ETV Bharat / state

महेशपुर विधानसभा क्षेत्र का नहीं हुआ विकास, जनता देगी मौका तो दिखाएंगे काम: सुफल मरांडी

पाकुड़ के महेशपुर विधानसभा सीट से इस बार विधानसभा चुनाव में आजसू ने पूर्व विधायक सुफल मरांडी को प्रत्याशी बनाया है. सुफल मरांडी की क्षेत्र में अपनी अलग पहचान है, लेकिन जनता उन्हें आशीर्वाद देती है या नहीं ये 23 दिसंबर को पता चलेगा.

ETV bharat interviews with AJSU candidate Sufal Marandi in pakur
आजसू प्रत्याशी ने किया जीत का दावा
author img

By

Published : Nov 27, 2019, 10:53 AM IST

पाकुड़: जल, जंगल और जमीन के लिए कभी लड़ाई लड़ने वाले पूर्व विधायक सुफल मरांडी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि वो इस बार महेशपुर विधानसभा सीट से आजसू पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अपनी किस्मत आजामाएंगे.

देखें पूरी खबर

सुफल मरांडी ने जेएमएम का साथ छोड़कर आजसू पार्टी से चुनाव लड़ने का मन बनाया है. उन्होंने ईटीवी भारत से पार्टी छोड़ने और विधानसभा चुनाव में अपने मुद्दे को लेकर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि महेशपुर विधानसभा क्षेत्र से बाहर रहने वाले को पिछले चुनाव में जेएमएम ने प्रत्याशी बनाया था. क्षेत्र की जनता ने उन्हें इस आस में जीताया था कि विकास होगा और लोगों की जिंदगी में बदलाव आएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. पूर्व विधायक ने कहा कि प्रोफेसर स्टीफन मरांडी ने क्षेत्र के विकास में कोई रुचि नहीं दिखाई. इसलिए इस बार जनता उन्हें खारिज करेगी और हमें सेवा करने का मौका देगी. उन्होंने बीजेपी सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल हो गई है, साथ ही सभी पुल-पुलिया भी ढहने लगे हैं, जिसपर किसी ने ध्यान नहीं दिया.

इसे भी पढ़ें:- पाकुड़ में कांग्रेस की बैठक, आलमगीर आलम ने कहा- सिर्फ पेन और पेपर पर रघुवर सरकार ने खत्म किया उग्रवाद

पूर्व विधायक सुफल मरांडी महेशपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए चर्चित चेहरा रहे हैं. उन्होंने जेएमएम में शामिल होकर राजनीति शुरू की है. 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने तत्कालीन राज्य के कैबिनेट मंत्री को पराजित किया था. 2009 के चुनाव में उन्हें फिर से झमुमो ने प्रत्याशी बनाया, लेकिन स्क्रुटनी के दौरान उनका नामांकन रद्द कर दिया गया, जिसके कारण बीजेपी के देवीधन टुडू और झाविमो के मिस्त्री सोरेन के बीच सीधा मुकाबला हुआ और मिस्त्री सोरेन ने जीत हासिल की. सुफल मरांडी कुछ दिनों तक बीजेपी में भी रहे, लेकिन फिर उन्होंने पुराने घर जेएमएम में वापसी कर ली है. 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने उनका टिकट काटकर प्रोफेसर स्टीफन मरांडी को प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत दर्ज की.

महेशपुर विधानसभा क्षेत्र में सुफल मरांडी ने सभी वर्ग के बीच अपनी व्यवहार कुशलता और सरल स्वभाव के कारण अलग पहचान बनायी है. इस बार के विधानसभा चुनाव में सुफल मरांडी आजसू के चुनाव चिन्ह से अपना भाग्य आजमाएंगे. इनके प्रत्याशी बनने के बाद से महेशपुर विधानसभा सीट पर मुकाबला रोमांचक हो गया है.

पाकुड़: जल, जंगल और जमीन के लिए कभी लड़ाई लड़ने वाले पूर्व विधायक सुफल मरांडी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि वो इस बार महेशपुर विधानसभा सीट से आजसू पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अपनी किस्मत आजामाएंगे.

देखें पूरी खबर

सुफल मरांडी ने जेएमएम का साथ छोड़कर आजसू पार्टी से चुनाव लड़ने का मन बनाया है. उन्होंने ईटीवी भारत से पार्टी छोड़ने और विधानसभा चुनाव में अपने मुद्दे को लेकर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि महेशपुर विधानसभा क्षेत्र से बाहर रहने वाले को पिछले चुनाव में जेएमएम ने प्रत्याशी बनाया था. क्षेत्र की जनता ने उन्हें इस आस में जीताया था कि विकास होगा और लोगों की जिंदगी में बदलाव आएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. पूर्व विधायक ने कहा कि प्रोफेसर स्टीफन मरांडी ने क्षेत्र के विकास में कोई रुचि नहीं दिखाई. इसलिए इस बार जनता उन्हें खारिज करेगी और हमें सेवा करने का मौका देगी. उन्होंने बीजेपी सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल हो गई है, साथ ही सभी पुल-पुलिया भी ढहने लगे हैं, जिसपर किसी ने ध्यान नहीं दिया.

