivation in Jharkhand

पलामू में ब्रोकली की खेती बड़ी संख्या में किसान कर रहे हैं. इस खेती से उनकी आमदनी भी चार गुना बढ़ गई है. इसमें खास बात यह है कि सुखाड़ वाले क्षेत्रों में इसकी खेती करने से यहां हरियाली दिखाई दे रही है.

broccoli-farming-in-palamu
पलामू
author img

By

Published : May 1, 2022, 10:29 PM IST

पलामूः सुखाड़ वाले क्षेत्रों में बदलाव शुरू हुआ है. किसान पारंपरिक खेती से हटकर अब पौष्टिक फसलों का भी उत्पादन कर रहे हैं. जिससे उनके जीवन में भी बदलाव आ रहा है. इलाके में बदलाव में पलामू जिला प्रशासन भी किसानों का साथ दे रहा है.

इसे भी पढ़ें- बड़े काम की है ये घास, बंजर जमीन से भी करा दे मालामाल

पलामू में ब्रोकली की खेती से कई किसानों की किस्मत बदल गई है. पलामू में सदर प्रखंड विश्रामपुर के इलाके में बड़े पैमाने पर ब्रोकली का उत्पादन हो रहा है. पलामू की ब्रोकली को बंगाल, बिहार, ओड़िशा, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भेजा जा रहा है. फूलगोभी की तरह दिखने वाला ब्रोकली बाजारों में 70 से 80 प्रति किलो की दर से बिक रहा है. किसान जो कभी गोभी भी की खेती किया करते थे अब वह ब्रोकली की खेती कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर
पलामू जिला प्रशासन पारंपरिक खेती से हटकर अलग खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. इसी क्रम में शुरुआत में पलामू के 272 किसानों को ब्रोकली की खेती से जोड़ा गया था. किसानों को 100 प्रतिशत अनुदान पर बीज उपलब्ध करवाए गए, जिला प्रशासन की देखरेख में किसानों ने नर्सरी तैयार किया था. पिछले एक वर्ष में ब्रोकली ब्रोकली की खेती करने वाले किसानों की संख्या 600 से अधिक हो गई है. किसान विजय और उमेश महतो बताते हैं कि ब्रोकली की खेती की जानकारी उन्हें नहीं थी. लेकिन उन्होंने इसकी खेती की शुरू की और आज उनकी आमदनी 4 गुना तक बढ़ गई है.पलामू में गैर-परंपरागत खेती को बढ़ावाः अन्य राज्यों की तरह है पलामू में गैर परंपरागत खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है. पलामू प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी और पलामू डीसी शशि रंजन ने बताया कि पलामू के इलाके में गैर परंपरागत खेती की बड़ी संभावना है, किसानों को इससे जोड़ा जा रहा है. ब्रोकली एक पौष्टिक तत्व है हालांकि ग्रामीण इलाकों में इसके बारे में कम जानकारी है लेकिन शहरी इलाकों में इसका अच्छा बाजार है. दोनों अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की खेती पलामू के इलाके में बड़ा बदलाव लाएगी.

पलामूः सुखाड़ वाले क्षेत्रों में बदलाव शुरू हुआ है. किसान पारंपरिक खेती से हटकर अब पौष्टिक फसलों का भी उत्पादन कर रहे हैं. जिससे उनके जीवन में भी बदलाव आ रहा है. इलाके में बदलाव में पलामू जिला प्रशासन भी किसानों का साथ दे रहा है.

इसे भी पढ़ें- बड़े काम की है ये घास, बंजर जमीन से भी करा दे मालामाल

पलामू में ब्रोकली की खेती से कई किसानों की किस्मत बदल गई है. पलामू में सदर प्रखंड विश्रामपुर के इलाके में बड़े पैमाने पर ब्रोकली का उत्पादन हो रहा है. पलामू की ब्रोकली को बंगाल, बिहार, ओड़िशा, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भेजा जा रहा है. फूलगोभी की तरह दिखने वाला ब्रोकली बाजारों में 70 से 80 प्रति किलो की दर से बिक रहा है. किसान जो कभी गोभी भी की खेती किया करते थे अब वह ब्रोकली की खेती कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर
पलामू जिला प्रशासन पारंपरिक खेती से हटकर अलग खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. इसी क्रम में शुरुआत में पलामू के 272 किसानों को ब्रोकली की खेती से जोड़ा गया था. किसानों को 100 प्रतिशत अनुदान पर बीज उपलब्ध करवाए गए, जिला प्रशासन की देखरेख में किसानों ने नर्सरी तैयार किया था. पिछले एक वर्ष में ब्रोकली ब्रोकली की खेती करने वाले किसानों की संख्या 600 से अधिक हो गई है. किसान विजय और उमेश महतो बताते हैं कि ब्रोकली की खेती की जानकारी उन्हें नहीं थी. लेकिन उन्होंने इसकी खेती की शुरू की और आज उनकी आमदनी 4 गुना तक बढ़ गई है.पलामू में गैर-परंपरागत खेती को बढ़ावाः अन्य राज्यों की तरह है पलामू में गैर परंपरागत खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है. पलामू प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी और पलामू डीसी शशि रंजन ने बताया कि पलामू के इलाके में गैर परंपरागत खेती की बड़ी संभावना है, किसानों को इससे जोड़ा जा रहा है. ब्रोकली एक पौष्टिक तत्व है हालांकि ग्रामीण इलाकों में इसके बारे में कम जानकारी है लेकिन शहरी इलाकों में इसका अच्छा बाजार है. दोनों अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की खेती पलामू के इलाके में बड़ा बदलाव लाएगी.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.