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ट्रांसफार्मर खराब होने पर अब नहीं रहना पड़ेगा दूसरे जिलों के भरोसे, पाकुड़ में रिपेयरिंग वर्कशॉप में काम शुरू

पाकुड़ में अब ट्रांसफार्मर खराब होने पर दूसरे जिलों में मरम्मत के लिए नहीं भेजना पड़ेगा. जिले में ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग वर्कशॉप को क्रियाशील किया जा चुका है. अब तक 50 से ज्यादा ट्रांसफार्मर को ठीक भी किया जा चुका है.

transformer repairing workshop in pakur
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Published : Jul 6, 2023, 7:58 PM IST

देखें पूरी खबर

पाकुड़: जिले में ट्रांसफार्मर खराब होने से उपभोक्ताओं को अब परेशानी झेलनी नहीं पड़ेगी. पाकुड़ जिला मुख्यालय में ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग वर्कशॉप को विद्युत विभाग ने क्रियाशील कर दिया है. यहां अब ट्रांसफार्मर मरम्मती का काम भी शुरू हो गया है.

यह भी पढ़ें: साहिबगंज और पाकुड़ जिला को मिला दो ट्रॉली ट्रांसफार्मर, बिजली की समस्या में काम आएगा माउंटेड सबस्टेशन

जिले में ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग वर्कशॉप नहीं रहने के कारण पहले विद्युत विभाग खराब ट्रांसफार्मर को दुमका और साहिबगंज जिला भेजने को विवश था. इससे उपभोक्ताओं को कई दिनों तक परेशानी झेलनी पड़ती थी. लेकिन यहां वर्कशॉप के क्रियाशील होने से अब इन परेशानियों से मुक्ति मिल गयी है.

50 से ज्यादा खराब ट्रांसफार्मर को किया जा चुका दुरुस्त: ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग वर्कशॉप इंचार्ज चंदन कुमार ने बताया कि इस वर्कशॉप में 25 से 200 केवीए तक के ट्रांसफार्मर मरम्मती का काम शुरू कर दिया गया है. अब तक 50 से ज्यादा खराब पड़े ट्रांसफार्मर को दुरुस्त कर भेजा जा चुका है. उन्होंने बताया कि 200 से अधिक केवीए ट्रांसफार्मर का मेटेरियल नहीं मिला है. मेटेरियल मिल जाने के बाद इसका भी मरम्मती कार्य शुरू कर दिया जाएगा. वर्कशॉप इंचार्ज ने बताया कि वर्कशॉप के बाहर एक शेड की आवश्यकता है. विभाग यदि शेड निर्माण करवा दे तो हमें काम करने में और सुविधा होगी.

मेटेरियल के अभाव में हो रही थी देरी: वहीं कार्यपालक अभियंता ने बताया कि ट्रांसफार्मर वर्कशॉप के लिए काफी दिन पहले भवन का निर्माण करा दिया गया था. कई उपक्रम भी लगाए गए थे, लेकिन मेटेरियल के अभाव में वर्कशॉप क्रियाशील नहीं हो पा रहा था. विभाग द्वारा मेटेरियल उपलब्ध कराए जाने के बाद वर्कशॉप को क्रियाशील करा दिया गया है. जिसमें कई खराब ट्रांसफार्मरों को दुरुस्त कर उसे संबंधित स्थान पर भेज दिया गया है. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि 200 से अधिक केवीए के ट्रांसफर्मर की मरम्मती के लिए मेटेरियल का डिमांड विभाग से की गयी है. उसे भी जल्द ही उपलब्ध करा दिया जाएगा.

गर्मी के दिनों में ज्यादा खराब होता है ट्रांसफार्मर: बता दें कि गर्मी में अधिक लोड रहने और बरसात के दिनों में ठनका गिरने से ज्यादा ट्रांसफार्मर खराब होता है. खराब पड़े ट्रांसफार्मरों को दुरुस्त कराने के लिए साहिबगंज और दुमका जिले के भरोसे रहना पड़ता था. पाकुड़ में ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग वर्कशॉप के क्रियाशील होने से अब जिले के उपभोक्ताओं को विद्युत गायब रहने की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी.

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पाकुड़: जिले में ट्रांसफार्मर खराब होने से उपभोक्ताओं को अब परेशानी झेलनी नहीं पड़ेगी. पाकुड़ जिला मुख्यालय में ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग वर्कशॉप को विद्युत विभाग ने क्रियाशील कर दिया है. यहां अब ट्रांसफार्मर मरम्मती का काम भी शुरू हो गया है.

यह भी पढ़ें: साहिबगंज और पाकुड़ जिला को मिला दो ट्रॉली ट्रांसफार्मर, बिजली की समस्या में काम आएगा माउंटेड सबस्टेशन

जिले में ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग वर्कशॉप नहीं रहने के कारण पहले विद्युत विभाग खराब ट्रांसफार्मर को दुमका और साहिबगंज जिला भेजने को विवश था. इससे उपभोक्ताओं को कई दिनों तक परेशानी झेलनी पड़ती थी. लेकिन यहां वर्कशॉप के क्रियाशील होने से अब इन परेशानियों से मुक्ति मिल गयी है.

50 से ज्यादा खराब ट्रांसफार्मर को किया जा चुका दुरुस्त: ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग वर्कशॉप इंचार्ज चंदन कुमार ने बताया कि इस वर्कशॉप में 25 से 200 केवीए तक के ट्रांसफार्मर मरम्मती का काम शुरू कर दिया गया है. अब तक 50 से ज्यादा खराब पड़े ट्रांसफार्मर को दुरुस्त कर भेजा जा चुका है. उन्होंने बताया कि 200 से अधिक केवीए ट्रांसफार्मर का मेटेरियल नहीं मिला है. मेटेरियल मिल जाने के बाद इसका भी मरम्मती कार्य शुरू कर दिया जाएगा. वर्कशॉप इंचार्ज ने बताया कि वर्कशॉप के बाहर एक शेड की आवश्यकता है. विभाग यदि शेड निर्माण करवा दे तो हमें काम करने में और सुविधा होगी.

मेटेरियल के अभाव में हो रही थी देरी: वहीं कार्यपालक अभियंता ने बताया कि ट्रांसफार्मर वर्कशॉप के लिए काफी दिन पहले भवन का निर्माण करा दिया गया था. कई उपक्रम भी लगाए गए थे, लेकिन मेटेरियल के अभाव में वर्कशॉप क्रियाशील नहीं हो पा रहा था. विभाग द्वारा मेटेरियल उपलब्ध कराए जाने के बाद वर्कशॉप को क्रियाशील करा दिया गया है. जिसमें कई खराब ट्रांसफार्मरों को दुरुस्त कर उसे संबंधित स्थान पर भेज दिया गया है. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि 200 से अधिक केवीए के ट्रांसफर्मर की मरम्मती के लिए मेटेरियल का डिमांड विभाग से की गयी है. उसे भी जल्द ही उपलब्ध करा दिया जाएगा.

गर्मी के दिनों में ज्यादा खराब होता है ट्रांसफार्मर: बता दें कि गर्मी में अधिक लोड रहने और बरसात के दिनों में ठनका गिरने से ज्यादा ट्रांसफार्मर खराब होता है. खराब पड़े ट्रांसफार्मरों को दुरुस्त कराने के लिए साहिबगंज और दुमका जिले के भरोसे रहना पड़ता था. पाकुड़ में ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग वर्कशॉप के क्रियाशील होने से अब जिले के उपभोक्ताओं को विद्युत गायब रहने की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी.

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