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पलामू के देवी धाम में लगता है भूत मेला, 70 सालों से चली आ रही है परंपरा

पलामू के देवी धाम में चैती नवरात्र मेला की शुरुआत हो चुकी है. ये मेला पिछले 70 वर्षों से यह मेला लगता आ रहा है. इस धाम को शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है. इस धाम में लोग कथित रूप से भूत-प्रेत से छुटकारा पाने आते हैं.

देवी धाम में लगता है भूत मेला
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Published : Apr 8, 2019, 3:14 PM IST

पलामूः हैदरनगर के देवी धाम में चैती नवरात्र मेला की शुरुआत हो चुकी है. इस मेले में आसपास के पांच राज्यों से श्रद्धालु आते हैं. इस मेले में लोग भूत-प्रेत से मुक्ति और संतान की प्राप्ति के लिए आते हैं.


हैदरनगर में लगने वाले बहुचर्चित भूत मेले की शुरूआत हो चुकी है. इस जगह पर चैत्र और शारदीय नवरात्र का मेला लगता है. सरकार भी इस देवीधाम को प्रयटन स्थल के रुप में विकसित कर रही है. इसे लेकर सड़क, बिजली, शौचालय और पेयजल की समुचित व्यवस्था की जा रही है.

देवी धाम में लगता है भूत मेला
पलामू जिले के हैदरनगर में पिछले 70 वर्षों से यह मेला लगता आ रहा है. इस धाम को शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है. इस धाम में लोग कथित रूप से भूत-प्रेत से छुटकारा पाने आते हैं. यहां पर लोग बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़, एमपी, यूपी के कोने-कोने से आते हैं.इसे आस्था कहें या अंधविश्वास, लेकिन लोगों की मान्यता ने अब परंपरा का रुप ले लिया है. जो लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. प्रशासन के तरफ से इसमें कोई दखलंदाजी नहीं की जाती है.

पलामूः हैदरनगर के देवी धाम में चैती नवरात्र मेला की शुरुआत हो चुकी है. इस मेले में आसपास के पांच राज्यों से श्रद्धालु आते हैं. इस मेले में लोग भूत-प्रेत से मुक्ति और संतान की प्राप्ति के लिए आते हैं.


हैदरनगर में लगने वाले बहुचर्चित भूत मेले की शुरूआत हो चुकी है. इस जगह पर चैत्र और शारदीय नवरात्र का मेला लगता है. सरकार भी इस देवीधाम को प्रयटन स्थल के रुप में विकसित कर रही है. इसे लेकर सड़क, बिजली, शौचालय और पेयजल की समुचित व्यवस्था की जा रही है.

देवी धाम में लगता है भूत मेला
पलामू जिले के हैदरनगर में पिछले 70 वर्षों से यह मेला लगता आ रहा है. इस धाम को शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है. इस धाम में लोग कथित रूप से भूत-प्रेत से छुटकारा पाने आते हैं. यहां पर लोग बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़, एमपी, यूपी के कोने-कोने से आते हैं.इसे आस्था कहें या अंधविश्वास, लेकिन लोगों की मान्यता ने अब परंपरा का रुप ले लिया है. जो लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. प्रशासन के तरफ से इसमें कोई दखलंदाजी नहीं की जाती है.
Intro:एक तरफ लोगों में जागरूक्ता फैलाने के लिए सरकार लाखों रूपये खर्च करती है, दूसरी ओर पुलिस की निगरानी में लगता है भूत मेलाBody:हैदरनगर का चर्चित देवी धाम मेला शुरु

पलामूः हैदरनगर के देवी धाम में चैती नवरात्र मेला की शुरुआत शनिवार को हो गई। इस मेला में आस पास के पांच राज्यों से श्रद्धालु आते हैं। जिनमें अधिक लोग कथित प्रेत बाधा से मुक्ति व संतान प्राप्ति की मन्नत मांगने आते हैं। सरकार इस देवी धाम को प्रयटन स्थल के रुप में विकसित कर रही है। इसे लेकर चहारदीवारी, सड़क, बिजलीए शौचालय व पेयजल की समुचित व्यवस्था का कार्य प्रगति पर है। लेकिन यह भी सच है कि पलामू के हैदरनगर देवी धाम परिसर में भूतो की हर तरह की हरकत सच में देखने को मिलती है। इसे अंधविश्वास कहें या आस्था जो लोगों के सिर चढ़कर बोलती है। फिर भी पलामू प्रशासन की ओर से इस मेला में आने वाले लोगों को जागरुक करने व उनका मनोवैज्ञानिक इलाज कराने की कोई व्यवस्था नहीं की जाती है। यह सभी जानते हैं कि इसे रोकना काफी मुश्किल है। पर उन्हें अंधविश्वास के प्रति जागरुक तो किया जा सकता है। चिकित्सकों का दल बैठाया जा सकता है। इस दिशा में अबतक कोई प्रयास नहीं किया गया। देवी धाम परिसर का दृश्य देख आप आश्चर्य में पड़ जायेंगे। यहाँ कथित भूत प्रेत बाधा से पीड़ित लोग नाचते. झूमते है। विश्वास नहीं होता हैए तो चले आइये, इस मेला में।

