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पलामूः मंडल डैम का डूब क्षेत्र होगा चिन्हित, टॉप अधिकारी लेंगे कैमूर डैम का जायजा, काटे जाने हैं 3.44 लाख पेड़ - trees will be cut for the construction of mandal dam in palamu

मंडल डैम का निर्माण कार्य 70 के दशक से शुरू हुआ था, लेकिन 1993 से निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप है. मंडल डैम के डूब क्षेत्र चिन्हित होने के बाद और कैमूर डैम का जायजा लेने के बाद हाई लेवल कमिटी यह समीक्षा करेगी कि मंडल डैम के लिए पेड़ काटा जाना जरूरी है या नहीं.

मंडल डैम
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Published : May 30, 2020, 11:06 AM IST

पलामू: जिले में चर्चित मंडल डैम के डूब क्षेत्र को चिन्हित किया जायेगा. मामले में वन विभाग ने सिंचाई विभाग को डूब क्षेत्र को चिन्हित कर उसकी मार्किंग करने को कहा है. ताकि यह पता चल सके की डूब क्षेत्र कहां तक है. इसके अलावा मंडल डैम को लेकर एक हाई लेवल कमिटी बिहार के कैमूर डैम का जायजा लेगी. कमिटी को जानकारी मिली है कि कैमूर डैम के निर्माण के दौरान पेड़ नहीं काटे गए हैं. मंडल डैम के डूब क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक गांव हैं. जिसमें वीर शहीद नीलाम्बर-पीताम्बर का गांव चेमो सान्या, कुटकु, मेराल जैसे गांव भी शामिल है.

देखें पूरी खबर

काटे जाने हैं 3,44,644 पेड़, होगी समीक्षा

मंडल डैम के अधूरे कार्यो को पूरा करने के लिए 3,44,644 पेड़ों को काटने की तैयारी है. मंडल डैम के लिए जिस इलाके में पेड़ काटा जाना है, वह इलाका पलामू टाइगर रिजर्व का है. पूरा जंगल साल ( सखुआ) का है. मामले में जल संसाधन विभाग ने पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से पेड़ काटने के लिए अनुमति मांगी है. इसी कड़ी में मंडल डैम के डूब क्षेत्र चिन्हित होने के बाद और कैमूर डैम का जायजा लेने के बाद हाई लेवल कमिटी यह समीक्षा करेगी मंडल डैम के लिए पेड़ काटा जाना जरूरी है या नहीं.

ये भी पढे़ं- शुक्रवार को झारखंड में पाए गए 45 करोना के पॉजिटिव मरीज, राज्य में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 521

मार्किंग कर लिया जायेगा जायजा

मामले में वन विभाग ने सिंचाई विभाग को डूब क्षेत्र को चिन्हित कर उसकी मार्किंग करने को कहा है. इसके अलावा मंडल डैम को लेकर हाई लेवल की एक कमिटी बिहार के कैमूर डैम का जायजा लेगी. कमिटी को जानकारी मिली है कि कैमूर डैम के निर्माण के दौरान पेड़ नहीं काटे गए हैं. इसी का जायजा लेने के लिए वन विभाग ने सिंचाई विभाग को डूब क्षेत्र को चिन्हित कर उसकी मार्किंग करने को कहा है. ताकि यह पता चल सके की डूब क्षेत्र कहां तक है.

मंडल डैम का निर्माण कार्य 70 के दशक से शुरू हुआ था, लेकिन 1993 से निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप है. मंडल डैम के डूब क्षेत्र चिन्हित होने के बाद और कैमूर डैम का जायजा लेने के बाद हाई लेवल कमिटी यह समीक्षा करेगी मंडल डैम के लिए पेड़ काटा जाना जरूरी है या नहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 05 जनवरी 2019 में मंडल डैम के अधूरे कार्यो को पूरा करने के लिए परियोजना का शिलान्यास किया था. बावजूद अभी तक मंडल डैम पर काम शुरू नहीं हुआ है.

पलामू: जिले में चर्चित मंडल डैम के डूब क्षेत्र को चिन्हित किया जायेगा. मामले में वन विभाग ने सिंचाई विभाग को डूब क्षेत्र को चिन्हित कर उसकी मार्किंग करने को कहा है. ताकि यह पता चल सके की डूब क्षेत्र कहां तक है. इसके अलावा मंडल डैम को लेकर एक हाई लेवल कमिटी बिहार के कैमूर डैम का जायजा लेगी. कमिटी को जानकारी मिली है कि कैमूर डैम के निर्माण के दौरान पेड़ नहीं काटे गए हैं. मंडल डैम के डूब क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक गांव हैं. जिसमें वीर शहीद नीलाम्बर-पीताम्बर का गांव चेमो सान्या, कुटकु, मेराल जैसे गांव भी शामिल है.

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काटे जाने हैं 3,44,644 पेड़, होगी समीक्षा

मंडल डैम के अधूरे कार्यो को पूरा करने के लिए 3,44,644 पेड़ों को काटने की तैयारी है. मंडल डैम के लिए जिस इलाके में पेड़ काटा जाना है, वह इलाका पलामू टाइगर रिजर्व का है. पूरा जंगल साल ( सखुआ) का है. मामले में जल संसाधन विभाग ने पलामू टाइगर रिजर्व के अधिकारियों से पेड़ काटने के लिए अनुमति मांगी है. इसी कड़ी में मंडल डैम के डूब क्षेत्र चिन्हित होने के बाद और कैमूर डैम का जायजा लेने के बाद हाई लेवल कमिटी यह समीक्षा करेगी मंडल डैम के लिए पेड़ काटा जाना जरूरी है या नहीं.

ये भी पढे़ं- शुक्रवार को झारखंड में पाए गए 45 करोना के पॉजिटिव मरीज, राज्य में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या हुई 521

मार्किंग कर लिया जायेगा जायजा

मामले में वन विभाग ने सिंचाई विभाग को डूब क्षेत्र को चिन्हित कर उसकी मार्किंग करने को कहा है. इसके अलावा मंडल डैम को लेकर हाई लेवल की एक कमिटी बिहार के कैमूर डैम का जायजा लेगी. कमिटी को जानकारी मिली है कि कैमूर डैम के निर्माण के दौरान पेड़ नहीं काटे गए हैं. इसी का जायजा लेने के लिए वन विभाग ने सिंचाई विभाग को डूब क्षेत्र को चिन्हित कर उसकी मार्किंग करने को कहा है. ताकि यह पता चल सके की डूब क्षेत्र कहां तक है.

मंडल डैम का निर्माण कार्य 70 के दशक से शुरू हुआ था, लेकिन 1993 से निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप है. मंडल डैम के डूब क्षेत्र चिन्हित होने के बाद और कैमूर डैम का जायजा लेने के बाद हाई लेवल कमिटी यह समीक्षा करेगी मंडल डैम के लिए पेड़ काटा जाना जरूरी है या नहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 05 जनवरी 2019 में मंडल डैम के अधूरे कार्यो को पूरा करने के लिए परियोजना का शिलान्यास किया था. बावजूद अभी तक मंडल डैम पर काम शुरू नहीं हुआ है.

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