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पलामू में बाइक एम्बुलेंस की व्यवस्था, ग्रामीण इलाकों के लिए साबित होगा वरदान!

पलामू पुलिस मुख्यालय ने आम लोगों के लिए बाइक एम्बुलेंस की व्यवस्था शुरू करवाई है. इसे जल्द ही नक्सल प्रभावित इलाकों के थानों और पिकेट को दिया जाएगा. इस एम्बुलेंस की खासियत हैं कि यह उन इलाकों में भी जा सकता है, जहां की सड़कें अच्छी नहीं होती हैं.

पलामू में बाइक एम्बुलेंस की व्यवस्था
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Published : Oct 4, 2019, 5:01 PM IST

पलामू: जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों को इलाज के लिए अब एम्बुलेंस का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. झारखंड पुलिस अब नक्सल विरोधी अभियान के साथ-साथ बीमार ग्रामीणों की मदद भी करेगी. इसे ध्यान में रखकर पुलिस मुख्यालय ने पलामू पुलिस को बाइक एम्बुलेंस उपलब्ध करवाया है.

देखें पूरी खबर

इस बाइक एम्बुलेंस को जल्द ही नक्सल प्रभावित इलाकों के थानों और पिकेट को दिया जाएगा. झारखंड में सीआरपीएफ ने बाइक एम्बुलेंस की शुरुआत की थी. अब झारखंड पुलिस भी ग्रामीणों की मदद के लिए बाइक एम्बुलेंस तैयार किया है. पलामू में बिहार सीमा से सटे सिर्फ डगरा में बाइक एम्बुलेंस मौजूद था.

ये भी पढ़ें-नक्सलियों से मुठभेड़ में पलामू का लाल अखिलेश शहीद, पैतृक गांव में पसरा मातम

पलामू एसपी अजय लिंडा ने बताया कि बाइक एम्बुलेंस से ग्रामीणों को काफी सुविधा होगी. ग्रामीण थाना या पिकेट के माध्यम से एम्बुलेंस ले सकते है. पुलिस नक्सल विरोधी अभियान के साथ-साथ ग्रामीणों की भी मदद कर रही है. एसपी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय ने एम्बुलेंस उपलब्ध करवाया हैं, जिसकी खासियत है कि यह उन इलाकों में भी जा सकता है, जहां की सड़के अच्छी नहीं होती हैं.

बता दें कि पलामू में 27 प्रशासनिक थाने है, जबकि 18 से अधिक पिकेट हैं. यहां के कई इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा नहीं है, जबकि पुलिस और सुरक्षाबलों कि मौजूदगी होती है. वहीं, बाइक एम्बुलेंस मिल जाने से गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाना आसान हो सकता है.

पलामू: जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों को इलाज के लिए अब एम्बुलेंस का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. झारखंड पुलिस अब नक्सल विरोधी अभियान के साथ-साथ बीमार ग्रामीणों की मदद भी करेगी. इसे ध्यान में रखकर पुलिस मुख्यालय ने पलामू पुलिस को बाइक एम्बुलेंस उपलब्ध करवाया है.

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इस बाइक एम्बुलेंस को जल्द ही नक्सल प्रभावित इलाकों के थानों और पिकेट को दिया जाएगा. झारखंड में सीआरपीएफ ने बाइक एम्बुलेंस की शुरुआत की थी. अब झारखंड पुलिस भी ग्रामीणों की मदद के लिए बाइक एम्बुलेंस तैयार किया है. पलामू में बिहार सीमा से सटे सिर्फ डगरा में बाइक एम्बुलेंस मौजूद था.

ये भी पढ़ें-नक्सलियों से मुठभेड़ में पलामू का लाल अखिलेश शहीद, पैतृक गांव में पसरा मातम

पलामू एसपी अजय लिंडा ने बताया कि बाइक एम्बुलेंस से ग्रामीणों को काफी सुविधा होगी. ग्रामीण थाना या पिकेट के माध्यम से एम्बुलेंस ले सकते है. पुलिस नक्सल विरोधी अभियान के साथ-साथ ग्रामीणों की भी मदद कर रही है. एसपी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय ने एम्बुलेंस उपलब्ध करवाया हैं, जिसकी खासियत है कि यह उन इलाकों में भी जा सकता है, जहां की सड़के अच्छी नहीं होती हैं.

बता दें कि पलामू में 27 प्रशासनिक थाने है, जबकि 18 से अधिक पिकेट हैं. यहां के कई इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा नहीं है, जबकि पुलिस और सुरक्षाबलों कि मौजूदगी होती है. वहीं, बाइक एम्बुलेंस मिल जाने से गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाना आसान हो सकता है.

Intro:नक्सलियों के गढ़ से बीमार व्यक्ति को झारखंड पुलिस बाइक एम्बुलेंस से इलाज के लिए पंहुचाएगी अस्पताल, सीआरपीएफ के बाद झारखंड पुलिस की पहल

नीरज कुमार । पलामू

पलामू के नक्सल हीट इलाके में लोगो को इलाज के लिए अब एम्बुलेंस का इंतजार नही करना पड़ेगा। झारखंड पुलिस अब नक्सल विरोधी अभियान के साथ साथ बीमार ग्रामीणों की भी मदद करेगी। पुलिस मुख्यालय ने पलामू पुलिस को बाइक एम्बुलेंस उपलब्ध करवाया है। बाइक एम्बुलेंस को जल्द ही नक्सल हीट इलाके के थाना और पिकेट को दिया जाएगा। झारखंड में सीआरपीएफ ने बाइक एम्बुलेंस की शुरुआत की थी। अब झारखंड पुलिस भी ग्रामीणों की मदद के लिए बाइक एम्बुलेंस तैयार किया है। पलामू में बिहार सीमा से सटे सिर्फ डगरा में बाइक एम्बुलेंस मौजूद था।


Body:पलामू एसपी अजय लिंडा ने बताया कि बाइक एम्बुलेंस से ग्रामीणों को काफी सुविधा होगी। ग्रामीण थाना या पिकेट के माध्यम से एम्बुलेंस ले सकते है। पुलिस नक्सल विरोशी अभियब के साथ साथ ग्रामीणों की भी मदद कर रही है। एसपी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय ने एम्बुलेंस उपलब्ध करवाया है। बाइक एम्बुलेंस की खासियत है कि यह दुरूह इलाक़ो में भी जा सकता है जंहा रोड सही नही है।




Conclusion:पलामू में 27 प्रशासनिक थाना है जबकि 18 से अधिक पिकेट हैं । कई इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा नही है जबकि वंहा पुलिस और सुरक्षाबलो कि मौजूदगी है। बाइक एम्बुलेन्स मिल जाने से ग्रामीणों को काफी सहायता मिलेगी । गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को इलाज के अस्पताल लाया जा सकता है।
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