मुख्यालय से 70 किमी दूर

पलामू जिले के हैदरनगर में पिछले 70 वर्षो से लगता आ रहा है यह मेला। पलामू के डाल्टेनगंज मुख्यालय से हैदरनगर करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस धाम को शक्ति पीठ के नाम से भी जाना जाता है। जिस किसी बच्चे, स्त्री एवं पुरुष पर कथित भूतो की छाया रहता हैए वे भूतो से छुटकारा पाने के लिए इस जगह पर आते है। उन्हें यहाँ आने के बाद भूतो से पूर्ण रूप से छुटकारा मिल भी जाता है। ऐसा आने वाले लोग मानते हैं। इस स्थान पर बिहार, बंगालए छत्तीसगढ़, एमपी, यूपी व झारखंड राज्य के कोने कोने से लोग आते है। अपने कष्टों से निवारण पाते है।

Conclusion:मेला की वजह मॉडल स्टेशन बना

इस जगह पर साल में दो बार चैती नवरात्रि एवं शारदीय नवरात्र के एकम से नौवमी तक भव्य मेला लगता है। मेला से रेलवे को अच्छी खासी आय होने की वजह से हैदरनगर रेलवे स्टेशन को मॉडल स्टेशन का दर्जा मिला है। हैदरनगर के जिस स्थान पर भूत मेला लगता हैए वही पर देवी माँ का विशाल मंदिर स्थापित है। इस मंदिर के पास एक जिन बाबा का मजार भी है। जिस कारण लोगों का मानना है कि यहाँ भूतो प्रेतों से छुटकारा मिलाना और भी आसान हो जाता है। एक ही परिसर में एक तरफ पूजा तो दूसरी ओर फातेहा होता है। इससे परिसर में साम्प्रदायिक सौहार्द्र देखते बनता है। लोग बताते है कि इस मेले में दूर दूर से आकर बहुत से लोग ओझा . गुनी एवं डायन की सिद्धि भी प्राप्त करते है। नवरात्रि के समय यहाँ पर भीड़ इतनी काफी हो जाती है की लोग साड़ियो एवं चादरों से तम्बू बनाकर लोगों का रहना मजबूरी है। इस स्थान पर लोग डर से रहना पसंद नही करते। इस जगह पर वही लोग निवास करते हैए जो शुरु से ही इस जगह पर रहते आ रहे है। इस मंदिर परिसर में एक अग्नि कुंड स्थापित है। जिन लोगो पर भूत प्रेत की छाया रहता हैए वो नाचने एवं झुमने लगता है .इस स्थान पर लोगों के शरीर में छिपी आत्मा अनेक प्रकार के करतब दिखाने लगती है। जिसे देखकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते है। देश मंगल पर पंहुचा पर लोगो के जीवन से मंगल कोसो दूर है। इकीसवीं सदी के इस युग में मन पर अन्धविश्वास हावी है। तरक्की करना तब सार्थक सिद्ध होगा जब लोगो के मानस पटल से अन्धविश्वास दूर होगा। आज के इस वैज्ञानिक युग में भी इस तरह का आस्था और अंधविश्वाश देखने को मिल रहा है। जहाँ लोग दवा न कराकर दुआ के लिए पहुंचते हैं। यहां आने वाले बहुत लोग श्रद्धा व भक्ति के उद्देश्य से भी आते हैं। मगर उनकी संख्या कम रहती है। प्रबुद्ध नागरिकों का मनना है कि सरकार को इसके लिए मेला अवधी तक परिसर में मनोचिकित्सक व अंधविश्वास से निपटने के लिए जन जागरुकता अभियान चलाना चाहिए। यही इसके समाधान की दिशा में सकारात्मक कदम वहोगा।
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