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कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों में अफवाह, वैक्सीनेशन में आई कमी

पाकुड़ में पहले दौर में कोरोना वैक्सीनेशन का काम अच्छा चला. अब दूसरा अफवाह की भेंट चढ़ता दिखाई दे रहा है. जिला के सदर प्रखंड, पाकुड़ प्रखंड की एक बड़ी आबादी इन अफवाहों की जद में आकर वैक्सीन लेने से इनकार कर रहे हैं.

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वैक्सीनेशन में कमी
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Published : Apr 17, 2021, 11:52 AM IST

Updated : Apr 18, 2021, 2:25 PM IST

पाकुड़: एक तरफ शासन-प्रशासन कोरोना संक्रमण से बचाव और उसकी रोकथाम को लेकर प्रयास कर रहा है. दूसरी ओर कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर लोग अफवाह का शिकार हो रहे हैं. इस वजह से जिला में वैक्सीनेशन की रफ्तार थम सी गई है. इसको लेकर डीसी ने अफवाह पर ध्यान ना देकर सभी से वैक्सीन लेने की अपील की है.

देखें पूरी खबर

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जिला में 45 से 60 और 60 या उससे अधिक आयु के लगभग 2 लाख लोगों को पहला और दूसरा डोज का टीका दिया जाना है. जिला के 65 वैक्सीनेशन केंद्र के अलावा सभी पंचायतों में एक-एक वैक्सीनेशन केंद्र खोला गया है. वैक्सीनेशन के शुरुआती दौर में जोरशोर से वैक्सीन देने का काम चला. हाल के दिनों में सदर प्रखंड, पाकुड़ प्रखंड की एक बड़ी आबादी ने वैक्सीन लेने से साफ इनकार कर दिया. वो यह कहकर कर रहे हैं कि वैक्सीन इसलिए सुरक्षित नहीं है. क्योंकि जिन-जिन लोगों ने वैक्सीन लिया, वो बीमार पड़ गए, जबकि कुछ लोग कोरोना पॉजिटिव भी हो गए और कुछ लोगों की मौत भी हुई है.

इस अफवाह की वजह से अधिकांश लोग वैक्सीन लेने से इनकार कर रहे हैं. इतना ही नहीं अगर इन ग्रामीण इलाके में किसी व्यक्ति को सर्दी, खांसी, बुखार जैसी बीमारी होती है तो वो जल्दी निकटतम अस्पताल इसलिए डर से नहीं आते हैं कि कहीं उन्हें कोरोना का वैक्सीन ना दे दे. कुछ ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मियों की बात मानकर वैक्सीन तो ले लिया, अब दूसरा डोज लेने से साफ इनकार कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही हाल हिरणपुर, महेशपुर और पाकुड़िया प्रखंडों का भी है.

कुछ ग्रामीणों ने बताया कि वैक्सीन के बारे में गांव में कोई प्रचार करने या समझाने बुझाने गया तो उसके साथ ग्रामीण दुर्व्यवहार भी करते हैं. साथ ही मारपीट जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है. इसलिए कोई डर से समझाने-बुझाने का प्रयास भी नहीं करता. वैक्सीनेशन की धीमी गति को लेकर डीसी कुलदीप चौधरी ने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद लोगों में बुखार और दर्द होने की बात सामने आई थी और मेडिकल टीम को भी भेजा गया, पर ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया. डीसी ने बताया कि लोग झूठी अफवाह से बचें और वैक्सीन लें, ताकि कोरोना के संक्रमण से बचा जा सके. डीसी ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि ग्रामीण इलाकों में प्रचार-प्रसार कराए और लोगों को जागरूक करें.

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स्वास्थ्य विभाग से दिए गए अब तक के आंकड़ों के मुताबिक पाकुड़ में 12310 लोगों को पहला डोज, 2056 को दूसरा, हिरणपुर प्रखंड में पहला डोज 6257, दूसरा 764, लिट्टीपाड़ा प्रखंड में पहला डोज 6166, दूसरा 974, अमड़ापाड़ा प्रखंड में पहला डोज 5223, दूसरा 634, महेशपुर प्रखंड में पहला डोज 13589, दूसरा 1418 और पाकुड़िया प्रखंड में पहला डोज 9659 और दूसरा डोज 1139 लोगों को अबतक दिया जा चुका है.

