पाकुड़: जल, जंगल और जमीन के लिए कभी लड़ाई लड़ने वाले पूर्व विधायक सुफल मरांडी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि वो इस बार महेशपुर विधानसभा सीट से आजसू पार्टी के चुनाव चिन्ह पर अपनी किस्मत आजामाएंगे.
सुफल मरांडी ने जेएमएम का साथ छोड़कर आजसू पार्टी से चुनाव लड़ने का मन बनाया है. उन्होंने ईटीवी भारत से पार्टी छोड़ने और विधानसभा चुनाव में अपने मुद्दे को लेकर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि महेशपुर विधानसभा क्षेत्र से बाहर रहने वाले को पिछले चुनाव में जेएमएम ने प्रत्याशी बनाया था. क्षेत्र की जनता ने उन्हें इस आस में जीताया था कि विकास होगा और लोगों की जिंदगी में बदलाव आएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. पूर्व विधायक ने कहा कि प्रोफेसर स्टीफन मरांडी ने क्षेत्र के विकास में कोई रुचि नहीं दिखाई. इसलिए इस बार जनता उन्हें खारिज करेगी और हमें सेवा करने का मौका देगी. उन्होंने बीजेपी सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल हो गई है, साथ ही सभी पुल-पुलिया भी ढहने लगे हैं, जिसपर किसी ने ध्यान नहीं दिया.
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पूर्व विधायक सुफल मरांडी महेशपुर विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए चर्चित चेहरा रहे हैं. उन्होंने जेएमएम में शामिल होकर राजनीति शुरू की है. 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने तत्कालीन राज्य के कैबिनेट मंत्री को पराजित किया था. 2009 के चुनाव में उन्हें फिर से झमुमो ने प्रत्याशी बनाया, लेकिन स्क्रुटनी के दौरान उनका नामांकन रद्द कर दिया गया, जिसके कारण बीजेपी के देवीधन टुडू और झाविमो के मिस्त्री सोरेन के बीच सीधा मुकाबला हुआ और मिस्त्री सोरेन ने जीत हासिल की. सुफल मरांडी कुछ दिनों तक बीजेपी में भी रहे, लेकिन फिर उन्होंने पुराने घर जेएमएम में वापसी कर ली है. 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने उनका टिकट काटकर प्रोफेसर स्टीफन मरांडी को प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत दर्ज की.
महेशपुर विधानसभा क्षेत्र में सुफल मरांडी ने सभी वर्ग के बीच अपनी व्यवहार कुशलता और सरल स्वभाव के कारण अलग पहचान बनायी है. इस बार के विधानसभा चुनाव में सुफल मरांडी आजसू के चुनाव चिन्ह से अपना भाग्य आजमाएंगे. इनके प्रत्याशी बनने के बाद से महेशपुर विधानसभा सीट पर मुकाबला रोमांचक हो गया है.