इसे भी पढ़ें:- पाकुड़ में कांग्रेस की बैठक, आलमगीर आलम ने कहा- सिर्फ पेन और पेपर पर रघुवर सरकार ने खत्म किया उग्रवाद

पूर्व विधायक सुफल मरांडी महेशपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए चर्चित चेहरा रहे हैं. उन्होंने जेएमएम में शामिल होकर राजनीति शुरू की है. 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने तत्कालीन राज्य के कैबिनेट मंत्री को पराजित किया था. 2009 के चुनाव में उन्हें फिर से झमुमो ने प्रत्याशी बनाया, लेकिन स्क्रुटनी के दौरान उनका नामांकन रद्द कर दिया गया, जिसके कारण बीजेपी के देवीधन टुडू और झाविमो के मिस्त्री सोरेन के बीच सीधा मुकाबला हुआ और मिस्त्री सोरेन ने जीत हासिल की. सुफल मरांडी कुछ दिनों तक बीजेपी में भी रहे, लेकिन फिर उन्होंने पुराने घर जेएमएम में वापसी कर ली है. 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने उनका टिकट काटकर प्रोफेसर स्टीफन मरांडी को प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत दर्ज की.

महेशपुर विधानसभा क्षेत्र में सुफल मरांडी ने सभी वर्ग के बीच अपनी व्यवहार कुशलता और सरल स्वभाव के कारण अलग पहचान बनायी है. इस बार के विधानसभा चुनाव में सुफल मरांडी आजसू के चुनाव चिन्ह से अपना भाग्य आजमाएंगे. इनके प्रत्याशी बनने के बाद से महेशपुर विधानसभा सीट पर मुकाबला रोमांचक हो गया है.

Intro:पाकुड़ : जल जंगल और जमीन के लिए कभी लड़ाई लड़ने वाले पूर्व विधायक सुफल मरांडी अब गांव की सरकार बनाएंगे। झारखंड राज्य में गांव की अगली सरकार बने इसके लिए पूर्व विधायक सुफल मरांडी ऑल झारखंड स्टूडेंट पार्टी के चुनाव चिन्ह पर महेशपुर विधानसभा सीट से अपना किस्मत आजमाएंगे।


Body:ईटीवी भारत ने पूर्व विधायक सुफल मरांडी से पार्टी से नाता तोड़ने, विधानसभा चुनाव में उनके द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दे और पार्टी छोड़ने के कारणों को लेकर बातचीत की। सुफल मरांडी ने कहा कि हमारा मुख्य मुद्दा महेशपुर विधानसभा क्षेत्र का बेहतर विकास है। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र से बाहर रहने वाले पिछले चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने प्रत्याशी बनाया था और क्षेत्र की जनता ने इस आस में जिताया है कि विकास होगा और लोगों की जिंदगी में बदलाव आएगा पर ऐसा हुआ नहीं। पूर्व विधायक ने कहा कि प्रोफेसर स्टीफन मरांडी ने क्षेत्र के विकास में कोई रुचि ही नहीं ली। इसलिए इस बार जनता उन्हें खारिज करेगी और हमें सेवा करने का मौका देगी। विधानसभा क्षेत्र के घोषित प्रत्याशी सुफल मरांडी ने कहा कि क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है और स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि पुल पुलिया ढहने लगा है।
पूर्व विधायक सुफल मरांडी महेशपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए चर्चित चेहरा रहे हैं। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होकर राजनीति शुरू की। 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने तत्कालीन राज्य के कैबिनेट को पराजित किया। 2009 के चुनाव में इन्हें झमोमो ने प्रत्याशी बनाया और स्कूटनी के दौरान पाई गई वजह से इनका नामांकन रद्द कर दिया गया और यह चुनाव नहीं लड़ पाए। 2009 के चुनाव में भाजपा के देवीधन टुडू और झाविमो के मिस्त्री सोरेन का सीधा मुकाबला हुआ और मिस्त्री सोरेन ने जीत दर्ज की। सुफल कुछ दिनों तक भाजपा में रहे और बाद में पुराने घर झामुमो में लौट गए। 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया। महेशपुर से दुमका विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रोफेसर स्टीफन मरांडी को प्रत्याशी बनाया और इन्होंने जीत दर्ज की।


Conclusion:महेशपुर विधानसभा क्षेत्र में सुफल मरांडी सभी जाति धर्म वर्ग के बीच अपनी व्यवहार कुशलता एवं सरल स्वभाव के कारण अलग पहचान बना रखी है। इस बार अंतिम चरण के होने वाले चुनाव में सुफल मरांडी आजसू के चुनाव चिन्ह से अपना भाग्य आजमाएंगे। इनके मैदान में उतरने से महेशपुर विधानसभा सीट पर रोमांचक मुकाबला होगा। श्री मरांडी भाजपा हो या झामुमो सभी के वोट बैंक में सेंधमारी करने का प्रयास करेंगे और यदि वे सफल हो गए तो चुनाव परिणाम भी आश्चर्यजनक होगा, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.