ETV Bharat / state

कम बारिश से किसानों को आफत, सरकार ने अब तब नहीं दी कोई राहत - ETV Bharat

झारखंड के किसान कम बारिश के कारण धान की खेती नहीं हो पाने से परेशान (Jharkhand farmers upset) हैं. सरकार की तरफ से अब तक इन किसानों के कोई राहत भी नहीं दी गई है. हालांकि सरकार ने वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने की घोषणा जरूर की है.

Jharkhand farmers upset
Jharkhand farmers upset
author img

By

Published : Aug 7, 2022, 5:39 PM IST

Updated : Aug 7, 2022, 5:47 PM IST

पाकुड़: झारखंड में सरकार बचाने और गिराने की खूब चर्चा हो रही है लेकिन, आम सहित खास लोगों को निवाला मुहैया कराने वाले किसान आफत में हैं और सरकार इन्हें अब तक कोई राहत नहीं दे पाई है. बारिश कम होने की वजह से किसानों के खेत परती पड़े हुए हैं, धान की रोपनी तो दूर खेती की जुताई भी किसान अब तक नहीं कर पाए हैं. अगर सरकार ने इन परेशान किसानों (Jharkhand farmers upset) को आफत की घड़ी में कोई राहत नहीं दी तो जिले के हजारों किसानों को सालों भर परेशान रहना पड़ेगा.

इसे भी पढ़ें: झारखंड में सुखाड़ जैसे हालात पर हाई लेवल मीटिंगः 15 अगस्त तक की स्थिति देखने के बाद उचित कदम उठाएंगे- कृषि सचिव

वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने की घोषणा: बीते दो तीन दिन लगातार हुई बारिश के बाद किसान अपने अपने खेतों में इस उम्मीद से जुताई रोपाई कार्य में जुट गए कि आगे अच्छी बारिश होगी और फसल उपजा सकेंगे लेकिन किसान इस चिंता में भी है कि यदि बारिश नहीं हुई या ज्यादा हो गयी तो फिर बिचड़ा खराब हो जाएगा और भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. हालांकि, कम बारिश से आफत झेल रहे किसानों को राहत देने के लिए झारखंड सरकार ने वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने की घोषणाएं की है.

देखें पूरी खबर

अन्य फसल की रोपाई के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण: धान की खेती के रोपाई को लेकर कृषि विभाग के तकनीकी पदाधिकारी मोहम्मद समीम ने बताया कि बीते वर्ष लक्ष्य के विरुद्ध 92 प्रतिशत धान की रोपाई हुई थी और इस वर्ष बारिश नहीं होने के कारण मात्र 6.1 प्रतिशत हो पाई है. उन्होंने बताया कि बारिश नहीं होने से धान की कम रोपाई की रिपोर्ट विभाग के वरीय पदाधिकारियों को पत्राचार किया गया है. उन्होंने बताया कि किसानों को नुकसान न हो इसके लिए अन्य फसल की रोपाई के लिए प्रशिक्षण दिया गया है और बीज का भी वितरण किया जाएगा.

पाकुड़ में महज 6.1% हुई है रोपनी: पाकुड़ जिले में 49 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित है और मात्र 3 हजार हेक्टेयर भूमि में ही धान की रोपनी हुई है जो 6.1% है. पाकुड़ जिले के सदर प्रखंड में सर्वाधिक 9.1 फीसदी भूमि पर लक्ष्य के विरुद्ध रोपनी हुई है. जबकि सबसे कम 5 फीसदी महेशपुर प्रखंड में धान की खेती हो पाई है. बीते साल लक्ष्य के विरुद्ध 92 प्रतिशत धान फसल का आच्छादन हुआ था. इस साल बारिश अपेक्षाकृत बहुत कम होने के कारण किसान परेशान हैं. किसानों को उम्मीद है कि राज्य और केंद्र सरकार उनकी इस हालत में मदद करेगी.

पाकुड़: झारखंड में सरकार बचाने और गिराने की खूब चर्चा हो रही है लेकिन, आम सहित खास लोगों को निवाला मुहैया कराने वाले किसान आफत में हैं और सरकार इन्हें अब तक कोई राहत नहीं दे पाई है. बारिश कम होने की वजह से किसानों के खेत परती पड़े हुए हैं, धान की रोपनी तो दूर खेती की जुताई भी किसान अब तक नहीं कर पाए हैं. अगर सरकार ने इन परेशान किसानों (Jharkhand farmers upset) को आफत की घड़ी में कोई राहत नहीं दी तो जिले के हजारों किसानों को सालों भर परेशान रहना पड़ेगा.

इसे भी पढ़ें: झारखंड में सुखाड़ जैसे हालात पर हाई लेवल मीटिंगः 15 अगस्त तक की स्थिति देखने के बाद उचित कदम उठाएंगे- कृषि सचिव

वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने की घोषणा: बीते दो तीन दिन लगातार हुई बारिश के बाद किसान अपने अपने खेतों में इस उम्मीद से जुताई रोपाई कार्य में जुट गए कि आगे अच्छी बारिश होगी और फसल उपजा सकेंगे लेकिन किसान इस चिंता में भी है कि यदि बारिश नहीं हुई या ज्यादा हो गयी तो फिर बिचड़ा खराब हो जाएगा और भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. हालांकि, कम बारिश से आफत झेल रहे किसानों को राहत देने के लिए झारखंड सरकार ने वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने की घोषणाएं की है.

देखें पूरी खबर

अन्य फसल की रोपाई के लिए दिया जाएगा प्रशिक्षण: धान की खेती के रोपाई को लेकर कृषि विभाग के तकनीकी पदाधिकारी मोहम्मद समीम ने बताया कि बीते वर्ष लक्ष्य के विरुद्ध 92 प्रतिशत धान की रोपाई हुई थी और इस वर्ष बारिश नहीं होने के कारण मात्र 6.1 प्रतिशत हो पाई है. उन्होंने बताया कि बारिश नहीं होने से धान की कम रोपाई की रिपोर्ट विभाग के वरीय पदाधिकारियों को पत्राचार किया गया है. उन्होंने बताया कि किसानों को नुकसान न हो इसके लिए अन्य फसल की रोपाई के लिए प्रशिक्षण दिया गया है और बीज का भी वितरण किया जाएगा.

पाकुड़ में महज 6.1% हुई है रोपनी: पाकुड़ जिले में 49 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित है और मात्र 3 हजार हेक्टेयर भूमि में ही धान की रोपनी हुई है जो 6.1% है. पाकुड़ जिले के सदर प्रखंड में सर्वाधिक 9.1 फीसदी भूमि पर लक्ष्य के विरुद्ध रोपनी हुई है. जबकि सबसे कम 5 फीसदी महेशपुर प्रखंड में धान की खेती हो पाई है. बीते साल लक्ष्य के विरुद्ध 92 प्रतिशत धान फसल का आच्छादन हुआ था. इस साल बारिश अपेक्षाकृत बहुत कम होने के कारण किसान परेशान हैं. किसानों को उम्मीद है कि राज्य और केंद्र सरकार उनकी इस हालत में मदद करेगी.

Last Updated : Aug 7, 2022, 5:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.