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Palamu News: बदलाव दीदी ने पलामू के गांवों में किया परिवर्तन, महिलाएं हो रही हैं आत्मनिर्भर

पलामू में महिलाएं जागरूक हो रही हैं. वो अब सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठा रही हैं. सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत भी हो रही हैं. इन सबके पीछे की जो वजह है, वो है बदलाव दीदी.

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Published : Mar 9, 2023, 3:51 PM IST

Updated : Mar 9, 2023, 4:23 PM IST

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पलामूः सामाजिक अपराध एक बड़ी चुनौती रही है और इस सामाजिक अपराध की सबसे बड़ी शिकार महिलाएं होती रही हैं. बाल विवाह, अंधविश्वास जैसे सामाजिक अपराध के आंकड़े बताते हैं कि लोगों के बीच कानून के भय के साथ-साथ जागरुकता भी जरूरी है. महिला अपराध और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ बदलाव दीदी लड़ाई लड़ रही हैं. इस लड़ाई का नतीजा है कि अब तक बदलाव दीदी कई बाल विवाह और अंधविश्वास की घटनाओं को रोक चुकी है.

ये भी पढ़ेंः International Women's Day Special: तेंदुए की आंखों में आंखें डाल ड्यूटी निभा रहीं बहादुर महिलाएं, पीटीआर में वन्य जीवों को बचाने की जिम्मेदारी

बदलाव दीदी अब समाज में एक बड़े बदलाव का वाहक बन चुकी है. दरसल झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की देखरेख में ग्रामीण इलाकों में बदलाव दीदी का गठन किया गया है. यह बदलाव दीदी ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को जागरूक कर रही हैं और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ रही हैं. पलामू के उप विकास आयुक्त रवि आनंद बताते हैं कि सामाजिक बदलाव के लिए पहल की जा रही है और सुदूरवर्ती इलाकों में अभियान चलाया जा रहा है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के माध्यम से बदलाव दीदी लोगों को विभिन्न सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरूक कर रही हैं.

बाल विवाह और अंधविश्वास को रोकना है बड़ी चुनौती, हर गांव में बनाई गई है समितिः पलामू जैसे इलाके में बाल विवाह को रोकना बड़ी चुनौती रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार पलामू में होने वाले विवाह में 35 प्रतिशत के करीब बाल विवाह के दायरे में है. वहीं पलामू के विभिन्न थानों में प्रतिवर्ष 60 से 70 एफआईआर डायन-बिसाही से जुड़े मामलों में किए जाते हैं. बदलाव दीदी ने कई इलाकों में बाल विवाह को रोकने में सफलता पाई है. पिछले दो महीने के अंदर बदलाव दीदी ने एक दर्जन के करीब बाल विवाह को रुकवाया है.

हर महीने करती हैं बैठकः बदलाव दीदी प्रत्येक महीने आपस में बैठक करती हैं और सामाजिक अपराध से प्रभावित इलाके के लिए एक योजना तैयार करती है. तैयार योजना के आधार पर वह पीड़ित और प्रभावित इलाके का दौरा करती हैं और लोगों को इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताती हैं. बदलाव दीदी कई स्तर पर जागरुकता अभियान चला रही है. महिलाओं खिलाफ घरेलू हिंसा, तस्करी, शराब से होने वाले नुकसान के बारे में भी बता रही हैं.

बदलाव दीदी की सदस्य ब्यूटी कुमारी बताती हैं कि सामाजिक कुरीतियों खिलाफ भी अभियान चला रही हैं. कई जगह बाल विवाह रुकवाया गया है. वे बताती हैं कि कई बार छेड़खानी समेत अन्य अपराध के मामले में महिलाएं सामने नहीं आती हैं. वह महिलाओं का हौसला बढ़ा कर मामले में कानूनी जानकारी देती हैं और मदद भी करती हैं. लेस्लीगंज की बदलाव दीदी बताती हैं कि वह घर-घर जाकर महिलाओं को जागरूक कर रही हैं. दहेज प्रथा या महिलाओं के प्रति होने वाले घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को लड़ाई लड़ने के लिए हौसला को बढ़ाया जा रहा है.

आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक रूप से महिलाओं को किया जा रहा मजबूतः ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी आर्थिक रूप से मजबूत कर रही हैं. महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के साथ-साथ समाज के प्रति जिम्मेदारी और जागरूकता को भी बताया जा रहा है. जेएसएलपीएस के डीपीएम विमलेश शुक्ला बताते हैं कि महिलाओं के बहु आयामी विकास के लिए अभियान चलाया जा रहा है. महिलाएं आत्मनिर्भर के साथ-साथ समाज में होने वाले सामाजिक अपराध के प्रति भी अभियान का हिस्सा बन रही हैं. महिलाओं को कई स्तर पर जागरूक किया जा रहा है. उन्हें मजबूत किया जा रहा है. इस अभियान के तहत लिंगानुपात के बारे में भी लोगों को बताया जा रहा है.

