पाकुड़: दस सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गये ग्रामीण डाक सेवकों ने मुख्य डाकघर के समक्ष प्रदर्शन किया. अखिल भारतीय ग्रामीण डाक सेवक संघ के जियाउल हक के नेतृत्व में ग्रामीण डाक सेवकों ने अपनी मांगों के समर्थन और केंद्र सरकार के विरोध में नारे लगाये.
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण डाक कर्मचारी जीडीएस पर लगाए गए नियम 3ए को तत्काल हटाने, ग्रामीण डाक सेवकों को पेंशन सहित सभी प्रकार के लाभ देने, समूह बीमा कवरेज को 5 लाख रुपये तक बढ़ाने, विभागीय कर्मचारियों के बराबर जीडीएस की ग्रेच्युटी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. वे टीआरसीए को शीघ्र समाप्त करने और सेवाओं में सुधार के लिए सभी शाखा कार्यालयों में लैपटॉप, प्रिंटर आदि आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं.
सरकार पर वादाखिलाफी का लगाया आरोप: संघ के जियाउल हक ने कहा कि सरकार हमसे वादाखिलाफी कर रही है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण डाक सेवक लोगों के संदेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने का काम पूरी ईमानदारी से कर रहे हैं, फिर भी उन्हें उनका वाजिब हक नहीं दिया जा रहा है.
ग्रामीण डाक कर्मियों की हड़ताल के कारण बीओ बैग का आदान-प्रदान पूरी तरह से ठप हो गया है, दैनिक लेखा कार्य भी प्रभावित हुआ है. ग्रामीण डाक कर्मियों की हड़ताल के कारण स्पीड पोस्ट और जनरल पोस्ट के काम पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है. जिले के सभी प्रखंडों के ग्रामीण डाक सेवकों के हड़ताल पर चले जाने से डाक सेवा पूरी तरह चरमरा गयी है. इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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