कुल मिलाकर कहें तो 2 लाख लक्ष्य के विरुद्ध अब तक कोरोना का पहला डोज 53202 और दूसरा डोज 6965 लोगों को दिया जा चुका है. जिस रफ्तार से लोग कोरोना संक्रमित हो रहे है. अगर टीकाकरण का यही हाल रहा तो जिला में मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाएगी और शासन-प्रशासन सहित आम लोगों के लिए मुश्किल हो जाएगी.

पाकुड़: एक तरफ शासन-प्रशासन कोरोना संक्रमण से बचाव और उसकी रोकथाम को लेकर प्रयास कर रहा है. दूसरी ओर कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर लोग अफवाह का शिकार हो रहे हैं. इस वजह से जिला में वैक्सीनेशन की रफ्तार थम सी गई है. इसको लेकर डीसी ने अफवाह पर ध्यान ना देकर सभी से वैक्सीन लेने की अपील की है.

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जिला में 45 से 60 और 60 या उससे अधिक आयु के लगभग 2 लाख लोगों को पहला और दूसरा डोज का टीका दिया जाना है. जिला के 65 वैक्सीनेशन केंद्र के अलावा सभी पंचायतों में एक-एक वैक्सीनेशन केंद्र खोला गया है. वैक्सीनेशन के शुरुआती दौर में जोरशोर से वैक्सीन देने का काम चला. हाल के दिनों में सदर प्रखंड, पाकुड़ प्रखंड की एक बड़ी आबादी ने वैक्सीन लेने से साफ इनकार कर दिया. वो यह कहकर कर रहे हैं कि वैक्सीन इसलिए सुरक्षित नहीं है. क्योंकि जिन-जिन लोगों ने वैक्सीन लिया, वो बीमार पड़ गए, जबकि कुछ लोग कोरोना पॉजिटिव भी हो गए और कुछ लोगों की मौत भी हुई है.

इस अफवाह की वजह से अधिकांश लोग वैक्सीन लेने से इनकार कर रहे हैं. इतना ही नहीं अगर इन ग्रामीण इलाके में किसी व्यक्ति को सर्दी, खांसी, बुखार जैसी बीमारी होती है तो वो जल्दी निकटतम अस्पताल इसलिए डर से नहीं आते हैं कि कहीं उन्हें कोरोना का वैक्सीन ना दे दे. कुछ ग्रामीण स्वास्थ्य कर्मियों की बात मानकर वैक्सीन तो ले लिया, अब दूसरा डोज लेने से साफ इनकार कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही हाल हिरणपुर, महेशपुर और पाकुड़िया प्रखंडों का भी है.

कुछ ग्रामीणों ने बताया कि वैक्सीन के बारे में गांव में कोई प्रचार करने या समझाने बुझाने गया तो उसके साथ ग्रामीण दुर्व्यवहार भी करते हैं. साथ ही मारपीट जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है. इसलिए कोई डर से समझाने-बुझाने का प्रयास भी नहीं करता. वैक्सीनेशन की धीमी गति को लेकर डीसी कुलदीप चौधरी ने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद लोगों में बुखार और दर्द होने की बात सामने आई थी और मेडिकल टीम को भी भेजा गया, पर ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया. डीसी ने बताया कि लोग झूठी अफवाह से बचें और वैक्सीन लें, ताकि कोरोना के संक्रमण से बचा जा सके. डीसी ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि ग्रामीण इलाकों में प्रचार-प्रसार कराए और लोगों को जागरूक करें.

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स्वास्थ्य विभाग से दिए गए अब तक के आंकड़ों के मुताबिक पाकुड़ में 12310 लोगों को पहला डोज, 2056 को दूसरा, हिरणपुर प्रखंड में पहला डोज 6257, दूसरा 764, लिट्टीपाड़ा प्रखंड में पहला डोज 6166, दूसरा 974, अमड़ापाड़ा प्रखंड में पहला डोज 5223, दूसरा 634, महेशपुर प्रखंड में पहला डोज 13589, दूसरा 1418 और पाकुड़िया प्रखंड में पहला डोज 9659 और दूसरा डोज 1139 लोगों को अबतक दिया जा चुका है.

कुल मिलाकर कहें तो 2 लाख लक्ष्य के विरुद्ध अब तक कोरोना का पहला डोज 53202 और दूसरा डोज 6965 लोगों को दिया जा चुका है. जिस रफ्तार से लोग कोरोना संक्रमित हो रहे है. अगर टीकाकरण का यही हाल रहा तो जिला में मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाएगी और शासन-प्रशासन सहित आम लोगों के लिए मुश्किल हो जाएगी.

Last Updated : Apr 18, 2021, 2:25 PM IST

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