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पलामूः सामाजिक अपराध एक बड़ी चुनौती रही है और इस सामाजिक अपराध की सबसे बड़ी शिकार महिलाएं होती रही हैं. बाल विवाह, अंधविश्वास जैसे सामाजिक अपराध के आंकड़े बताते हैं कि लोगों के बीच कानून के भय के साथ-साथ जागरुकता भी जरूरी है. महिला अपराध और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ बदलाव दीदी लड़ाई लड़ रही हैं. इस लड़ाई का नतीजा है कि अब तक बदलाव दीदी कई बाल विवाह और अंधविश्वास की घटनाओं को रोक चुकी है.

ये भी पढ़ेंः International Women's Day Special: तेंदुए की आंखों में आंखें डाल ड्यूटी निभा रहीं बहादुर महिलाएं, पीटीआर में वन्य जीवों को बचाने की जिम्मेदारी

बदलाव दीदी अब समाज में एक बड़े बदलाव का वाहक बन चुकी है. दरसल झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी की देखरेख में ग्रामीण इलाकों में बदलाव दीदी का गठन किया गया है. यह बदलाव दीदी ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को जागरूक कर रही हैं और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ रही हैं. पलामू के उप विकास आयुक्त रवि आनंद बताते हैं कि सामाजिक बदलाव के लिए पहल की जा रही है और सुदूरवर्ती इलाकों में अभियान चलाया जा रहा है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के माध्यम से बदलाव दीदी लोगों को विभिन्न सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरूक कर रही हैं.

बाल विवाह और अंधविश्वास को रोकना है बड़ी चुनौती, हर गांव में बनाई गई है समितिः पलामू जैसे इलाके में बाल विवाह को रोकना बड़ी चुनौती रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार पलामू में होने वाले विवाह में 35 प्रतिशत के करीब बाल विवाह के दायरे में है. वहीं पलामू के विभिन्न थानों में प्रतिवर्ष 60 से 70 एफआईआर डायन-बिसाही से जुड़े मामलों में किए जाते हैं. बदलाव दीदी ने कई इलाकों में बाल विवाह को रोकने में सफलता पाई है. पिछले दो महीने के अंदर बदलाव दीदी ने एक दर्जन के करीब बाल विवाह को रुकवाया है.

हर महीने करती हैं बैठकः बदलाव दीदी प्रत्येक महीने आपस में बैठक करती हैं और सामाजिक अपराध से प्रभावित इलाके के लिए एक योजना तैयार करती है. तैयार योजना के आधार पर वह पीड़ित और प्रभावित इलाके का दौरा करती हैं और लोगों को इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताती हैं. बदलाव दीदी कई स्तर पर जागरुकता अभियान चला रही है. महिलाओं खिलाफ घरेलू हिंसा, तस्करी, शराब से होने वाले नुकसान के बारे में भी बता रही हैं.

बदलाव दीदी की सदस्य ब्यूटी कुमारी बताती हैं कि सामाजिक कुरीतियों खिलाफ भी अभियान चला रही हैं. कई जगह बाल विवाह रुकवाया गया है. वे बताती हैं कि कई बार छेड़खानी समेत अन्य अपराध के मामले में महिलाएं सामने नहीं आती हैं. वह महिलाओं का हौसला बढ़ा कर मामले में कानूनी जानकारी देती हैं और मदद भी करती हैं. लेस्लीगंज की बदलाव दीदी बताती हैं कि वह घर-घर जाकर महिलाओं को जागरूक कर रही हैं. दहेज प्रथा या महिलाओं के प्रति होने वाले घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को लड़ाई लड़ने के लिए हौसला को बढ़ाया जा रहा है.

आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक रूप से महिलाओं को किया जा रहा मजबूतः ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी आर्थिक रूप से मजबूत कर रही हैं. महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के साथ-साथ समाज के प्रति जिम्मेदारी और जागरूकता को भी बताया जा रहा है. जेएसएलपीएस के डीपीएम विमलेश शुक्ला बताते हैं कि महिलाओं के बहु आयामी विकास के लिए अभियान चलाया जा रहा है. महिलाएं आत्मनिर्भर के साथ-साथ समाज में होने वाले सामाजिक अपराध के प्रति भी अभियान का हिस्सा बन रही हैं. महिलाओं को कई स्तर पर जागरूक किया जा रहा है. उन्हें मजबूत किया जा रहा है. इस अभियान के तहत लिंगानुपात के बारे में भी लोगों को बताया जा रहा है.

Last Updated : Mar 9, 2023, 4:23 PM IST
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